टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है क‍ि वह देवी काली के बारे में द‍िए गए अपने बयान पर कायम हैं। महुआ ने इंड‍ियन एक्‍सप्रेस को द‍िए इंटरव्‍यू में कहा- ”मेरा बयान तथ्य और अनुभव पर आधारित था कि मां काली के भक्त उन्हें किस तरह पूजते हैं। मुझे इसमें किसी तरह का कोई विवाद नजर नहीं आ रहा। मेरा स्टैंड बहुत स्पष्ट है – मैं एक शक्ति उपासक हूँ, माँ काली की भक्त हूं। मैं अपने इस बयान पर कायम रहूंगी कि वह मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। मैं मरते दम कर अपने बयान का बचाव करुंगी। मैं एक प्राउड बंगाली और भारतीय हूं।

सब मुझसे कहते हैं कि महुआ इस समय धर्म की बात करने से बचना ही अच्छा है। मैं कहती हूं नहीं, हमने इस मुद्दे से परहेज किया है तभी आज भाजपा हिंदू धर्म के अपने संस्करण को हम पर थोपने में सफल हो रही है। अब और नहीं। हिंदू धर्म उनका क्षेत्र नहीं है और मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगी।”

5 जुलाई को इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव में देवी काली पर एक बातचीत के दौरान महुआ मोइत्रा ने कनाडाई फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री काली के पोस्टर पर जताई जा रही आपत्तियों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था, काली के कई रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है।

मोइत्रा के इस बयान ने भाजपा और हिंदू समूहों में खलबली मचा दी। भाजपा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में उन पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। खुद मोइत्रा की पार्टी टीएमसी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया। टीएमसी ने साफ कह दिया कि महुआ का बयान पार्टी की विचारधारा से अलग है। हालांकि महुआ अपने बयान को बेहद साधारण और तथ्य पर आधारित बता रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने जब टीएमसी के इस स्टैंड पर उनकी राय पूछी, तो उन्होंने खुद को पार्टी का सिपाही बताते हुए कहा, ”मैं अपनी नेता ममता बनर्जी और उनके नेतृत्व वाली पार्टी की उत्साही समर्थक और प्रशंसक हूं। यही मुझे प्रेरित करता है और मुझे खुश रखता है।”

महुआ मोइत्रा पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लग रहा है। भोपाल में मोइत्रा के खिलाफ IPC की धारा 295ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला भी दर्ज कराया गया है। लेकिन मोइत्रा यह नहीं मानती कि उन्होंने किसी की भावना को आहत किया है। वह इसे भाजपा और सोशल मीडिया ट्रोल्स का एजेंडा बताते हुए कहती हैं, ये लोग धर्म को हथियार के रूप में इस्तेमाल करके इस देश के नागरिकों को बांटना चाहते है। हिन्दू धर्म को लेकर उनका अपना एजेंडा है, जिसे वह हर हिन्दू पर थोपना चाहते हैं और तय करना चाहते हैं कि कौन हिन्दू है और कौन नहीं।

अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर महुआ शिकायतकर्ताओं और भाजपा को चैलेंज करते हुए हलफनामा पेश करने के लिए कहती हैं। वह बंगाल से लेकर मध्य प्रदेश और असम तक उदाहरण देते हुए कहती हैं, बंगाल के लगभग हर पुलिस स्टेशन में जहां वे कथित तौर पर प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं, वहां काली पूजा ठीक वैसे ही होती है, जैसा मैं बता चुकी हूं। अगर नहीं तो भाजपा हलफनामा दाखिल कर बताए कि बंगाल में मां काली की पूजा ‘मंगसो भोग’ के बिना होती है।

मध्य प्रदेश सरकार उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर में दो आधिकारिक लाइसेंस प्राप्त काउंटर संचालित करती है। एक पर भारतीय और दूसरे पर विदेशी शराब मिलता है, जिसे भक्त मां काली को चढ़ाने के लिए खरीदते हैं। यह जगह भोपाल से मात्र 200 किलोमीटर दूर है जहां मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एक और एफआईआर असम के हैलाकांडी में दर्ज करायी गई है। मैं असम सरकार को चुनौती देती हूं कि वह हलफनामा पेश करे कि गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में मां की पूजा मांस और शराब से नहीं की जाती है।