साल 1984 में आई फिल्म ‘सोहनी महिवाल’ (Sohni Mahiwal) काफी लोकप्रिय हुई थी। इस फिल्म में गुलशन ग्रोवर ने खलनायक ‘नूरा’ का किरदार निभाया था। फिल्म का ज्यादातर हिस्सा रूस में शूट किया गया था। शूटिंग के दौरान एक ऐसा हादसा हुआ, जिसके चलते सनी देओल अस्पताल पहुंच गए थे। गुलशन ग्रोवर ने पेंगुइन से प्रकाशित अपनी आत्मकथा ”बैडमैन” में इसका विस्तार से जिक्र किया है।
तलवार से कट गया सनी देओल का अंगूठा
गुलशन ग्रोवर लिखते हैं कि ‘सोहनी महिवाल’ फिल्म के एक सीन में तलवार से भिड़ंत होनी थी। मैंने रूस जाने से पहले मुंबई में तलवारबाजी की बाकायदा ट्रेनिंग ली थी। अंबोली के एक ग्राउंड में कई दिन टीनू वर्मा से तलवारबाजी सीखी थी। रूस में हमें जो तलवार दी गई, उसकी धार बहुत तेज थी। वह भारत की तरह गत्ते की तलवार नहीं थी। तलवारबाजी वाला सीन सूट होने लगा। इस दौरान मैंने गलती से सनी देओल के अंगूठे पर वार कर दिया। उनका अंगूठा कट गया और उसमें से तेजी से खून बहने लगा
ग्रोवर लिखते हैं कि इस घटना के बाद सेट पर मौजूद सब लोग हड़बड़ा गए। मैं भी घबरा गया और सनी देओल से बार-बार माफी मांगने लगा। सनी देओल ने सारी बातों को समझा और कहा कि शूटिंग में ऐसे हादसे होते रहते हैं। लेकिन अंगूठे से खून बंद नहीं हो रहा था और उन्हें फौरन अस्पताल ले जाना पड़ा। इस वजह से शूटिंग रोक दी गई। रूस में नियम बहुत सख्त हैं। डॉक्टर मरीज को तब तक अस्पताल से नहीं छोड़ते, जब तक उन्हें भरोसा नहीं हो जाता कि मरीज पूरी तरह ठीक है।
अस्पताल गए तो फिल्म पिछड़ गई
गुलशन ग्रोवर लिखते हैं कि चूंकि सनी देओल का जख्म गहरा था और काफी खून बह चुका था इसलिए उन्हें टिटनेस और एंटीबायोटिक का इंजेक्शन दिया गया और डॉक्टरों ने कहा कि कुछ दिन अस्पताल में ही रहना होगा। हालांकि सनी देओल ने डॉक्टरों को मनाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक न सुनी। इस हादसे का नतीजा यह हुआ कि फिल्म की शूटिंग में देरी हो गई और सारा ठीकरा मेरे ऊपर आ गया मैं।
डर गए थे गुलशन ग्रोवर
गुलशन ग्रोवर लिखते हैं कि इस घटना के बाद मैं डर रहा था कि कहीं फिल्म के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर मुझे वापस न भेज दें और मेरी जगह किसी दूसरे एक्टर को कास्ट ना कर लें। लेकिन उन्होंने भी माना कि यह एक हादसा था और मुझे फिल्म में बरकरार रखा।
धर्मेंद्र ने लगा लिया गले
गुलशन ग्रोवर लिखते हैं कि रूस के बाद फिल्म के कुछ हिस्से दिल्ली, चंडीगढ़ और मुंबई में शूट हुए। जब फिल्म रिलीज हुई तो स्क्रीनिंग में धर्मेंद्र भी पहुंचे। एक वक्त तो ऐसा था कि मैं डर रहा था कि कहीं धर्मेंद्र मेरी इस फिल्म से छुट्टी न करवा दें, लेकिन स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने मुझे गले लगा लिया और मेरे खूब तरीफ की। इस फिल्म के बाद मेरी गिनती टॉप खलनायकों में होने लगी।