लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में पश्चिम बंगाल की 42 में से 4 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। राज्य में मुख्य मुकाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच है। आइए जानते हैं बंगाल की राजनीति में क्षेत्रीय समीकरण कितना मायने रखता है और इसका क्या इस असर इस बार के आम चुनावों में देखने को मिल सकता है।
भारतीय जनता पार्टी का पश्चिम बंगाल में 42 संसदीय क्षेत्रों में से 18 पर जीत हासिल करना 2019 के लोकसभा चुनावों में काफी आश्चर्यजनक था। 2014 के चुनावों में भाजपा ने राज्य में केवल दो सीटें जीतीं थी। उस लिहाज से पश्चिम बंगाल में 2019 के चुनाव परिणाम भाजपा के लिए काफी उत्साहजनक थे। लेकिन, 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन फिर वैसा नहीं रहा। इस लिहाज से 2024 का लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल में काफी दिलचस्प रहने वाला है।
दक्षिण बंगाल तृणमूल कांग्रेस का एक मात्र गढ़
पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सीट शेयर 42.9% था, लेकिन 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में यह केवल 26.2% रह गया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की ताकत राज्य को अगर पांच भागों में बांट कर आंकी जाए तो पता चलता है कि दक्षिण बंगाल को छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस का गढ़ कहीं नहीं है। बाकी सभी जगह भाजपा हावी है। एक बर्दवान में दोनों बराबरी पर हैं। देखें नीचे का टेबल
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा और टीएमसी की क्षेत्रवार सीटें
राज्य के इलाके | बीजेपी | टीएमसी |
दक्षिण बंगाल | 2 | 13 |
वर्धमान | 4 | 4 |
जंगलमहल | 5 | 3 |
सेंट्रल बंगाल | 3 | 2 |
उत्तर बंगाल | 4 | 0 |
बता दें कि यह विश्लेषण त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा (TCPD) के आंकड़ों के आधार पर है। इस विश्लेषण में पश्चिम बंगाल के 19 जिलों के आधार पर राज्य को पांच क्षेत्रों में बांटा गया है। हालांकि, राज्य में जिलों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।
जिन 19 जिलों के आधार में राज्य को पांच इलाकों में बांटा गया है वे इस तरह हैं- उत्तर बंगाल (कूच बिहार, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी), मध्य बंगाल (मालदह, मुर्शिदाबाद और उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर), दक्षिण बंगाल (हुगली, हावड़ा, कोलकाता और उत्तर और दक्षिण 24 परगना), बर्दवान (बर्धमान, बीरभूम और नादिया) और जंगलमहल (बांकुरा, पुरुलिया और पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर)।

पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनावों में बीजेपी और टीएमसी द्वारा लड़ी गई सीटों पर वोट शेयर का ग्राफ देखें

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों में बीजेपी और टीएमसी के वोट शेयर का ग्राफ देखें

दक्षिण बंगाल में बीजेपी से ज्यादा सीटें जीती थी टीएमसी
राज्य के 42 लोकसभा क्षेत्रों में से 15 दक्षिण बंगाल में हैं। यहां 2019 में तृणमूल ने 13 और बीजेपी ने केवल दो सीटें जीती थीं। टीएमसी के दबदबे वाला यह राज्य का एक मात्र इलाका है। यह इलाका टीएमसी और बीजेपी दोनों के लिए ही अहम है।
2021 के विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में भाजपा से आगे निकली टीएमसी
2019 के लोकसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों में बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस को पछाड़ दिया था, वहां 2021 में टीएमसी आगे निकल गई। इसके साथ, दक्षिण बंगाल में उसने अपना दबदबा बनाए रखा। बस, उत्तर बंगाल में वह बीजेपी से आगे नहीं निकल सकी। देखें टेबल:
2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और टीएमसी की क्षेत्रवार सीटें
राज्य के इलाके | बीजेपी | टीएमसी |
दक्षिण बंगाल | 9 | 99 |
वर्धमान | 13 | 40 |
जंगलमहल | 23 | 33 |
सेंट्रल बंगाल | 11 | 38 |
उत्तर बंगाल | 21 | 5 |
यह देखते हुए 2024 के चुनावों में भाजपा की चुनौती बहुत बढ़ जाती है। पार्टी को 2019 जैसा परिणाम पाने के लिए दक्षिण बंगाल के बाहर टीएमसी पर अपनी बढ़त हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर बीजेपी टीएमसी से ज्यादा सीटें हासिल करना चाहती है तो उसे टीएमसी के दक्षिण बंगाल के गढ़ में सेंध लगाने की जरूरत होगी।
