लोकसभा चुनाव 2024 के बीच नेताओं के दल बदलने का स‍िलस‍िला जारी है। प‍िछले कुछ चुनावों से जनता ने दल-बदलुओं को सबक स‍िखाना शुरू कर द‍िया है, फ‍िर भी न तो नेता दल बदलने से ह‍िचक रहे हैं और न पार्ट‍ियां उन्‍हें उम्‍मीदवार बनाने से पीछे हट रही हैं। क्षेत्रीय पार्ट‍ियां तो लगता है इसमें और आगे हैं। ओड़‍िशा का उदाहरण ताजा है। 

बीजू जनता दल (बीजेडी) ने 11 अप्रैल को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए नौ उम्मीदवारों और लोकसभा चुनावों के लिए एक उम्मीदवार की चौथी सूची जारी की। बीजेडी ने लेखाश्री सामंत सिंघर को पार्टी के बालासोर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। लेखाश्री भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्‍यक्ष थीं और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की जम कर आलोचना क‍िया करती थीं। पर, वह ट‍िकट पाने से केवल चार द‍िन पहले राज्‍य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल में शामिल हो गईं थीं।

नवीन पटनायक की अध्‍यक्षता वाली बीजू जनता दल (बीजद) ने लोकसभा चुनाव के ल‍िए आठ (38 प्रत‍िशत) दल-बदलुओं को उम्‍मीदवार बनाया है। ये भाजपा और कांग्रेस से आए नेता हैं। बीजद ने  लोकसभा चुनाव के लिए कुल सात (33 प्रत‍िशत) महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 

लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलने वाले नेता

नेतापार्टी (छोड़ी)पार्टी (शामिल)
मलूक नागरबसपाआरएलडी
नवीन जिंदलकांग्रेसबीजेपी
राजाराम त्रिपाठीकांग्रेसबीजेपी
विजेंदर सिंहकांग्रेसबीजेपी
सीता सोरेनझारखंड मुक्ति मोर्चाबीजेपी
मिलिंद देवड़ाकांग्रेसशिवसेना (शिंदे गुट)
गीता कोड़ाकांग्रेसबीजेपी
बृजेंद्र सिंहभाजपाकांग्रेस
राहुल कस्वांभाजपाकांग्रेस
रितेश पांडेबसपाभाजपा
अफजाल अंसारीबसपासमाजवादी पार्टी
बीबी पाटिलबीआरएसभाजपा
संगीता आजादबसपाभाजपा
अशोक चव्हाणकांग्रेसभाजपा

ओडिशा में 13 मई से 4 चरणों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होगा। बीजद और भाजपा ने जहां राज्य की सभी 21 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं कांग्रेस ने केवल उन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है जहां चौथे और पांचवे चरण में चुनाव होने वाले हैं। किसी भी पार्टी ने अभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी पूरी लिस्ट जारी नहीं की है।

बीजेडी ने किसे कहां से दिया टिकट?

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजद को यहां 12 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 8 और कांग्रेस को एक सीट हासिल हुई थी। लेखाश्री सामंतसिंघर को जहां केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद प्रताप सारंगी के खिलाफ बालासोर से उतारा गया है। वहीं, केन्द्रपाड़ा में पूर्व कांग्रेस नेता अंशुमान मोहंती जिन्होंने फरवरी में बीजेडी का हाथ थामा था, वह बीजेपी के बैजयंत जय पांडा के खिलाफ चुनाव मैदान में होंगे। पांडा ने 2018 में बीजेडी छोड़ दी थी। पिछले चुनाव में पांडा को बीजेडी के अनुभव मोहंती के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

बीजेडी ने पूर्व कांग्रेस सांसद प्रदीप मांझी को नबरंगपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। मांझी ने यह सीट 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीती थी।  प्रदीप मांझी 2021 में बीजेडी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस एमएलए सुरेश राउत्रे के बेटे  मन्मथ राउत्रे भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी के खिलाफ भुवनेश्वर से चुनाव लड़ेंगे। 38 साल तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद बीजेडी का हाथ थमने वाले सुरेंद्र सिंह भोई को बालंगीर सीट से टिकट दिया गया है।

दलबदुलओं को नकरा रही है जनता

पिछले लोकसभा चुनाव में 8000 से अधिक उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 195 दलबदलू उम्मीदवार भी शामिल थे, जो कि अलग-अलग दलों के थे। अर्थात, 2019 लोकसभा चुनाव में कुल उम्मीदवारों का 2.4 प्रतिशत दलबदलू उम्मीदवारों का हिस्सा था। इन 195 नेताओं में से केवल 29 को ही जीत मिली थी, इससे पिछले चुनाव का सक्सेस रेट 14.9 प्रतिशत था।

दो चुनाव पहले, दलबदलू नेताओं का सक्सेस रेट करीब-करीब दो गुना था। 2004 लोकसभा चुनाव में कुल उम्मीदवारों का 3.9 प्रतिशत हिस्सा दलबदलू उम्मीदवारों का था और सक्सेस रेट 26.2 प्रतिशत था।