लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें एक सीट संभल की भी है। यहां की करीब आधी आबादी करीब मुस्‍ल‍िम है। फ‍िर भी केवल एक ही मुस्‍लि‍म व्‍यक्‍त‍ि को यहां से संसद जाने का मौका म‍िला है। सपा के ट‍िकट पर शफीकुर रहमान बर्क 2009 और 2019 में सांसद बने थे।

1977 में बनी इस लोकसभा सीट पर अब तक सिर्फ एक बार बीजेपी को जीत मिली है। 2014 में जब ‘मोदी लहर’ में भाजपा अपने दम पर उत्‍तर प्रदेश में 80 में से 71 सीट जीती थी, तभी यहां भी ‘कमल’ ख‍िला था। हालांक‍ि, 2019 में बीजेपी जीत दोहराने में नाकामयाब रही।

1977 से 2014 तक यहां सबसे ज्‍यादा (चार बार) सांसद समाजवादी पार्टी (सपा) के रहे। इस बार बीजेपी यहां जीत दोहराने की कोश‍िश में जुटी है, लेक‍िन समीकरण क्‍या हैं, जानते हैं।

सालजीते उम्मीदवार का नामकिस राजनीतिक दल को मिली जीत
1977शांति देवीजनता पार्टी
1980बृजेंद्र पाल सिंह यादवकांग्रेस
1984शांति देवीकांग्रेस
1989श्रीपाल सिंह यादवजनता दल
1991श्रीपाल सिंह यादवजनता दल
1996डीपी यादवबसपा
1998मुलायम सिंह यादवसपा
1999मुलायम सिंह यादवसपा
2004राम गोपाल यादवसपा
2009शफीकुर रहमान बर्कबसपा
2014सत्यपाल सिंह सैनीबीजेपी
2019शफीकुर रहमान बर्कसपा

इस सीट पर यादव नेताओं का दबदबा रहा है। यहां से छह बार यादव समुदाय के नेताओं को जीत मिली है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव भी संभल से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। 

BJP Parmeshwar Lal Saini : बीजेपी के उम्मीदवार हैं परमेश्वर लाल सैनी

बीजेपी को यहां जब 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी तो उसके उम्मीदवार सत्यपाल सिंह सैनी ने शफीकुर रहमान बर्क को हराया था। हालांकि तब भी जीत का अंतर सिर्फ 5000 वोटों का ही रहा था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में शफीकुर रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए परमेश्वर लाल सैनी को 1,74,000 वोटों से हरा दिया था। इस बार भी बीजेपी ने यहां से परमेश्वर लाल सैनी को टिकट दिया है।

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पीलीभीत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए (PC- PTI)

SP Zia ur Rahman Barq: सपा को मुस्लिम-यादव समीकरण से उम्मीद

चाणक्या पॉलीटिकल कंसल्टेंसी के मुताबिक संभल लोकसभा सीट पर 50% मुस्लिम आबादी है। यहां कुल मतदाता करीब 19 लाख हैं। सपा ने इस बार भी यहां से शफीकुर रहमान बर्क को टिकट दिया था लेकिन उनके निधन के बाद उनके पौत्र और कुंदरकी सीट से सपा विधायक जियाउर रहमान बर्क को उम्मीदवार बनाया गया है।

मुसलमानों के अलावा इस लोकसभा सीट पर 10% यादव आबादी भी है और सपा को इन दोनों समुदायों से एक बार फिर समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस सीट पर अनुसूचित जाति के 2.75 लाख मतदाता हैं।

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती।

BSP Shaulat Ali Sambhal Candidate: दो बार बसपा को जीत मिली

संभल सीट पर बसपा भी दो बार जीत हासिल कर चुकी है। 1996 में बसपा के टिकट पर डीपी यादव ने और 2009 में शफीकुर रहमान बर्क ने यह सीट जीती थी। लेकिन उसके बाद शफीकुर रहमान बर्क सपा में चले गए। इस सीट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी को देखते हुए ही बसपा ने यहां से शौलत अली को उम्मीदवार बनाया है। शौलत अली सपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इस वजह से संभल में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है।

Acharya Pramod Krishnam Joins BJP: आचार्य प्रमोद कृष्णम का असर

लंबे वक्त तक कांग्रेस में रहे और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पूर्व राजनीतिक सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम अब बीजेपी के साथ आ चुके हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी को यहां एक बड़े कार्यक्रम में कल्कि मंदिर की आधारशिला रखी थी। इस मंदिर का निर्माण बहुत बड़े स्तर पर किया जा रहा है। बीजेपी को उम्मीद है कि वह यहां पर आचार्य प्रमोद कृष्णम और हिंदुत्व की लहर के सहारे एक बार फिर जीत हासिल कर सकती है।

संभल लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें- चंदौसी, असमौली, संभल, कुंदरकी और बिलारी आती हैं। इनमें से 4 सीटों पर सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी और चंदौसी सुरक्षित सीट बीजेपी ने जीती थी।

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मुस्‍ल‍िमों के पास 9 प्रत‍िशत सोना (Source- Express Illustration by Manali Ghosh)

शौलत अली बोले- बसपा, बीजेपी के बीच है मुकाबला

बसपा के प्रत्याशी शौलत अली दैनिक भास्कर से कहते हैं कि संभल का चुनावी मुकाबला बसपा और बीजेपी के बीच है। वह कहते हैं कि सपा प्रत्याशी बर्क को उन्होंने ही विधायक बनाया था। जबकि भाजपा के उम्मीदवार परमेश्वर लाल सैनी कहते हैं कि उन्होंने 10 साल तक चाय बेची है। 

संभल का लोकसभा चुनाव रोमांचक होने के साथ ही इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि सपा, भाजपा और बसपा से जो भी प्रत्याशी चुनाव जीतेगा, वह पहली बार लोकसभा पहुंचेगा। 

Akhilesh Yadav
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव। (Source- PTI)

Journalist Sanjay Rana Arrested : सवाल पूछने पर कर लिया था पत्रकार को गिरफ्तार

करीब एक साल पहले (मार्च 2023) में संभल उत्‍तर प्रदेश की मंत्री से सवाल पूछने पर एक पत्रकार की ग‍िरफ्तारी के कारण भी चर्चा में आया था। संभल ज‍िले के बुध नगर गांव में पत्रकार संजय राना ने राज्‍य मंत्री गुलाब देवी से व‍िकास कार्यों को लेकर सवाल पूछा था। गुलाब देवी इस इलाके की व‍िधायक भी हैं और क‍िसी कार्यक्रम में बुध नगर आई थीं। कार्यक्रम के बाद बीजेपी नेता की श‍िकायत पर पुल‍िस ने राना को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया था। 30 घंटे कस्‍टडी में रहने के बाद उन्‍हें जमानत म‍िल पाई थी। इस गांव में सड़क की गंभीर समस्‍या है और कई घर ब‍िना शौचालयों के हैं। इंड‍ियन एक्‍सप्रेस संवाददाता को कई ग्रामीणों ने बताया था क‍ि वे खुले में शौच जाते हैं।

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बुध नगर में नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं। फोटो- गजेंद्र यादव

आसपास की सीटों पर भी मुस्लिम मतदाता निर्णायक

संभल के आसपास की यानी मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा ऐसी सीटें हैं जहां पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इन सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी। लेकिन तब उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर चुनाव लड़ रहे थे जबकि इस बार बसपा और राष्ट्रीय लोक दल एनडीए के साथ हैं और सपा और कांग्रेस साथ हैं।

2022 में रामपुर सीट पर हुए लोकसभा के उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर यह सीट सपा से छीन ली थी।