इमरान मसूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। वह पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करते हुए सांसद बने हैं। हालांकि, इमरान जिनकी पहचान पहले एक मुस्लिम कट्टरपंथी की थी अब कांवड़ियों के लिए कैंप लगाते नजर आ रहे हैं।

मसूद अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, जो दशकों से सहारनपुर में प्रभावशाली रहा है। अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले इमरान मसूद ने पिछले कुछ सालों में अपनी मुस्लिम कट्टरपंथी के रूप में अपनी छवि पर काम किया और सांप्रदायिक मुद्दों पर टिप्पणी करने से परहेज किया।

इसके बजाय, उन्होंने हिंदू मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की। उन्हें अक्सर यह कहते हुए सुना गया, “राम मिलेंगे मर्यादा से जीने में, राम मिलेंगे हनुमान के सीने में।” पिछले हफ्ते इमरान मसूद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शिव भक्त कांवड़ियों के लिए कांवर शिविर का उद्घाटन किया, जहां उन्होंने कांवड़ियों को भोजन और फल परोसे।

चाचा रशीद मसूद से प्रेरित थे इमरान मसूद

इमरान मसूद के परदादा काजी कयूम अहमद 1923 में गंगोह क्षेत्र के चेयरमैन थे जबकि उनके दादा काजी मसूद अहमद 1969 में नकुड़ से निर्दलीय विधायक चुने जाने से पहले 27 साल से अधिक समय तक गंगोह नगर पालिका परिषद के चेयरमैन रहे थे। इमरान के पिता रशीद मसूद गंगोह नगर पालिका चेयरमैन भी रह चुके हैं।

हालांकि, वह अपने चाचा रशीद मसूद से प्रेरित थे जो 1977 में पहली बार सहारनपुर से सांसद चुने गए थे और 2004 में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से पांचवीं बार सांसद चुने गए थे।

इमरान मसूद ने 2001 में राजनीति में प्रवेश किया

इमरान मसूद ने 2001 में सहारनपुर नगर पालिका परिषद के लिए चुनाव लड़कर मेन स्ट्रीम राजनीति में प्रवेश किया। 2006 तक वह इसके अध्यक्ष बन गए। 2007 में वह पहली बार मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट (2008 के परिसीमन के बाद से बेहट नाम से जाना जाता है) से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए।

2012 में मसूद को कांग्रेस ने राहुल गांधी की टीम में एक युवा चेहरे के रूप में चुना। उसी साल उन्होंने नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन करीबी मुकाबले में बसपा के धर्म सिंह सैनी से हार गए।

नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत भरे भाषण के लिए किए गए थे गिरफ्तार

2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक वीडियो क्लिप सामने आई थी जिसमें इमरान मसूद को नरेंद्र मोदी (जो तब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे) को धमकी देते हुए देखा गया था। उन्होंने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था। जिसके बाद उनके खिलाफ घृणास्पद भाषण का मामला दर्ज किया गया था। 29 मार्च 2014 को, उन्हें नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत भरे भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। लोकसभा चुनाव 2014 में इमरान भाजपा के राघव लखनपाल से हार गए थे।

कांग्रेस से सपा, सपा से बसपा में हुए शामिल

इमरान मसूद को 2017 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव में भी असफलता मिली जहां उन्होंने क्रमशः भाजपा और बसपा से हार का सामना किया। 2022 यूपी विधानसभा चुनावों से पहले इमरान मसूद कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए। उसी साल अक्टूबर में उन्होंने सपा छोड़ दी और बसपा में शामिल हो गए।

बसपा में पार्टी प्रमुख मायावती ने उन्हें तुरंत पश्चिमी यूपी का समन्वयक नामित किया और उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के बीच काम करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन, अगस्त 2023 में ही मायावती ने इमरान को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया, जिसके बाद वह कांग्रेस में वापस लौट आए। बसपा के सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व उनके कुछ बयानों से नाराज था, जिनमें उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा की थी।

लोकसभा में मेरे भाषण की भाजपा सांसदों ने भी की तारीफ- मसूद

‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए, मसूद ने कहा, “मैं एक राजनीतिक परिवार में पला-बढ़ा हूँ। मैंने 1987 में लखनऊ विश्वविद्यालय से छात्र संघ की राजनीति से शुरुआत की थी। मैं सहारनपुर, यूपी, और समाज की सेवा के लिए अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं।”

18वीं लोकसभा के पहले सत्र का अनुभव साझा करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, “यह उत्साहजनक था। मुझे संसद में सहयोग मिला। विभिन्न दलों के वरिष्ठ सदस्यों ने नए सदस्यों का समर्थन किया। जब मैंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने भाषण का समापन किया तो कई भाजपा सांसदों (जिनमें दो मंत्री भी शामिल थे) ने इसकी सराहना की और कहा कि आप बहुत अच्छा बोले।

सरकार आसानी से नहीं चल पाएगी- कांग्रेस सांसद

संसद के चल रहे बजट सत्र में इमरान मसूद एक निजी सदस्य बिल भी पेश करने वाले हैं। उन्होंने कहा, “अब तक मुझे केंद्रीय बजट पर बोलने का अवसर नहीं मिला है लेकिन अनुदान की मांग पर चर्चा के दौरान मैं ऐसा करूंगा।” मसूद ने कहा, “अगले पांच सालों में जब भी मुझे सदन में बोलने का अवसर मिलेगा, मैं उस समय का सदुपयोग करने की योजना बना रहा हूं। सहारनपुर के लिए मेरी पहली चिंता स्वास्थ्य सेवाएं हैं। मैंने इस बारे में चर्चा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से समय मांगा है। ”

अब तक सदन में हुई चर्चाओं और कार्यवाहियों के बारे में उन्होंने कहा, “ राहुल गांधी जी (विपक्ष के नेता) ने एक शानदार उद्घाटन भाषण दिया। इस बार सरकार इतनी आसानी से नहीं चल पाएगी। विपक्ष मजबूत स्थिति में है।”

सहारनपुर लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम

लोकसभा चुनाव 2024 में 54 वर्षीय मसूद ने कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की, उन्होंने भाजपा के राघव लखनपाल को 64,542 वोटों से हराया था। मसूद ने पूर्व सांसद लखनपाल के खिलाफ 5.25% के अंतर से चुनाव जीता था।

पार्टी कैंडीडेट वोट प्रतिशत
कांग्रेस इमरान मसूद 44.57
भाजपाराघव लखनपाल39.33
बसपा माजिद अली 14.67