2014 में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के बाद टीवी चैनल्स पर होने वाली डिबेट में एक चेहरे ने तेजी से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। यह चेहरा संबित पात्रा का था।
संबित पात्रा 2024 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा की पुरी सीट से चुनाव जीत कर आए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से हार मिली थी। उन्होंने पिछले 5 साल इस लोकसभा क्षेत्र में काफी वक्त दिया। उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल के उम्मीदवार रूप मोहन पटनायक को 104709 वोटों से हराया है।
संबित पात्रा शुक्रवार को संसद भवन परिसर में अपने साथी सांसदों के साथ हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाई दिए। संबित पात्रा अपने माता-पिता के बारे में साथी सांसदों को बता रहे थे। उनके माता-पिता ओड़िशा में रहते हैं।

राजनीति में जाने से खुश नहीं थे माता-पिता
संबित पात्रा ने कहा कि उनके माता-पिता कभी भी उनके राजनीति में जाने के पक्ष में नहीं थे और वह कभी इस बात से भी खुश नहीं हुए कि उनका बेटा टीवी डिबेट्स में बीजेपी का लोकप्रिय चेहरा है। संबित पात्रा ने सांसदों को बताया कि उनके माता-पिता उन्हें हमेशा से सरकारी नौकरी में देखना चाहते थे।
लेकिन इस बार पुरी की लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद संबित पात्रा जब पहली बार घर पहुंचे तो उनकी मां ने आरती उतार कर उनका स्वागत किया। उनके पिता ने संबित पात्रा के कुछ दोस्तों को बुलाया और उनसे कहा कि अब उनके बेटे को हर महीने तनख्वाह मिलती रहेगी। संबित पात्रा ने साथी सांसदों को बताया कि उनके पिता ने कहा कि पहली बार उनके बेटे ने इस बात को साबित किया है कि वह कुछ काम के लायक है।
संबित पात्रा की बातों को सुनने के बाद एक सांसद ने कहा कि यह हमारी जिंदगी की कहानी है।
संबित पात्रा ने बीते कुछ सालों में टीवी डिबेट्स में बीजेपी की ओर से हिस्सा लेते हुए पार्टी के स्टैंड को पूरी मजबूती के साथ रखा है और इस वजह से ही वह सोशल मीडिया पर और जमीन पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।

ओड़िशा में बीजेपी को मिली बड़ी जीत
बताना होगा कि बीजेपी को इस बार ओड़िशा में उम्मीद से बड़ी जीत मिली है। ओड़िशा में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ होते हैं। 21 लोकसभा सीटों वाले ओड़िशा में बीजेपी ने 20 सीटों पर जीत हासिल की है और वह राज्य में भी पहली बार अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही है।
147 सीटों वाली ओड़िशा की विधानसभा में बीजेपी ने 78 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि पिछली बार उसे 23 सीटें मिली थी। राज्य में लंबे वक्त से सरकार चला रही बीजू जनता दल को 2019 में 112 सीटें मिली थी जबकि इस बार उसे 51 सीटों पर ही जीत मिली है। कांग्रेस ने 14 सीटें जीती हैं।
बीजेपी ने ओड़िशा की सत्ता में आने के बाद आदिवासी समुदाय से आने वाले मोहन चरण मांझी को मुख्यमंत्री बनाया है।