28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बाद से शंभूलाल रैगर का जिक्र बार-बार आ रहा है। उदयपुर में मोहम्मद गौस और रिजाय ने पैगम्बर की शान में हुई कथित गुस्ताखी के नाम पर दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या की और वीडियो बनाया। 6 दिसंबर 2017 को राजस्थान के राजसमंद में शंभूलाल रैगर ने बंगाली मजदूर अफराजुल शेख की कथित ‘लव जिहाद’ के नाम पर कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की और उसे फेसबुक लाइव दिखाया। रैगर ने हत्या के बाद शव को जलाने की कोशिश भी की थी।
दोनों ही घटनाओं का संबंध धर्म से है। दोनों ही घटनाओं में हत्या का वीडियो बनाया गया। दोनों ही घटनाओं के मुख्य आरोपी ने वीडियो बनाकर अपना अपराध कबूल किया। उदयपुर की घटना के बाद आरोपियों को आतंकी मानकर मामले की जांच एनआईए कर रही है। हालांकि राजस्थान एटीएस ने आतंकी कनेक्शन से इनकार किया है। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम समेत तमाम मुस्लिम संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कन्हैयालाल के परिवार से मिलने पहुंचे। मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये का चेक दिया। साथ ही परिवार को ये आश्वासन दिया कि केस को फास्ट ट्रैक में चला कर जल्द से जल्द सजा सुनिश्चित की जाएगी।
दूसरी तरफ बंगली मजदूर अफराजुल शेख की हत्या के मामले में आज 54 महीने यानी चार साल छह माह बाद भी सबूतों और गवाहों की जांच ही हो रही है। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी इस मामले के मुख्य अभियुक्त शंभूलाल रैगर के बयान ही दर्ज हो रहे हैं। राजसमंद के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कहा है कि शंभूलाल रैगर पर ट्रायल चल रहा है। सबूतों का दस्तावेजीकरण हो रहा है और गवाहों का परीक्षण किया जा रहा है। बता दें कि पुलिस इस मामले में कोर्ट के समक्ष 413 पेज की चार्जशीट पेश कर चुकी है, जिसमें हत्या से जुड़े 68 साक्ष्य भी शामिल हैं।
फिलहाल रैगर जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। 2017 में हत्या का फेसबुक लाइव करने के अलावा उसने दो और वीडियो शेयर किया था। एक वीडियो मंदिर के भीतर की थी, जिसमें उसने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। दूसरी वीडियो में वो ‘लव जिहाद’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ के नाम पर नफरती भाषण दे रहा था। जेल जाने के बाद रैगर ने जेल के भीतर से भी एक वीडियो बना डाला था। उस वीडियो में उसने हिंदुत्व पर जोर देते हुए, इस्लाम के खतरे को बताया था। साथ ही जेल के भीतर के एक शख्स से अपनी जान को खतरा बताया था, जिसके बाद उस शख्स को रैगर से अलग कर दिया गया था।
राजसमंद की घटना के बाद रैगर के समर्थन में हिंदुत्ववादी संगठनों ने रैली निकाली थी। उदयपुर में धारा-144 लागू होने के बावजूद भीड़ ने न सिर्फ उग्र प्रदर्शन किया था बल्कि अदालत के मुख्य द्वार पर भगवा झंडा फहराया था। इसके अलावा जोधपुर में रामनवमी के मौके पर शंभूलाल रैगर के सम्मान में झांकी निकाली गई थी। हिन्दु दक्षिणपंथी समूहों ने रैगर को धर्म रक्षक व हिन्दू योद्धा बताते हुए क्राउडफंडिंग की थी। हत्यारोपी रैगर की पत्नी के खाते में 516 लोगों ने 3 लाख रुपए डोनेट भी किए थे। बाद में पुलिस ने अकाउंट को फ्रीज कर दिया था।