Ek hain toh safe hain BJP Maharashtra: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) के दल हैरान हैं। वे इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर विधानसभा चुनाव में उन्हें इतनी बड़ी हार कैसे मिली? एक तरह से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे MVA में शामिल दलों के लिए बहुत बड़े सदमे की तरह हैं और हो सकता है कि इससे उन्हें उबरने में लंबा वक्त लगे क्योंकि MVA में शामिल दल 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए।
इस साल जून में जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे तो MVA गठबंधन में शामिल दलों ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इन दलों का यह भी दावा था कि विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
लोकसभा चुनाव में जब MVA के दलों को बड़ी जीत मिली थी तो यह कहा गया था कि महाराष्ट्र में संविधान और आरक्षण खतरे में है के साथ ही जाति जनगणना के कार्ड ने भी इन दलों को कामयाबी दिलाई है। मुख्य रूप से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में जाति जनगणना के कार्ड को खुलकर आगे किया था। राहुल गांधी का कहना था कि देश में जब तक जाति जनगणना नहीं होगी तब तक एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को राजनीति, कारोबार, सरकार में उनकी हिस्सेदारी और भागीदारी नहीं मिलेगी।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह माना गया कि कांग्रेस और विपक्षी दलों का ‘संविधान और आरक्षण खतरे में है’ और ‘जाति जनगणना’ का कार्ड काम कर गया है क्योंकि तब बीजेपी ने अकेले दम पर देश भर में 370 सीटें जीतने का टारगेट रखा था लेकिन वह 240 सीट ही जीत सकी थी। देश भर के साथ ही महाराष्ट्र में भी MVA को इसका फायदा मिला था और बीजेपी और महायुति को तगड़ा नुकसान हुआ था।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ था बड़ा नुकसान
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
…कांग्रेस हमें बांटना चाहती है
MVA के दलों को इस बात की उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव की तर्ज पर ही विधानसभा चुनाव में भी उन्हें जाति जनगणना के नारे का फायदा मिलेगा और राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार में फिर से एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के हक और हिस्सेदारी का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस हिंदुओं को जातियों में बांटना चाहती है और सभी को इससे सावधान रहने की जरूरत है। अब जब चुनाव नतीजे सामने हैं तो यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि संविधान और आरक्षण खतरे में है और जाति जनगणना का कार्ड औंधे मुंह गिर गया है।
बीजेपी के साथ ही सहयोगी दलों को भी मिला फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान महाराष्ट्र में हुई अपनी सभाओं में कई बार कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी, ओबीसी समाज की एकता को तोड़ना चाहती है और इसीलिए उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ही ‘एक है तो सेफ है’ का नारा दिया था। चुनाव के नतीजों से साफ है कि इस नारे ने जबरदस्त काम किया है और न सिर्फ बीजेपी बल्कि उसके सहयोगी दलों एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को भी इसका फायदा मिला है।
मोदी बोले- चुनाव नतीजों का संदेश है एकजुटता
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र की बड़ी जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे का भी सबसे बड़ा संदेश एक ही है और वह है- एकजुटता। उन्होंने अपने नारे को दोहराते हुए कहा कि एक हैं तो…इसके जवाब में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सेफ हैं का नारा लगाया। मोदी ने तीन बार ऐसा किया और इससे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा में भी यह नारा खरा उतरा है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा आज देश का महामंत्र बन चुका है, निश्चित रूप से एक बड़ा बयान है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने सोचा था कि संविधान और आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे और यह समुदाय बिखर जाएंगे लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों की साजिश को महाराष्ट्र ने पूरी तरह नकार दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे पर मुहर लगाई है और इस नारे के भाव ने जाति, भाषा, धर्म और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है।
हरियाणा के बाद एक और बड़ी जीत
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में भी बड़ी जीत मिली है। हरियाणा में उसने तब जीत हासिल की थी जब तमाम राजनीतिक पंडितों, चुनाव विश्लेषकों ने टीवी चैनलों पर अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने की भविष्यवाणी की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ था और वहां बीजेपी ने अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी। इसके बाद अब महाराष्ट्र में एकतरफा और विशाल जीत दर्ज कर भाजपा ने कांग्रेस और विपक्ष के जाति जनगणना के अलावा संविधान और आरक्षण खतरे में है के नारे के जवाब में ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा तैयार कर लिया है।
यह तय है कि आने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में इन नारों की गूंज फिर से सुनाई देगी और इनके जरिये कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर राजनीतिक हमले करने के साथ उनके हमलों का जवाब भी देंगे और देश में बड़ी राजनीतिक लड़ाई देखने को मिलेगी।