लाइटहाउस जर्नलिज्म को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो मिला। गडकरी एक बार फिर नागपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। वीडियो में गडकरी कहते नजर आ रहे हैं कि प्रधानमंत्री का बयान लोकतंत्र के खिलाफ है। 

गडकरी यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन एक संवैधानिक अधिकार है। लेकिन वीडियो में वह प्रधानमंत्री का नाम लेते नजर नहीं आ रहे हैं। यह वीडियो चुनाव से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया जा रहा है। पड़ताल में पता चला है कि वीडियो 12 साल पुराना है।

क्या हो रहा है वायरल?

X यूजर Abha Chaudhary ने वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया। 

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

अन्य यूजर्स भी इस वीडियो को ऐसे ही दावों के साथ शेयर कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़ताल:

हमने पड़ताल की शुरुआत वीडियो के कमेंट सेक्शन से की। कई यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में लिखा था कि वीडियो पुराना है।

चूंकि रिवर्स इमेज सर्च से कोई परिणाम नहीं मिला, इसलिए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया।

कीवर्ड सर्च से हमें भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल द्वारा अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।

इस वीडियो को 12 साल पहले अपलोड किया गया था।

वीडियो का शीर्षक था: BJP Byte: Anna Hazare & Prime Minister: 15.08.2011। 2011 में भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे।

हमें उनके बयान के बारे में कुछ खबरें भी मिलीं।

Nitin Gadkari

निष्कर्ष: आम चुनाव 2024 से पहले, अन्ना हजारे और तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पुराने वीडियो को फिर से वायरल किया जा रहा है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। वायरल दावा झूठा है।