2017 में लाई गई नेशनल हेल्थ पॉलिसी में सिफारिश की गई थी कि 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जीडीपी का 2.5% खर्च किया जाएगा। इसके बाद 2018 में केंद्र और राज्यों द्वारा अगले सात सालों में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को जीडीपी के 1.4% से 2.5% तक धीरे-धीरे बढ़ाने का रोडमैप भी दिया गया।
इस तरह भारत सरकार को स्वास्थ्य (साफ पानी और सफाई को मिलाकर) पर साल 2024-25 तक जीडीपी का 2.5% तक खर्च करना था, सरकार इस लक्ष्य तक पहुंचती भी दिख रही है लेकिन केंद्र सरकार को जो पैसा खर्च करना था, वह जीडीपी के 0.8% तक भी नहीं पहुंच सका।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के द्वारा की गई रिसर्च से पता चलता है कि स्वास्थ्य को लेकर केंद्र को जितना पैसा खर्च करना चाहिए था उसने नहीं किया लेकिन राज्यों ने जितना खर्च करना था उससे ज्यादा खर्च किया है। राज्य स्वास्थ्य (चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और जल आपूर्ति और स्वच्छता) पर अपना खर्च बढ़ा रहे हैं।

2023-24 तक राज्यों के द्वारा स्वास्थ्य के लिए दिया गया धन जीडीपी के 1.25% से बढ़कर 1.58% हो गया। राज्यों के कुल खर्च में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च 2018-19 में 7.5% से बढ़कर 2023-24 में 8.8% हो गया है, जो नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 में राज्यों के लिए तय किए गए 8% के लक्ष्य से अधिक है और इसी के जरिये स्वास्थ्य पर खर्च वाले जीडीपी के 2.5% के लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने कितना कम खर्च किया
साल | जीडीपी का कितना खर्च करना था (प्रतिशत में) | अगर खर्च किया होता तो | कितना खर्च किया | कितना बचा |
2018-19 | 0.49 | 92,609 | 74,647 | 17,961 |
2019-20 | 0.49 | 98,367 | 84,306 | 14,061 |
2020-21 | 0.55 | 1,09,499 | 98,788 | 10,711 |
2021-22 | 0.62 | 1,45,360 | 1,53,081 | -7,721 |
2022-23 | 0.69 | 1,86,761 | 1,37,835 | 48,926 |
2023-24 | 0.78 | 2,28,358 | 1,60,450 | 67,908 |
8,60,954 | 7,09,108 | 1,51,846 |
राज्यों ने कितना ज्यादा खर्च किया
साल | जीडीपी का कितना खर्च करना था (प्रतिशत में) | इतना खर्च करना था | कितना खर्च किया | कितना ज्यादा खर्च किया |
2018-19 | 0.91 | 1,71,986 | 2,35,568 | 63,581 |
2019-20 | 0.91 | 1,82,681 | 2,34,940 | 52,529 |
2020-21 | 1.03 | 2,03,355 | 2,73,306 | 69,950 |
2021-22 | 1.14 | 2,69,954 | 3,40,801 | 70,847 |
2022-23 | 1.29 | 3,46,842 | 4,11,580 | 64,738 |
2023-24 | 1.44 | 4,24,092 | 4,65,160 | 41,066 |
15,98,913 | 19,61,355 | 3,62,442 |
सरकार के मुताबिक, स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, स्वास्थ्य अनुसंधान, आयुष और जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए दिया गया पैसा शामिल है। इसके अनुसार, स्वास्थ्य के लिए केंद्र ने 2023-24 में जीडीपी का सिर्फ 0.55% धन आवंटित किया था और इसमें से भी 48% जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए था।
केंद्र के बजट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए आवंटित धन का हिस्सा घटकर जीडीपी का 0.26% हो गया है, जो 2018-19 में आवंटित धन (0.28%) से भी कम है।
2014 के बाद से अब तक केंद्र में बने स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री का नाम | कब से | कब तक |
हर्ष वर्धन | 26 मई, 2014 | 9 नवंबर, 2014 |
जगत प्रकाश नड्डा | 9 नवंबर, 2014 | 28 मई, 2019 |
हर्ष वर्धन | 31 मई, 2019 | 7 जुलाई, 2021 |
मनसुख मंडाविया | 8 जुलाई, 2021 | मई, 2024 |
जगत प्रकाश नड्डा | 11 जून, 2024 |
आयुष्मान भारत योजना
योजना का भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में काफी प्रचार किया है। केंद्र सरकार द्वारा हेल्थ केयर पर कम खर्च करने के कारण शुरुआत में इस योजना के कार्यान्वयन में दिक्कत आयी थी। सीएजी ने बताया था कि आयुष्मान भारत के लगभग 7.5 लाख लाभार्थी एक ही सेलफोन नंबर – 9999999999 से जुड़े हुए हैं।

आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करने पर फोकस
नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने के बाद अपनी पहली बैठक में कहा था कि आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करना, नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज को लॉन्च करने के साथ ही युवाओं में बढ़ रहे तंबाकू के नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाना स्वास्थ्य मंत्रालय के टॉप एजेंडे में है। नड्डा ने पहली बैठक में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के विस्तार पर भी जोर दिया था।
बीते दिनों जब गर्मी और हीटवेव के कारण देश भर में बड़ी संख्या में लोगों के मरने की खबर आई तो स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिया कि हीट वेव से प्रभावित लोगों का प्राथमिकता से इलाज किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार के अंदर आने वाले अस्पतालों में विशेष स्पेशल हीट वेव यूनिट को शुरू करने का भी निर्देश दिया था।