प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 15 जुलाई को पश्चिम एशियाई देश ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (UAE) की एक दिवसीय यात्रा पर थे। पीएम मोदी ने शनिवार को अबू धाबी में UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाह्यान (Sheikh Mohamed Bin Zayed Al Nahyan) से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें शेख मोहम्मद से हमेशा एक भाई का प्यार मिला है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाह्यान से कहा, “जिस तरह से हमारे देशों के बीच संबंधों का विस्तार हुआ है, उसमें आपका बहुत बड़ा योगदान है। भारत में हर व्यक्ति आपको एक सच्चे दोस्त के रूप में देखता है।”
राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाह्यान को MBZ भी कहा जाता है। यह एक तरह से उनका निकनेम बन चुका है। शेख मोहम्मद अपने सौतेले भाई शेख खलीफा बिन जायद की मृत्यु के बाद मई 2022 में UAE के राष्ट्रपति बने थे। शेख खलीफा बिन जायद ने लगभग दो दशकों तक संयुक्त अरब अमीरात पर शासन किया था। अब शेख मोहम्मद अरब दुनिया के सबसे प्रभावशाली शासक के रूप में उभरे हैं।
शेख मोहम्मद को उनके जिज्ञासु दिमाग और विनम्र व्यवहार के लिए भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी से शेख मोहम्मद के खास संबंध रहे हैं। शायद यही वजह है कि पीएम मोदी ने साल 2017 में एमबीजेड के लिए एक परंपरा को दरकिनार कर दिया था।
तब क्या हुआ था?
यह साल 2017 की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल के तीसरे साल में प्रवेश करने वाले थे। साल की पहले महीने में होने वाले गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर मोदी सरकार ने मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नाह्यान को बतौर चीफ़ गेस्ट आमंत्रित किया था। तब एमबीजेड ना तो हेड ऑफ स्टेट थे, ना ही हेड ऑफ गवर्मेंट।
जबकि भारत में यह परंपरा रही है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को ही मुख्य अतिथि बनाता है। बावजूद इसके देश ने 2017 के गणतंत्र दिवस के मौके पर शेख मोहम्मद को मुख्य अतिथि के तौर पर देखा।
पीएम मोदी और UAE
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नौ साल के कार्यकाल में पांच बार संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर जा चुके हैं। पद संभालने के बाद से ही पीएम मोदी ने खाड़ी के इस्लामिक देशों से संबंध मजबूत करने का प्रयास किया है। पीएम मोदी से पहले आखिरी बार 34 साल पहले साल 1981 में इंदिरा गांधी यूएई की दौरे पर गई थीं। पिछली बार जून 2022 में जब पीएम यूएई के दौरे पर गए थे, तो शेख मोहम्मद ने प्रोटोकॉल की परवाह किए बिना खुद अबू धाबी एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया था। यूएई पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ ज़ायद से भी नजाव चुका है।
पहला दौरा | अगस्त 2015 |
दूसरा दौरा | फरवरी 2018 |
तीसरा दौरा | अगस्त 2019 |
चौथा दौरा | जून 2022 |
पांचवा दौरा | जुलाई 2023 |
कभी सेना में पायलट थे एमबीजेड
शेख मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाह्यान (Sheikh Mohamed Bin Zayed Al Nahyan) संयुक्त अरब अमीरात के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति जायद बिन सुल्तान अल-नाह्यान के तीसरे बेटे हैं। शेख मोहम्मद का जन्म साल 1961 में अबू धाबी में हुआ। उनकी पढ़ाई लिखाई ब्रिटेन की मिलिट्री स्कूल से हुई। साल 1979 में उन्होंने रॉयल मिलिट्री एकेडमी सेंडहर्स्ट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी। उन्हें आज भी फुटबॉल मैच देखना बहुत पसंद है।
UAE का यह कद्दावर नेता एक प्रशिक्षित सैनिक है। पढ़ाई पूरी करने के बाद शेख मोहम्मद लंबे समय तक सेना में रहे। फिर संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना में पायलट बन गए। साल 1993 डिप्टी स्टाफ चीफ और फिर जनरल के पद पर प्रमोट हुए।
कैसे शुरू हुआ राजनीतिक करियर?
शेख मोहम्मद का राजनीतिक करियर तब शुरू हुआ जब साल 2003 में उनके पिता शेख जायद बिन सुल्तान अल-नाह्यान ने देश का डिप्टी क्राउन प्रिंस नियुक्त कर दिया। एक साल के भीतर ही एमबीजेड को क्राउन प्रिंस के पद पर पदोन्नत किया गया क्योंकि उनके पिता की मृत्यु हो गई। वहीं एमबीजेड के शौतेले भाई शेख खलीफा साल 2004 से यूएई के राष्ट्रपति बने।
पर्दे के पीछे चलाने लगे सत्ता!
साल 2014 में स्ट्रोक का शिकार होने के बाद शेख खलीफा ने प्रत्यक्ष तौर पर सरकार के कामकाज में हिस्सा लेना बंद कर दिया। इसके बाद सात अमीरातों की फेडरल सुप्रीम कमेटी ने शेख मोहम्मद को अबू धाबी के शासक के तौर पर नामित किया। इस तरह राष्ट्रपति के पद पर न रहते हुए भी शेख मोहम्मद सरकार चलाने लगे। 2022 में शेख खलीफा की मौत के बाद शेख मोहम्मद आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति भी बन गए।
शेख मोहम्मद अक्सर सार्वजनिक तौर पर बोलने से बचते हैं। वह खुद को लो-प्रोफाइल रखना पसंद करते हैं। हालांकि वह अपने देश को लेकर वह बहुत महत्वाकांक्षी हैं। वो संयुक्त अरब अमीरात को पश्चिम एशिया का सबसे ताकतवर देश बनाना चाहते हैं।