केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजे जाने के कदम का स्वागत करने के अलावा जेडीयू ने वक्फ संपत्तियों के विकास के लिए कई बड़ी योजनाएं तैयार की हैं।
नीतीश सरकार ने बिहार के अलग-अलग इलाकों में शादियों और मुस्लिम समुदाय के अन्य कामों के लिए वक्फ की गैर विवादित जमीनों पर बहुउद्देशीय भवन बनाने का प्रस्ताव रखा है। ऐसी गैर विवादित जमीनें बिहार में सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
बिहार सरकार ने मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए वक्फ की जमीनों पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने की भी योजना बनाई है। राज्य सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा है कि राज्य सरकार वक्फ की जमीनों से जुड़ी समस्याओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इसमें जमीनों को अवैध रूप से बेचा और खरीदा जाना, किसी तरह का विवाद और अतिक्रमण के मामले शामिल हैं और ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि वक्फ की जमीनों और संपत्तियों की सुरक्षा की जा सके।
किस राज्य में कितनी है वक्त संपत्तियों की संख्या
राज्य का नाम | किसकी है सरकार | वक्फ संपत्तियों की संख्या |
उत्तर प्रदेश | बीजेपी | 2,32,457 |
पश्चिम बंगाल | गैर-बीजेपी | 80,480 |
पंजाब | गैर-बीजेपी | 75,965 |
तमिलनाडु | गैर-बीजेपी | 66,092 |
कर्नाटक | गैर-बीजेपी | 62,830 |
केरल | गैर-बीजेपी | 53,282 |
तेलंगाना | गैर-बीजेपी | 45,682 |
गुजरात | बीजेपी | 39,940 |
महाराष्ट्र | बीजेपी | 37,701 |
मध्य प्रदेश | बीजेपी | 33,472 |
जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित ) | बीजेपी | 32,533 |
राजस्थान | बीजेपी | 30,895 |
हरियाणा | बीजेपी | 23,267 |
आंध्र प्रदेश | गैर-बीजेपी | 14,685 |
ओड़िशा | बीजेपी | 10,314 |
बिहार के सभी जिलों में खुलेंगे स्कूल
बिहार सरकार ने यह भी फैसला किया है कि वह अलग-अलग चरणों में बिहार के सभी 38 जिलों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए स्कूल खोलेगी। इसके अलावा बिहार में 21 नए मदरसे खोलने की भी घोषणा की गई है।
खान ने कहा कि स्कूलों और मदरसों में उर्दू टीचरों के जो पद खाली हैं, उन्हें भी जल्द ही भरा जाएगा। 2024-25 में नालंदा, जमुई और कैमूर में मुस्लिम छात्रों के लिए रेजिडेंशियल स्कूल खोल दिए जाएंगे। बताना होगा कि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पहले से ही एक रोड मैप पर काम कर रही है। इसमें इस समुदाय की शिक्षा व्यवस्था, मदरसों का आधुनिकीरण, उर्दू भाषा को बढ़ावा देना और अल्पसंख्यक संस्थाओं के विकास से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं और यह सभी योजनाएं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही हैं।
वक्फ की आधी संपत्तियों के मालिकाना हक का पता नहीं
बिना विवाद वाली संपत्तियां | 38.9% |
ऐसी संपत्तियां जिनके बारे में जानकारी नहीं है | 50% |
अतिक्रमण वाली वक्फ संपत्तियां | 6.8% |
मुकदमेबाजी वाली वक्फ संपत्तियां | 1.5% |
अन्य संपत्तियां | 2.8% |
कोचिंग योजना से हो रहा मुस्लिम छात्रों को फायदा
मंत्री ने बताया कि मुस्लिम छात्रों के लिए चलाई जा रही कोचिंग योजना के तहत अब तक 15,216 छात्रों को फायदा मिल चुका है। इनमें से 5,096 छात्र कई प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। राज्य की सरकार ने कई साल पहले ही तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को एक बार दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10000 से 25000 कर दिया है।
खान ने बताया कि बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के तहत वक्फ परिसरों का विकास किया जाएगा और बिहार राज्य मदरसा सुधारीकरण योजना के तहत नये मदरसे बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत मदरसों के विकास के लिए पीने का पानी, टॉयलेट, लाइब्रेरी, जरूरी उपकरण, कंप्यूटर साइंस लैब आदि की सुविधा दी जाएगी।
जेडीयू मुस्लिम समुदाय के लिए इतनी सारी कल्याणकारी योजनाओं के साथ ऐसे वक्त में सामने आई है, जब पार्टी ने अपने केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाले स्टैंड से खुद को दूर कर लिया है।
इस विधेयक पर संसद में चर्चा के दौरान ललन सिंह ने कहा था कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाएगा और यह मुस्लिम विरोधी या मस्जिदों को चलाने में किसी तरह के दखल की कोशिश जैसा नहीं है।
ललन सिंह के बयान से असमंजस
जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि ललन सिंह के वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर दिए गए बयान से पार्टी के कार्यकर्ताओं में असमंजस पैदा हुआ है और अंत में मुख्यमंत्री आवास से ही इस बारे में फैसला होगा।
बिहार सरकार के संसदीय मामलों के मंत्री विजय चौधरी का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय की जो आशंकाएं हैं, इस विधेयक को अंतिम रूप देने से पहले उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेडीयू का हमेशा से ही यह रुख रहा है कि अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को संवेदनशीलता से हल किया जाए।

विजय कुमार चौधरी के बयान के साथ सहमति व्यक्त करते हुए जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के अल्पसंख्यकों की भावनाओं और उनके विकास के लिए चिंतित हैं और जो भी फैसला होगा, वह निश्चित रूप से मुस्लिम समुदाय के हित में ही होगा।
जेडीयू के मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बढ़ाने के बारे में बीजेपी के एक नेता ने कहा कि एनडीए सरकार उसके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में लोगों को बता रही है। सरकार के हर विभाग को हक है कि वह समय-समय पर अपनी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करे और हर कोई इसका राजनीतिक मतलब निकालने के लिए आजाद है।
बिहार में मुस्लिम समुदाय की आबादी 17% है।