भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) का न्यायालयों के डिजिटलीकरण पर बहुत जोर रहता है। कोर्ट में पिछले दिनों न्यायाधीशों और वकीलों के बीच पेपरलेस होने के फायदों और लेखन की पुरानी यादों पर दिलचस्प चर्चा हुई।
दरअसल मौका केंद्र बनाम दिल्ली विवाद की सुनवाई का था। तभी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मुझे पेपरलेस बनाने का क्रेडिट भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को जाता है।
इसके बाद पीठ का नेतृत्व कर रहे सीजेआई ने जवाब दिया कि यह कोविड ही था जिसने सभी को इस तरह के रास्ते पर चलने को मजबूर किया। इस बातचीत में अपना अनुभव जोड़ते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि बड़े निब पेन से लिखने का अहसास खास होता है। बता दें सीनियर एडवोकेट ए एम सिंघवी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोनों फाउंटेन पेन के माहिर हैं।
जैसे ही यह चर्चा पेन में स्याही की ओर बढ़ी, CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि मुंबई में एक विद्वान वकील थे जो काले और लाल रंग को मिलाकर बरगंडी रंग की स्याही का इस्तेमाल किया करते था।
इस चर्चा में शामिल होते हुए न्यायमूर्ति एमआर शाह ने बताया कि उन्होंने एक सम्मेलन में कहा था कि टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल के मामले में सीजेआई चंद्रचूड़ उनके गुरु हैं।
कलम, स्याही और टेक्नॉलॉजी की इस चर्चा का समापन न्यायमूर्ति शाह ने यह कहते हुए किया कि टेक्नॉलॉजी का उपयोग महामारी के सकारात्मक प्रभावों में से एक है।
सुप्रीम कोर्ट की पहली पेपरलेस बेंच में थे डी वाई चंद्रचूड़
करीब तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने पेपरलेस सुनवाई की थी। वह पहला मौका था जब उच्चतम न्यायालय की कोई बेंच मोटी फाइलों की बजाय लैपटॉप लेकर बैठी थी। सुप्रीम कोर्ट की उस पहली पेपरलेस बेंच में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी के साथ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। वह सुनवाई पेपरलेस तरीके से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
पिछले साल जनवरी में केरल हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग, पेपरलेस कोर्ट और ई-आफिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में ई-फाइलिंग और पेपरलेस कोर्ट बड़े कदम हैं। इससे मामलों के निपटारे की गति बढ़ेगी और आम जनता के लिए न्याय सुलभ होगा। उन्होंने तब इस बात को रेखांकित किया था कि दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से मुवक्किल और वकील के बीच का संपर्क मजबूत हुआ है। बता दें कि तब जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की जुडिशल वर्क को ऑनलाइन करने के लिए बनी ई-कमेटी के प्रमुख थे।
पेपरलेस है डी वीई चंद्रचूड़ का चेंबर्स
दिसंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया था कि उनके चैंबर्स लगभग पेपरलेस हैं। उन्हें उनके सभी नोट्स और केस फाइलें डिजिटल फॉरमेट में मिलती हैं।
सीजेआई ने ओडिशा के 10 जिलों में जिला न्यायालय डिजिटलीकरण हब (DCDH) का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा था, ”मुझे अदालतों से कोई फिजिकल फाइल नहीं मिलती है। मेरे लॉ क्लर्क मुझे सभी नोट डिजिटल रूप से भेजते हैं और मेरा चैंबर लगभग पेपरलेस है।”