भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) जब कॉलेज में थे, तब उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y. V. Chandrachud) भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। वाई वी चंद्रचूड़ का कार्यकाल फरवरी 1978 से जुलाई 1985 तक रहा। यह अब का सबसे लंबा कार्यकाल माना जाता है।
इस दौरान चंद्रचूड़ परिवार 5-कृष्णा मेनन मार्ग स्थित सीजेआई के आधिकारिक बंगले में रहा करता था। इस दौरान डी वाई चंद्रचूड़ दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) में पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen’s College) से इकोनॉमिक्स (Economics) में ग्रेजुएशन और डीयू के ही कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिता के सीजेआई होने के बावजूद डी वाई चंद्रचूड़ को दिल्ली के सरकारी बसों (DTC) से कॉलेज जाना होता था। उनके पास कॉलेज जाने के लिए कोई निजी वाहन नहीं था।
जेब खर्च के लिए ऑल इंडिया रेडियो में करते थे काम
चंद्रचूड़ का परिवार का संगीत के प्रति बहुत लगाव रहा है। डी वाई चंद्रचूड़ के माता-पिता दोनों भारतीय शास्त्रीय संगीत में गहराई से डूबे हुए थे। पिता वाई वी चंद्रचूड़ शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित थें और मां प्रभा ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाना गाया करती थीं। डी वाई चंद्रचूड़ की बेशकीमती चीजों में से एक हिंदुस्तानी संगीत की महान गायिका किशोरी अमोनकर का ऑटोग्राफ है।
संगीत के प्रति इसी प्रेम और जेब खर्च के लिए डी वाई चंद्रचूड़ आकाशवाणी में कार्यक्रमों का संचालन किया किया करते थे। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में कई कार्यक्रमों को होस्ट किया है, जिसमें प्ले इट कूल, डेट विद यू और सनडे रिक्वेस्ट आदि कार्यक्रमों का नाम शामिल है।
2010-11 तक चलाते थे पिता की पुरानी कार
डीयू से एलएलबी करने के बाद डी वाई चंद्रचूड़ आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां हॉर्वर्ड लॉ स्कूल (Harvard Law School) से उन्होंने लॉ में मास्टर डिग्री की। इसके बाद हॉर्वर्ड लॉ स्कूल से ही 1986 में ज्यूडिशियल साइंस (Juridical Sciences) में डॉक्टरेट की उपाधि भी ली। इसके बाद वह भारत आ गए। वकालत शुरू की। साल 1998 में भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाए गए। इस पद पर वह 28 मार्च, 2000 तक रहे।
सन् 2000 में वह बॉम्बे हाई कोर्ट में परमानेंट जज बन गए। 31 अक्टूबर, 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने से पहले तक वह बॉम्बे हाईकोर्ट में रहे। साल 2013 तक जस्टिस चंद्रचूड़ जिंदगी में इतनी कुछ हासिल कर चुके थे। बावजूद इसके वह साल 2010-11 तक अपने पिता की 1966 मॉडल की एंबेसडर कार (1966 Model Ambassador Car) चलाया करते थे।