UP BJP President: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) को यूपी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। सूबे के पंचायती राज मंत्री का नाम पहले से प्रदेश अध्यक्ष की रेस में आगे चल रहा था, जिस पर अब मुहर लग गई है। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चौधरी ने मुलाकात की थी। अब तक प्रदेश अध्यक्ष की कमान स्वतंत्र देव सिंह संभाल रहे थे। आइए जानते हैं कौन हैं भूपेंद्र चौधरी और भाजपा इनके सहारे किन समीकरणों को साधना चाहती है?

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कौन हैं भूपेंद्र चौधरी?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता के रूप में चर्चित भूपेंद्र चौधरी का जन्म साल 1966 में मुरादाबाद जिले के महेंद्री सिंकदरपुर गांव में हुआ था। इस क्षेत्र को आज जाट लैंड के नाम से भी जाना जाता है। किसान परिवार में ताल्लुक रखने वाले चौधरी ने प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से हासिल की थी। 12वीं तक की पढ़ाई मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़े चौधरी ने साल 1991 में भाजपा ज्वाइन किया। 1999 में पार्टी ने उन्हें मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ उतारा। चौधरी चुनाव तो हार गए लेकिन पार्टी का विश्वास जीत लिया। 2012 में पार्टी ने उन्हें अपना क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। 2016 में विधान परिषद सदस्य चुने गए। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी पिछली और मौजूदा दोनों सरकार में चौधरी मंत्री रहे हैं।

भूपेंद्र चौधरी ही क्यों?

‘संगठन सरकार से बड़ा है’ वाले ट्वीट के बाद ऐसी अटकले थीं कि केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। भूपेंद्र चौधरी के साथ ओबीसी चेहरा के तौर पर बीएल वर्मा का नाम भी चल रहा था, कुछ ब्राह्मण नेताओं पर भी मंथन जारी था, फिर भूपेंद्र चौधरी को ही क्यों चुना गया? दरअसल यह फैसला 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं, उनके प्रभाव से भाजपा पूर्वी यूपी को लेकर आश्वस्त है।

लेकिन पश्चिमी को साधने और सपा-रालोद गठबंधन के सामने भाजपा को नई रणनीति और लोकल चेहरे की जरूरत थी। योगी के करीबी भूपेंद्र चौधरी जिस क्षेत्र और समुदाय से ताल्लुक रखते हैं वह करीब डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों को प्रभावित करता है। भाजपा चौधरी के सहारे पश्चिमी यूपी में जाट वोट बैंक को साधना चाहती है।