मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में दशहरा की रैली करने के लिए शिवसेना के दोनों गुटों में खींचतान जारी है। दोनों गुटों ने रैली की इजाजत के लिए बीएमसी (Brihanmumbai Municipal Corporation) को आवेदन दिया है। हालांकि BMC अभी तक तय नहीं कर पाया है कि शिवाजी पार्क में कौन सा गुट रैली करेगा। अनुमति मिलने में हो रही देरी को देखते हुए उद्धव ठाकरे का गुट बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया है। उसका आरोप है कि महानगरपालिका जानबूझकर देरी कर रही है। सवाल उठता है कि ठाकरे परिवार और उनके नेतृत्व वाले शिवसेना के लिए शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का क्या महत्व है? शिवाजी पार्क का अपना क्या इतिहास है?
ठाकरे परिवार के लिए शिवाजी पार्क का महत्व?
ठाकरे परिवार के लिए शिवाजी पार्क कई वजहों से महत्वपूर्ण है। 19 जून 1966 को शिवसेना की स्थापना शिवाजी पार्क में ही हुई थी। बाल ठाकरे ने इसी पार्क में अपने दोस्तों के साथ नारियल फोड़कर शिवसेना का गठन किया था। बाल ठाकरे ने अपने लगभग सभी बड़े फैसलों का ऐलान इसी पार्क से किया था। शिवसेना कोरोना के कारण पिछले दो सालों से शिवाजी पार्क में दशहरा की रैली नहीं कर पायी है। इस साल कर सकती थी, लेकिन पार्टी के भीतर हुई बगावत से मामला एक बार फिर अटक गया है।
शिवाजी पार्क का इतिहास
10 मई 1927 से पहले तक शिवाजी पार्क को माहिम पार्क के नाम से जाना जाता था। 1927 में पार्क का नाम तो शिवाजी हो गया लेकिन शिवाजी प्रतिमा 1966 में लगाई गई। जिस भूखंड को आज शिवाजी पार्क के नाम से जाना जाता है, उसके इतिहास का एक सिरा प्लेग महामारी से जुड़ा है। शिवाजी पार्क के उभार और मुंबई को नए तरह से बसाए जाने की घटना एक साथ हुई थी।
1896 में बंबई में प्लेग फैला। लोगों की तेजी से मौत होने लगी। उस महामारी ने वर्ग, जाति, समुदाय, परंपरा, अज्ञानता और पूर्वाग्रह की एक जटिल कथा को सामने लाया। जबरन जांच, आइसोलेशन और क्वारंटाइन… महामारी को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने जो कदम उठाए उससे नागरिकों में भारी रोष पैदा हो गया। कई लोग इलाज से बचने के लिए अपने गांव भाग गए। इस तरह देश का कारोबारी शहर खाली होने लगा।
1898 में प्लेग पूरी तरह से समाप्त होने के बाद शहर को सुंदर बनाने और फिर से आबाद करने के लिए बॉम्बे सिटी इम्प्रूवमेंट कमेटी का गठन किया गया। बॉम्बे में विकास ने नई रफ्तार पकड़ी, जिसका केंद्र दादर और शिवाजी पार्क बना। बांद्रा और जुहू से बहुत पहले एक शिवाजी पार्क प्रतिष्ठित आवासीय क्षेत्र बन गया था। लोग दोबारा से बसने लगे।
शिवाजी पार्क में रचा गया है इतिहास
आजादी से पहले और आजादी के बाद भी शिवाजी पार्क कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। उसी मैदान से संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की चिंगारी भड़की थी। वहीं से बाल ठाकरे ने शिवसेना की शुरुआत की। शिवाजी पार्क के सांस्कृतिक ताने-बाने में योगदान देने वाले प्रसिद्ध लोगों में स्वतंत्रता सेनानी सेनापति बापट, नगर योजनाकार एन.वी. मोदक, शास्त्रीय संगीतकार शरदचंद्र अरोलकर, अनुभवी अभिनेत्री सुलभा देशपांडे, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली का नाम शामिल है।