महाराष्ट्र की एक ठग महिला के PMO ऑफिस से लेकर NSA अजीत डोभाल तक पहुंच की खबरें कुछ दिनों पहले मीडिया में चर्चा का विषय थीं। दिसंबर 2017 में मीडिया ने महाराष्ट्र के सतारा जिले की एक महिला की प्रधानमंत्री कार्यालय के राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में नियुक्ति की सूचना दी थी। बताया गया था कि वह पीएम नरेंद्र मोदी से डायरेक्ट बात करती है। सतारा पुलिस ने बुधवार को कश्मीरा और उसके साथी गणेश गायकवाड़ को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2017 के दौरान मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि 29 वर्षीय कश्मीरा संदीप पवार ने सतारा जिला कलेक्टर के कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बातचीत की थी, इसके अलावा पीएमओ के कई शीर्ष अधिकारियों से भी बात की थी।
सतारा पुलिस ने किया कश्मीरा और उसके साथी गणेश को गिरफ्तार
जिसके बाद बुधवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और प्रतिरूपण के आरोप में पिछले साल दर्ज की गई एफआईआर के सिलसिले में सतारा पुलिस ने कश्मीरा और उसके 32 वर्षीय साथी गणेश को गिरफ्तार किया था। सतारा की एक अदालत ने दोनों को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
सतारा सिटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर आरबी मस्के ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अब तक हमारे पास तीन शिकायतकर्ता हैं जिनसे आरोपियों ने कथित तौर पर 82 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।”

सरकारी टेंडर के बदले 50 लाख की धोखाधड़ी का आरोप
दरअसल, 17 जून को पुणे के बिजनेसमैन गोरख मराल ने कश्मीरा और गणेश के खिलाफ पुणे शहर के बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने दोनों पर सरकारी टेंडर के बदले 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
मराल ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर दिसंबर 2019 और मार्च 2022 के बीच 50 लाख रुपये के बदले व्हाट्सएप पर उसके साथ टेंडर डॉक्यूमेंट्स शेयर किए थे । बिजनेसमैन ने कहा कि वे उनसे कई बार काउंसिल हॉल और पुणे के अन्य स्थानों पर मिले भी थे।
पीएम मोदी के हस्ताक्षर वाला लेटर दिखाकर की धोखाधड़ी
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, मराल ने कहा कि आरोपी ने उनसे कश्मीरा की तारीफ में छपी ऑनलाइन रिपोर्ट पढ़ाकर और उनके साथ कई दस्तावेज साझा कर उनका विश्वास हासिल किया। मराल ने बताया, “उन्होंने 20 नवंबर 2019 को व्हाट्सएप पर एक लेटर साझा किया जिस पर पीएम मोदी के हस्ताक्षर थे।

पत्र में कश्मीरा की ‘पीएम के राष्ट्रीय सलाहकार और भारत के काउंसलर’ के रूप में नियुक्ति का जिक्र है। गणेश ने रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, विदेशी खुफिया एजेंसी) के साथ संबंध होने का दावा किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उसे जारी किया गया एक हथियार लाइसेंस भी साझा किया।” सतारा पुलिस ने उन दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है जो आरोपी ने व्यवसायी के साथ साझा किए थे।
जिसके साथ की धोखाधड़ी कश्मीरा ने उसके खिलाफ ही दर्ज किया झूठा मामला
मारल ने आगे बताया, “मैंने कश्मीरा और गणेश पर भरोसा किया। यह पता चलने के बाद कि वे धोखेबाज़ हैं, मैंने अपना पैसा वापस पाने की कोशिश की लेकिन कश्मीरा ने 2023 में मेरे खिलाफ जबरन वसूली का झूठा मामला दर्ज कराया।”
10 जनवरी 2023 को सतारा सिटी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के अनुसार, कश्मीरा ने मराल और स्थानीय होटल व्यवसायी फिलिप भम्बल सहित दो अन्य पर 50 लाख रुपये की मांग करने और उनके बीच विवाद के बाद जबरन 50,000 रुपये लेने का आरोप लगाया था।
हालांकि जबरन वसूली की इस एफआईआर में कश्मीरा ने उसकी “पीएमओ में नियुक्ति” का कोई जिक्र नहीं किया है लेकिन इसमें कहा गया है कि उनके पास समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री है।
कश्मीरा के खिलाफ कई शिकायतें
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, होटल व्यवसायी फिलिप भम्बल ने दिसंबर 2022 में सतारा पुलिस में कश्मीरा और गणेश के खिलाफ शिकायत की थी। उनकी शिकायत में कहा गया है कि दोनों पूरे महाराष्ट्र में लोगों को पीएमओ में उनकी नियुक्ति के दस्तावेज और उत्तर प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा और लोकसभा सचिवालय के टेंडर दिखाकर धोखा दे रहे थे।
फिलिप ने अपनी शिकायत के साथ दस्तावेजों की कॉपी अटैच की थीं। उनकी शिकायत की जांच करने के बाद, 4 जनवरी, 2023 को सतारा शहर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 170 (लोक सेवक के रूप में प्रतिरूपण करने के लिए दस्तावेजों का उपयोग करना) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
इससे पहले 9 सितंबर 2020 को भम्बल ने सतारा में कश्मीरा और गणेश के खिलाफ आईपीसी की धारा 380, 427, 454, 457, 411 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। व्यापारी ने दावा किया था कि उसने आरोपियों को अपना होटल किराए पर दिया था क्योंकि वह उन्हें कई सालों से जानता था।
कश्मीरा के बैंक अकाउंट की भी जांच
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए भम्बल ने दावा किया कि जब उन्हें पता चला कि कश्मीर और गणेश लोगों को धोखा दे रहे हैं, तो उन्होंने जिला कलेक्टर, सतारा पुलिस और पीएमओ में शिकायत दर्ज कराई थी।
इंस्पेक्टर मस्के ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “आगे की जांच के बाद हमने एफआईआर में आईपीसी की धारा 420, 465, 468 और 471 को जोड़ा। हम अपराध में कश्मीरा और गणेश की संलिप्तता की जांच कर रहे हैं। सत्यापन के लिए पीएमओ के साथ बात की गयी थी।” उन्होंने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।
बिना पकड़े कैसे की इतनी बड़ी जालसाजी?
यह पूछे जाने पर कि आरोपी सालों तक बिना पकड़े गए लोगों को कैसे धोखा देने में सक्षम हुए, पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे ऐसे घूमते थे जैसे कि वे सरकार में वीआईपी हों और मीडिया रिपोर्टों ने भी उनके झूठे दावों को सही साबित करने में मदद की।
एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया कि कश्मीरा के “स्मार्ट विलेज” के आइडिया को यूपी में लागू किया गया। कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया था कि तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में उठाए गए सवालों के जवाब “डोकलाम मुद्दे पर चीन पर कश्मीरा के विचारों के आधार पर” दिए थे।
दिसंबर 2017 की एक टेलीविजन रिपोर्ट में कश्मीरा को यह कहते हुए दिखाया गया था कि उसने पुणे, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ट्रांसफर लेने के बजाय सतारा में रहने और अपना करियर बनाने का फैसला किया है। उसने कहा था कि 12वीं कक्षा में साइंस की पढ़ाई करने के बाद वह आर्ट्स स्ट्रीम में चली गईं ताकि वह यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।