लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अगले महीने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लेंगे। इन सबके बीच द इंडियन एक्सप्रेस को दिये गए इंटरव्यू में सीएम ने कहा कि उद्धव ठाकरे के गले का कॉलर अब नहीं रहा, वह यूं ही घूम रहे हैं, मुझे इसका श्रेय मिलना चाहिए। आइये जानते हैं एकनाथ शिंदे ने किन मुद्दों पर क्या राय दी।
शुरुआत में आपके पास महाराष्ट्र से 45 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य था लेकिन अब हमने सुना है कि इस संख्या को 35 से कम कर दिया गया है? इस सवाल के जवाब में सीएम शिंदे ने कहा कि बाहर जो भी बातें चल रही हैं वो विपक्ष की फैलाई हैं, मुझे विश्वास है कि हमें पिछली बार से ज्यादा सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा, “हमने पिछले दो सालों में अपना काम दिखाया है। हमारी सरकार आने से पहले लगभग सभी काम रुके हुए थे। आज, हम सभी हितधारकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, किसानों और महिलाओं से लेकर युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों तक।”
‘मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा लोगों ने मोदी जी के 10 साल और हमारी सरकार के पिछले दो साल के काम को देखा है। हमारे पास बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं। हमारा लक्ष्य मोदी जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना और देश को मजबूत बनाना है, यह देश के विकास के लिए भी जरूरी है।
दलित वोटर्स की नाराजगी के सवाल पर क्या बोले सीएम शिंदे?
दलित वोटर्स की नाराजगी पर सीएम शिंदे ने कहा कि यह धारणा का विषय है। जब विपक्ष को एहसास हुआ कि वे चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने प्रचार करना शुरू कर दिया कि संविधान बदल दिया जाएगा। सीएम ने कहा, “क्या आपको लगता है कि संविधान बदला जा सकता है? कांग्रेस ने संविधान में 82 संशोधन किये हैं, बाबा साहब कांग्रेस से चुनाव हार गये थे, वे कांग्रेस के विरोधी थे और कहते थे कि घर में आग लग गयी है, इसके करीब मत जाओ। संविधान दिवस की शुरुआत किसने की? ये मोदीजी थे। यहां तक कि पीएम ने भी कहा है कि कोई भी संविधान को नहीं बदल पाएगा।”

क्या ‘400 पार’ के नारे ने दलितों को डरा दिया कि यह संविधान के लिए ख़तरा है? इस सवाल के जवाब में सीएम ने कहा, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबा साहेब का संविधान नहीं बदलेगा।” एकनाथ शिंदे का कहना है कि अपने संविधान के कारण ही मोदीजी पीएम बन पाए हैं और मेरे जैसा किसान का बेटा सीएम बन पाया है। दलित और पिछड़ा समाज यह बात समझता है और मैं उनसे कहूंगा कि इसे अपने दिमाग से निकाल दें। एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष मुसलमानों के बीच भी डर पैदा कर रहा है। क्या आपको लगता है कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन योजना और आयुष्मान भारत का लाभ मुसलमान नहीं उठा रहे हैं?
मराठा आरक्षण नहीं मिलना MVA की गलती- शिंदे
मराठा आरक्षण और उसके कारण भाजपा के खिलाफ लोगों के गुस्से के सवाल पर सीएम शिंदे ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि बीजेपी या देवेंद्र फडणवीस जी से नाराज होने की जरूरत है क्योंकि पिछली बार जब वह सीएम थे, मैं उस समिति में भी था जिसने पहली बार मराठों को आरक्षण देने और उच्च न्यायालय में इसका बचाव करने का काम किया था। सरकार बदलने के बाद यह सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं सका तो यह महा विकास अघाड़ी की गलती है। जब हमारी सरकार आई तो हमने 10% आरक्षण दिया, लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।”

मराठा आरक्षण पर ओबीसी नेताओं की नाराजगी पर एकनाथ शिंदे का कहना है कि सरकार ने जो भी 10% आरक्षण दिया है, वह शिक्षा और नौकरियों में है इसलिए ओबीसी समुदाय को नाराज नहीं होना चाहिए। हमने किसी का लाभ छीना नहीं है बल्कि उन्हें अतिरिक्त लाभ दिया है। उन्होंने कहा कि समुदायों के बीच सारी दरारें विपक्ष द्वारा पैदा की जा रही हैं। मुझे लगता है कि समुदाय भी जागरूक हैं और जानते हैं कि कौन उनकी मांगों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है और कौन इस्तेमाल करो और फेंक दो के मकसद से काम कर रहा है।
असली शिवसेना कौन?
चुनावों के नतीजों से असली शिवसेना का पता चल जाएगा? इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा, “जहां तक असली और नकली सेना की बात है तो मुझे लगता है कि हम बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं और जो बात उन्हें मंजूर नहीं थी उसे दूसरी तरफ से आगे बढ़ाया जा रहा है। शिवसेना (यूबीटी) सावरकर को नहीं बल्कि औरंगजेब को चाहते हैं, इससे उनकी विचारधारा बदल गई है।” उद्धव ठाकरे की रैलियों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, “इसके लिए एकनाथ शिंदे जिम्मेदार हैं। गले का कॉलर अब नहीं रहा, और वह इधर-उधर घूम रहे हैं, इसका श्रेय मुझे मिलना चाहिए।”

शिंदे का आरोप मुझसे वादा कर खुद सीएम बन गए उद्धव
क्या उद्धव ठाकरे ने आपको मुख्यमंत्री पद का वादा किया था? इस सवाल के जवाब पर एकनाथ शिंदे ने कहा, “वह सीएम नहीं बनना चाहते थे इसलिए मुझे बनाया जा सकता था। वह कहते रहे कि एक शिवसैनिक को सीएम बनाया जाएगा। इसके बजाय, वह खुद सीएम बन गए। फिर उन्होंने अपने बेटे के लिए जमीन तैयार करना शुरू कर दिया।” शिंदे ने आरोप लगाया कि उनकी योजना बीजेपी नेताओं को जेल में डालने और बीजेपी के विधायकों को तोड़ने की भी थी। अगर उद्धव ठाकरे सीएम रहते हुए काम करते और कार्यकर्ताओं के पीछे खड़े होते तो पार्टी बरकरार होती।
चुनाव में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण के बयानों पर सीएम शिंदे ने कहा कि धर्म या हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के आधार पर चुनाव लड़ना ठीक नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। लोगों को अपने क्षेत्र में सुविधाओं, बच्चों के लिए शिक्षा और अपने क्षेत्र में विकास कार्यों पर वोट देना चाहिए। उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान लोग आएंगे, आपको डराएंगे और कहेंगे कि यह करो या वह करो लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि कई लोग उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। मुसलमानों को पहले भी गरीब रखा गया है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में मुस्लिमों को एक भी सीट नहीं दी है। उन्हें इस बारे में भी सोचना चाहिए।”