Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा जबकि झारखंड में एक चरण का मतदान हो चुका है और दूसरे चरण का मतदान होने जा रहा है। चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। महाराष्ट्र और झारखंड में पिछले एक महीने तक धुआंधार और जबरदस्त चुनाव प्रचार चला।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हरियाणा और जम्मू कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हुए और हरियाणा के नतीजों को बीजेपी के लिए ऊर्जा देने वाला माना गया। लेकिन राजनीतिक शोर और पक्ष-विपक्ष की जोरदार लड़ाई महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव मैदान में ज्यादा देखने को मिली। आइए, इन दोनों राज्यों के चुनावी माहौल के बारे में बारी-बारी से बात करते हैं।
महाराष्ट्र में महायुति और महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के बीच सीधा और जोरदार मुकाबला है। MVA गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है जबकि महायुति गठबंधन में बीजेपी के अलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है।

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों से MVA को बड़ा बूस्ट मिला था और बीजेपी और महायुति के लिए ये नतीजे निश्चित रूप से एक बड़े झटके की तरह थे। लेकिन उसके बाद बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ा और चुनाव में बेहद नजदीकी मुकाबला माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ था बड़ा नुकसान
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
महाराष्ट्र में यह विधानसभा चुनाव इसलिए भी सबसे रोमांचक और घमासान वाला रहा क्योंकि पहली बार इस राज्य के लोगों ने इतना बड़ा चुनावी युद्ध देखा। इस युद्ध में 6 बड़े राजनीतिक दल आमने-सामने रहे। इसके अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी जैसे तमाम सीमित आधार वाले दलों ने भी कुछ सीटों पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
बताना जरूरी होगा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद पर दावा जताया तो शिवसेना और बीजेपी के रास्ते अलग-अलग हो गए। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाया और एक नया गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में आया जिसे महा विकास अघाड़ी (MVA) का नाम दिया गया। MVA की सरकार में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने जबकि शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े (कुल सीटें- 288)
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 105 |
कांग्रेस | 44 |
एनसीपी (अविभाजित) | 54 |
शिवसेना (अविभाजित) | 56 |
निर्दलीय | 13 |
लेकिन जून, 2022 में शिवसेना में बड़ी बगावत तब हुई जब एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे से अलग हो गए और अल्पमत में होने की वजह से MVA की सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे को बीजेपी ने समर्थन दिया और राज्य में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई। इस सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने जबकि देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने।
2023 में महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक बड़ा घटनाक्रम हुआ जब अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की और बीजेपी-एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ हाथ मिला लिया। अजित पवार को सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया।

MVA बढ़त बरकरार रख पाएगा?
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को अगर आधार माना जाए तो निश्चित रूप से बीजेपी और महायुति में शामिल दल पीछे हैं लेकिन क्या विधानसभा चुनाव में भी उसी पैटर्न पर वोटिंग होगी? क्या MVA उसे मिली बढ़त को बरकरार रख पाएगा? आमतौर पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटिंग का ट्रेंड अलग होता है।
अगर आप महाराष्ट्र में लोकसभा के नतीजों का विधानसभा के स्तर पर आकलन करते हैं तो इससे समझ में आता है कि MVA 153 सीटों पर बढ़त बना सकता है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 सीटें चाहिए इसलिए इसलिए उसे बहुमत मिल सकता है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर महायुति 125 सीटों पर आगे रहेगा और 10 सीटें निर्दलीय और छोटे दलों के खाते में जा सकती हैं।
महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 29 सीटें दलित और 25 सीटें अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित हैं।

महाराष्ट्र की प्रमुख सीटें और उम्मीदवार
महाराष्ट्र में नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कोपरी-पचपखड़ी से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बारामती से उपमुख्यमंत्री अजित पवार, वर्ली से पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, साकोली से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले प्रमुख उम्मीदवार हैं।
अब बात करते हैं झारखंड की।
झारखंड में दूसरे चरण में संथाल परगना और उत्तरी छोटा नागपुर क्षेत्र में जोरदार टक्कर दिखाई देगी। यहां पर बीजेपी अपने सहयोगी दलों ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जनता दल यूनाइटेड के साथ चुनावी मुकाबला कर रही है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और वाम दल उसे सत्ता में आने से रोक रहे हैं।
झारखंड लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे (कुल सीटें-14)
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 8 |
कांग्रेस | 2 |
झामुमो | 3 |
आजसू | 1 |
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का वोट शेयर गिरा, झामुमो और कांग्रेस का बढ़ा
राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) | 2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) |
बीजेपी | 50.96 | 44.60 |
कांग्रेस | 15.63 | 19.19 |
झामुमो | 11.51 | 14.60 |
झारखंड में दूसरे चरण में जिन 38 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है, उसमें 2019 में 13 सीटें झामुमो के खाते में गई थी, कांग्रेस ने 8, सीपीआई (एमएल) एल ने 1 सीट जीती थी। दूसरी ओर बीजेपी ने 12 सीटें, आजसू ने दो और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली झारखंड विकास मोर्चा ने दो सीटें जीती थी। बाबूलाल मरांडी अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं और इसमें से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में लगभग आधी सीटों पर एससी और एसटी मतदाता किसी भी पार्टी की सरकार बनाने में बेहद अहम साबित होते हैं। झारखंड में एसटी मतदाताओं की आबादी 26%, एससी की आबादी करीब 12%है।
पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे (कुल सीटें-81)
राजनीतिक दल | मिली सीटें | वोट शेयर (प्रतिशत में) |
बीजेपी | 25 | 33.37 |
कांग्रेस | 30 | 13.88 |
झामुमो | 16 | 18.72 |
आजसू | 2 | – |
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) | 3 | 5.45 |
बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री और राजनीति के दिग्गज शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को झारखंड की जिम्मेदारी दी थी। पार्टी ने राज्य में कथित रूप से हो रही बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ को मुद्दा बनाया है और इंडिया गठबंधन में शामिल दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। लेकिन लोकसभा चुनाव में आदिवासी मतदाताओं का रुख इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की ओर दिखाई दिया था। चूंकि यहां आदिवासी मतदाताओं का रुख ही चुनाव नतीजों का बहुत हद तक तय करता है इसलिए देखना होगा कि झारखंड में आदिवासी और गैर आदिवासी मतदाता किसे समर्थन देते हैं।

झारखंड की प्रमुख सीटें और उम्मीदवार
बरहेट सीट से सीएम हेमंत सोरेन, सिल्ली से आजसू प्रमुख सुदेश महतो, गांडेय से हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, जामताड़ा से शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन और धनवार से पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं।