इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी (Emergency 1975) लगाने का ऐलान कर दिया। सबसे पहले प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई। उसके बाद चुन-चुनकर प्रधानमंत्री के विरोधियों और विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जाने लगा। वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने अपनी किताब ‘दरबार’ (Durbar) में इमरजेंसी के घटनाक्रम पर विस्तार से लिखा है। तवलीन (Tavleen Singh) लिखती हैं कि इंदिरा गांधी ने अपने विरोधियों के खिलाफ इनकम टैक्स रेड को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया।
नेता, पत्रकार, बिजनेसमैन किसी को भी नहीं छोड़ रही थीं। ऐसे ही एक सुबह कपूरथला राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेरे दोस्त मार्तंड सिंह (मापू ) के दिल्ली (सुंदरनगर) वाले घर पर सुबह-सुबह इनकम टैक्स के अफसर पहुंच गए।
किसके घर मिली थी चांदी की कुर्सी?
इनकम टैक्स की टीम ने मार्तंड (Martand Singh) का पूरा घर उलट-पुलट डाला। अचानक उनकी निगाह ड्राइंग रूम में रखी एक कुर्सी पर गई, जो पूरी तरह चांदी की बनी थी। इनकम टैक्स अफसरों के कान खड़े हो गए और मापू से उस कुर्सी के बारे में पूछताछ करने लगे। मापू ने उन्हें बताया कि कुर्सी उनकी नहीं, बल्कि गुजरात के एक राजकुमार की है और दिल्ली रिपेयर होने के लिए लाई गई थी। बाद में उन्हीं के घर रखवा दी गई। लेकिन इनकम टैक्स की टीम को मापू की बात पर भरोसा नहीं हुआ और कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे।
बिजनेसमैन के घर लगी एसी बन गई थी मुसीबत
तवलीन सिंह लिखती हैं कि मार्तंड सिंह (मापू ) के घर छापा डालने के बाद इनकम टैक्स की टीम एक बिजनेसमैन के घर पहुंची। उस उद्योगपति के घर में 7 एसी लगे थे। इनकम टैक्स अफसरों ने इसी को मुद्दा बना लिया और उस बिजनेसमैन से पूछने लगी कि आखिर 7 एसी का खर्च कैसे उठा लेते हैं। उन दिनों सरकार, जानबूझकर इनकम टैक्स रेड की खबरें अखबारों में लीक करवाती थी, ताकि विरोधियों के बीच दहशत का माहौल बनाया जा सके।
महारानी के बैग में मिला 70 डॉलर
इमरजेंसी के दिनों में जयपुर की महारानी गायत्री देवी पर भी इनकम टैक्स रेड का किस्सा खासा मशहूर है। राजमाता गायत्री देवी के घर पर इनकम टैक्स के दर्जनों अफसर धमक पड़े। शुरुआत में कई दिन छापेमारी में कुछ खास हाथ नहीं लगा सिवाय 70 डॉलर के, जो महारानी गायत्री दिवे के हैंडबैग में पड़े थे। इंदिरा गांधी की महारानी गायत्री देवी से अदावत का आलम ये था कि सरकार ने इसी को मुद्दा बना लिया। महारानी के खिलाफ विदेशी मुद्रा तस्करी अधिनियम, 1974 (COFEPOSA) लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।
तवलीन लिखती हैं कि जयपुर राज परिवार पर रेड के आखिरी मोती डूंगरी महल में इनकम टैक्स की टीम को संयोगवश 800 किलो सोने के रूप में बड़ा खजाना हाथ लग गया था। इसके बाद तो पूरा महल उलट पुलट डाला गया था। (पढ़ें महारानी गायत्री देवी पर छापे की पूरी कहानी)