US Presidential Election India Expectations: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती का काम जारी है। ताजा रुझानों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच मुकाबला चल रहा है। अमेरिका के चुनाव नतीजों को लेकर दुनिया के दीगर मुल्कों की तरह भारत में भी जबरदस्त उत्सुकता है। भारत के अमेरिका के साथ पुराने रिश्ते हैं इसलिए अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन होगा, यह भारत के लिए काफी मायने रखता है।

अमेरिका के साथ भारत के संबंध व्यापार, सुरक्षा, जियो-पॉलिटिक्स सहित कई मामलों में अहम हैं।

भारत के लिए सबसे जरूरी यह है कि ट्रंप या हैरिस में से जो भी अमेरिका का नया राष्ट्रपति बने, उसके हमारे साथ अच्छे संबंध हों। आइए, दोनों देशों के बीच क्या बड़े मसले हैं, इन पर बात करते हैं।

अमेरिका और भारत के लिए चीन की चुनौती

डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके कार्यकाल में चीन को एक खतरे और एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा गया जबकि उससे पहले अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति ने चीन को कभी भी अमेरिका के लिए रणनीतिक खतरा नहीं बताया था। दूसरी ओर, भारत के चीन के साथ पिछले कुछ सालों में संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।

2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद लंबे वक्त तक दोनों देशों के रिश्तों में तनातनी बनी रही लेकिन कुछ दिन पहले दोनों ही देशों ने डिसइंगेजमेंट का ऐलान किया और अब यह माना जा रहा है कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। लेकिन फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को चीन से काफी सतर्क रहने की जरूरत है। भारत और चीन के बीच साल 1962 में युद्ध भी हो चुका है।

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भारत की चीन के साथ लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। चीन भारत के कई इलाकों पर अपना दावा करता है और इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव के हालात पैदा हो जाते हैं। अगर अमेरिका में ट्रंप को जीत मिलती है तो भारत को चीन से निपटने में एक अच्छा साझेदार मिलेगा।

ट्रंप के कार्यकाल के दौरान ही क्वॉड ग्रुप का गठन किया गया था जबकि दूसरी ओर अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वह बाइडेन के प्रशासन की नीतियों को ही आगे बढ़ाएंगी। बाइडन ने पिछले साल कहा था कि अमेरिका चीन के साथ अपने रिश्तों में विविधता लाना चाहता है।

इमिग्रेशन का मुद्दा

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा है। यह मुद्दा ट्रंप के पहली बार राष्ट्रपति बनने के बाद से ही लगातार सुनाई दिया है। अगर ट्रंप फिर से चुनाव जीत जाते हैं तो अमेरिका में अवैध रूप से होने वाले इमिग्रेशन पर लगाम लग सकती है।

दूसरी ओर देखें तो अपने चुनाव अभियान के दौरान कमला हैरिस अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ काफी मजबूती से बोलती रही हैं। पिछले 1 साल में अमेरिका ने भारत से आए हुए लगभग 1,100 अवैध प्रवासियों को वापस भेज दिया था।

इस मामले में भारत सरकार का कहना है कि वह भारत से अवैध रूप से अमेरिका में जाने वाले लोगों का समर्थन नहीं करता है लेकिन अगर बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका से वापस आ गए तो यह भारत सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।

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टैरिफ का मामला

ट्रंप भारत की ओर से अमेरिका के प्रोडक्ट्स पर हाई टैरिफ लगाए जाने के पूरी तरह खिलाफ रहे हैं। उन्होंने भारत से हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ कम करने को कहा था। अगर ट्रंप चुनाव जीत जाते हैं तो माना जा रहा है कि उनका इस मामले में यही स्टैंड रहेगा। दूसरी ओर, जो बाइडेन के प्रशासन ने ट्रंप की सरकार के दौरान लगाए गए टैरिफ को ही जारी रखा और सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर नए टैरिफ का ऐलान किया है।

मानवाधिकार का मामला

ऐसा नहीं देखा गया है कि ट्रंप ने कभी भी भारत में मानवाधिकार के रिकॉर्ड को लेकर कोई टिप्पणी की थी। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने या पुलवामा आतंकी हमले के बाद ट्रंप ने ‘राइट टू सेल्फ डिफेंस’ वाली बात कही थी और तब इसे भारत के पक्ष में माना गया था। दूसरी ओर, कमला हैरिस लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मामले में काफी मुखर रही हैं। हैरिस ने 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि हमें अपने-अपने देश में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और लोकतांत्रिक संस्थाओं की हिफाजत करनी चाहिए।

भारत से है उम्मीदवारों का संंबंध

अमेरिका के चुनाव में एक बेहद दिलचस्प बात यह भी है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों का थोड़ा सा जुड़ाव भारत से भी है। कमला हैरिस की मां तमिलनाडु से थीं जबकि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी ऊषा वेंस का परिवार भी आंध्र प्रदेश से संबंध रखता है।