दिग्गज वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) ने अपने 75 साल के करियर में तमाम हाईप्रोफाइल मुकदमे लड़े। आसाराम से लेकर अफजल गुरु तक की पैरवी करने वाले जेठमलानी के क्लाइंट में संजय दत्त भी शामिल थे। राम जेठमलानी ही वो शख्स थे जिन्होंने साल 1993 के मुंबई दंगों से जुड़े टाडा मामले में संजय दत्त को जमानत दिलवाई थी। हालांकि एक वक्त ऐसा आया जब दोनों के रिश्ते तल्ख हो गए। राम जेठमलानी ने यहां तक कह दिया था कि संजय दत्त का सांसद बनना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रदीप राय indialegallive पर राम जेठमलानी पर केंद्रित अपने संस्मरण में लिखते हैं, ”जेठमलानी ने भले ही संजय दत्त को 1993 के दंगों से जुड़े मामले में जमानत दिलवाई लेकिन दोनों के बीच ताल्लुक कुछ खास अच्छे नहीं थे। एक मौका तो ऐसा आया जब जेठमलानी ने संजय दत्त के खिलाफ प्रेस रिलीज जारी कर दी और कहा कि वह सांसद बनने योग्य नहीं है। फिर गलती का एहसास हुआ तो माफी भी मांगी।
जेठमलानी ने रोते हुए संजय दत्त से मांगी थी माफी
प्रदीप राय लिखते हैं कि इस घटना के कुछ वक्त बाद दिल्ली एयरपोर्ट के लाउंज में संजय दत्त और राम जेठमलानी टकरा गए। दोनों अपनी-अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे। राम जेठमलानी अचानक अपनी सीट से उठे और संजय दत्त के पास जाकर रोने लगे। उन्होंने संजय दत्त का हाथ पकड़कर कहा, ‘बेटा मैंने तुम्हारे साथ बहुत अन्याय किया है… मैं तुमसे और तुम्हारे पिता से माफी मांगना चाहता हूं, दुर्भाग्य है कि अब वह (सुनील दत्त) दुनिया में नहीं हैं। कृपया मुझे माफ कर दो…’।
संजय दत्त ने भी छू लिये थे पैर
राय लिखते हैं कि जेठमलानी को इस तरह रोता देख किसी को कुछ समझ में ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है। लेकिन संजय दत्त की आंखों में भी आंसू आ गए। उन्होंने जेठमलानी से कहा, ‘मेरी किस्मत में जो था, वह हुआ। आपके प्रति कोई कटुता नहीं है… और उन्होंने जेठमलानी के पैर छू लिये’।
लालू से अजीबोगरीब ‘फीस’ की डिमांड
प्रदीप राय, राम जेठमलानी से जुड़ा एक और किस्सा बताते हैं। वह लिखते हैं कि जेठमलानी, चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के वकील हुआ करते थे लेकिन कभी भी उनसे एक रुपए फीस नहीं ली। उनकी एक अजीबोगरीब शर्त थी। वह यह कि जेठमलानी, लालू के साथ ड्रिंक पर कुछ शाम बिताएंगे। लालू, जेठमलानी को प्यार से ‘चाचा’ कहा करते थे और कहते थे ‘चाचा खिलाते हैं…जबरदस्ती पिलाते हैं और केस भी जिताते हैं…’।
आपको बता दें कि राम जेठमलानी का साल 2019 में 95 साल की उम्र में निधन हो गया था। जेठमलानी ने महज 19 साल की उम्र में वकालत शुरू की थी और तकरीबन 75 साल तक जिरह करते रहे। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी थे।
जेठमलानी को इंटरनेशनल ज्यूरिस्ट अवॉर्ड, वर्ल्ड पीस थ्रू लॉ अवॉर्ड, फिलीपींस में 1977 में ह्यूमन राइट अवॉर्ड से नवाजा गया था। राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी भी जाने-माने वकील हैं।