लोकसभा चुनाव 2024 में ब‍िहार की सबसे कम उम्र की द‍ल‍ित उम्‍मीदवार शांभवी का कहना है क‍ि वह आसानी से जीत जाएंगी। जनसत्‍ता.कॉम ने उनसे पूछा- आपकी जीत का गण‍ित क्‍या है, आपके आंकलन के ह‍िसाब से?

शांभवी का जवाब था-

जात‍ि का फैक्‍टर तो है ही, हमारे साथ व‍िकास का फैक्‍टर है, श‍िक्षा का है। नंबर्स देना उच‍ित नहीं समझेंगे। थोड़ा हम नजर-वजर भी मानते हैं। तो हम कोई नंबर देकर उसको ज‍िंक्‍स नहीं करेंगे। हम कहेंगे क‍ि हम आसानी से और अच्‍छे अंतर से जीतेंगे।

शांभवी के लोकसभा क्षेत्र (समस्‍तीपुर) में 13 मई को मतदान हो चुका है। वह च‍िराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्‍त‍ि पार्टी (रामव‍िलास) या लोजपा (आर) की उम्‍मीदवार हैं। समस्‍तीपुर से मौजूदा सांसद प्र‍िंंस राज हैं जो लोजपा उम्‍मीदवार के तौर पर जीते थे, लेक‍िन लोजपा में टूट के बाद पशुपत‍ि पारस के खेमे में चले गए।

‘नजर-वजर’ वाली बात शांभवी ने वीड‍ियो के अंत‍िम ह‍िस्‍से में कही है। समस्‍तीपुर में वोट‍िंग से पहले उनसे हुई बातचीत का पूरा वीड‍ियो यहां देख सकते हैं:

समस्‍तीपुर का जातीय समीकरण

समस्‍तीपुर में यादव और कुशवाहा मतदाताओं का बाहुल्‍य है। 19 फीसदी से ज्‍यादा दल‍ित हैं, पर वे कई जात‍ियों में बंटे हैं। मुसलमान मतदाताओं की संख्‍या भी 12 फीसदी से ज्‍यादा है। पारंपर‍िक रूप से यादव राजद को वोट करते हैं और कुशवाहा जदयू को। राजद इस बार इंड‍िया गठबंधन में है, ज‍िसके उम्‍मीदवार कांग्रेस के सनी हजारी हैं। जदयू एनडीए का ह‍िस्‍सा हैं, ज‍िसकी उम्‍मीदवार लोजपा (आर) की शांभवी हैं। 2014, 2019 और फ‍िर बीच में हुए उपचुनाव में यहां लोजपा ही जीती है।

सबसे ज्‍यादा पढ़े-ल‍िखे उम्‍मीदवारों में है शांभवी का नाम

शांभवी ब‍िहार के सबसे ज्‍यादा पढ़े-ल‍िखे उम्‍मीदवारों में से एक हैं और केवल 25 साल की हैं। उन्‍होंने द‍िल्‍ली के लेडी श्रीराम कॉलेज और द‍िल्‍ली स्‍कूल ऑफ इकोनॉम‍िक्‍स (डीएसई) से समाजशास्‍त्र में एमए क‍िया है। वह पटना के एक स्‍कूल में डायरेक्‍टर हैं।

शांभवी के प‍िता अशोक चौधरी ब‍िहार की एनडीए सरकार में मंत्री हैं। शांभवी के दादा महावीर चौधरी भी ब‍िहार में कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। वह नौ बार व‍िधायक रहे थे। 2014 में उनकी मृत्‍यु हो गई थी। शांभवी के श्‍वसुर क‍िशोर कुणाल राज्‍य के नामी आईपीएस रहे हैं। वह पासी (दल‍ित) समुदाय से आती हैं और उन्‍होंने क‍िशोर कुणाल के बेटे शायन कुणाल (भूम‍िहार) से अंतरजातीय शादी की है।

शांभवी को ट‍िकट क्‍यों द‍िया? च‍िराग ने द‍िया जवाब

शांभवी की उम्र उतनी ही है ज‍ितनी लोकसभा चुनाव लड़ने के ल‍िए होना जरूरी है। 25 साल। सांसद की उम्‍मीदवारी के साथ ही उनकी राजनीत‍ि में एंट्री हुई। च‍िराग पासवान ने एकदम नए उम्‍मीदवार पर भरोसा क्‍यों क‍िया? जनसत्‍ता.कॉम ने उनसे यह सवाल क‍िया तो उन्‍होंने जवाब द‍िया क‍ि अपनों से धोखा खाने के बाद उन्‍हें एक बहन को उम्‍मीदवार इसल‍िए बनाया क्‍योंक‍ि बेट‍ियां धोखा नहीं देतीं। इसके अलावा च‍िराग ने जो कुछ कहा वह इस वीड‍ियो में देख सकते हैं:

समस्‍तीपुर का चुनावी माहौल

समस्‍तीपुर में शांभवी के ख‍िलाफ सनी हजारी कांग्रेस के ट‍िकट पर मैदान में हैं। सनी के प‍िता महेश्‍वर हजारी भी नीतीश सरकार में जदयू के मंत्री हैं। हजारी स्‍थानीय नेता हैं। शांभवी को कई लोग ‘बाहरी’ मानते हैं।

‘बाहरी’ के तमगे से बचने के ल‍िए शांभवी ने समस्‍तीपुर में घर ल‍िया है। साथ ही, वह कहती हैं क‍ि जीतने के बाद हर व‍िधानसभा क्षेत्र में उनका कार्यालय होगा, ताक‍ि जनता की उन तक पहुंच आसान हो। शांभवी ने जनसत्‍ता.कॉम से बातचीत में यह तक दावा क‍िया क‍ि जनता को उनके यहां आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जनता फोन करेगी तो वह खुद पहुंचेंगी।

सांसदों की जनता तक पहुंच का मुद्दा समस्‍तीपुर ही नहीं, ब‍िहार के कई संसदीय क्षेत्रों में जनता को टीस देने वाला मुद्दा है। समस्‍तीपुर के मौजूदा सांसद प्र‍िंंस राज के बारे में भी ज्‍यादातर लोगों ने कहा क‍ि चुनाव जीतने के बाद वह क्षेत्र में बहुत कम द‍िखाई देते हैं और आते भी हैं तो कुछ ही इलाकों में जाते हैं। समस्‍तीपुर की जनता का दर्द और मुद्दा समझने के ल‍िए यह वीड‍ियो देख सकते हैं:

समस्‍तीपुर में व‍िकास

ब‍िहार के अन्‍य लोकसभा क्षेत्रों की तरह समस्‍तीपुर में भी व‍िकास की तस्‍वीर वही है। सड़क या फ्लाईओवर का काम तो चल रहा है , लेक‍िन गंदगी, ट्रैफ‍िक जाम, जल-जमाव, पानी न‍िकासी व्‍यवस्‍था की कमी आद‍ि समस्‍याओं पर कोई ध्‍यान नहीं द‍िया जा रहा है।