बिहार लोकसभा चुनाव 2024 में समस्तीपुर की सीट पर मुकाबला कई मायनों में दिलचस्प हो गया है। चुनाव प्रचार के दौरान समस्तीपुर लोकसभा सीट जबरदस्त चर्चा में है। यह सीट इस वजह से चर्चा में है क्योंकि यहां पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के दो मंत्रियों के बच्चे चुनाव लड़ रहे हैं।
नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को एनडीए के घटक दल चिराग पासवान की पार्टी की ओर से टिकट मिला है तो नीतीश सरकार के ही एक और मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
मंत्री हजारी पर आरोप है कि वह चुपके से बेटे का प्रचार करते हैं। हालांकि, इस आरोप की सच्चाई सामने नहीं आई है। लेकिन, नीतीश कुमार के एक बयान को इस आरोप से जोड़ कर देखा जा रहा है और इस वजह से राजनीतिक माहौल ज्यादा गरम हो गया है।
Samastipur Lok Sabha Election 2024: नीतीश करेंगे कार्रवाई?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुर में आयोजित अपनी चुनावी सभा में स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि गड़बड़ी करने वालों को चुनाव के बाद मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने मंत्री महेश्वर हजारी का नाम नहीं दिया लेकिन यह स्पष्ट रूप से माना जा रहा है कि उनका इशारा महेश्वर हजारी की ओर ही था।

समस्तीपुर सीट पर महेश्वर हजारी परिवार का राजनीतिक प्रभाव ज्यादा है इसलिए ऐसा लगता है कि इस सीट पर महागठबंधन का दावा भी काफी मजबूत है। लेकिन एनडीए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूरी चुनावी ताकत लगा रहे हैं। निश्चित रूप से दोनों मंत्रियों के आमने-सामने होने की वजह से समस्तीपुर लोकसभा सीट पर जबरदस्त चुनावी लड़ाई चल रही है।
Maheshwar Hazari: गुपचुप चुनाव प्रचार कर रहे हैं महेश्वर हजारी
हालांकि महेश्वर हजारी खुलकर अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं लेकिन बिहार के स्थानीय मीडिया के मुताबिक पर्दे के पीछे चुनाव प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाली हुई है। निश्चित रूप से यह महेश्वर हजारी के लिए मुश्किल वक्त है क्योंकि वह अगर खुलकर अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार करते हैं तो उन पर तुरंत कार्रवाई हो सकती है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद यह आशंका गहरा गई है कि महेश्वर हजारी बिहार की कैबिनेट में रहेंगे या नहीं।
बिहार के स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, सन्नी हजारी दिनभर चुनाव प्रचार करते हैं जबकि महेश्वर हजारी अपने बेटे के चुनाव के सिलसिले में रात को लोगों से मिलते-जुलते हैं।

महेश्वर हजारी का समस्तीपुर जिले की राजनीति में अपना प्रभाव है और इसी तरह अशोक चौधरी भी बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं।
Ashok Chaudhary: नीतीश के भरोसेमंद हैं अशोक चौधरी
अशोक चौधरी महादलित समुदाय से आते हैं। चौधरी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष थे और 2018 में जेडीयू में शामिल हुए थे। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। नीतीश कुमार चाहे महागठबंधन के साथ रहें या फिर एनडीए के साथ, अशोक हमेशा से उनकी कैबिनेट में मंत्री पद संभालते हैं। इसके अलावा वह जेडीयू के चुनावी प्रबंधन का काम भी करते हैं।
Maheshwar Hazari: विधायक व सांसद रहे हैं महेश्वर हजारी
महेश्वर हजारी जेडीयू के वरिष्ठ नेता हैं और चार बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। वह एक बार समस्तीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं। महेश्वर हजारी ने पिछला विधानसभा चुनाव समस्तीपुर जिले में आने वाली कल्याणपुर विधानसभा सीट से जीता था। महेश्वर हजारी के पिता भी विधायक और सांसद रहे थे। महेश्वर हजारी इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
Sunny Hazari: कौन हैं सन्नी हजारी?
सन्नी हजारी अप्रैल में जेडीयू छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब यही माना गया था वह लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं और कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी बनाया।

Shambhavi Chaudhary: 25 साल की उम्र में मिला टिकट
शांभवी चौधरी पूर्व आईपीएस अफसर कुणाल किशोर की बहू हैं। उनकी उम्र 25 साल है और उन्होंने दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज और दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। उनके दादा महावीर चौधरी कांग्रेस के बड़े नेता थे और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे थे।
Samastipur Lok Sabha seat : 5 सीटें जीता था एनडीए
समस्तीपुर लोक सभा सीट में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें कुशेश्वर आस्थान (एसएसी), हयाघाट, कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर और रोसेरा की सीटें आती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव इन 6 सीटों में से जेडीयू को तीन सीटों पर, बीजेपी को दो सीटों और आरजेडी को एक सीट पर जीत मिली थी।
समस्तीपुर लोकसभा सीट में 12.5% मतदाता मुस्लिम और दलित मतदाता 20% के आसपास हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति की भी अच्छी आबादी है जबकि अगड़ी जातियों और अति पिछड़ी जाति के मतदाता भी काफी संख्या में हैं।
