जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम या देश के पीएम नहीं थे तब भी गुजरात में लोकसभा चुनाव में बीजेपी हमेशा कांग्रेस पर भारी रही है। 1989 से हर लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है। 2004 से 2014 तक जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी, तब भी बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा सीटें अपनी झोली में डाली थीं।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही नहीं, 2019 में तो गुजरात की 26 में से 18 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार ढाई लाख से ज्यादा मतों के मार्जिन से जीते थे।

इस बार बीजेपी ने गुजरात में हर सीट पर 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल करने का टारगेट रखा है। वैसे, एक सीट तो वह बिना चुनाव के ही जीत चुकी है। हाल ही में सूरत की लोकसभा सीट काफी चर्चा में रही थी जहां से बीजेपी के उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिली थी क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया था।
लोकसभा चुनाव 2019 में गुजरात की 15 सीटें ऐसी थीं, जहां बीजेपी को 60 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। 5 सीटें ऐसी थीं, जहां पर बीजेपी ने चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की गांधीनगर सीट पर बीजेपी को 69.7%, वडोदरा में रंजनाबेन भट्ट को 72.3%, सूरत में केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश को 74.5% और नवसारी सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को 74.4% मत हासिल हुए थे।
Gujarat Lok Sabha Election : कब क्या रहे चुनाव नतीजे
साल | बीजेपी को मिली सीटें | कांग्रेस को मिली सीटें | अन्य को मिली सीटें |
1989 | 12 | 3 | 11 |
1991 | 20 | 5 | 1 |
1996 | 16 | 10 | 0 |
1998 | 19 | 7 | 0 |
1999 | 20 | 6 | 0 |
2004 | 14 | 12 | 0 |
2009 | 15 | 11 | 0 |
2014 | 26 | 0 | 0 |
2019 | 26 | 0 | 0 |
गुजरात में पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में सीटों के साथ ही कांग्रेस का वोट शेयर भी लगातार गिरता गया है।

2022 Gujarat Assembly Election: 1998 से लगातार जीत रही बीजेपी
बीजेपी गुजरात में 1998 से लगातार विधानसभा का चुनाव जीत रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। 182 सीटों वाली विधानसभा में उसने 156 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर आकर रुक गयी थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस का यह बेहद खराब प्रदर्शन था क्योंकि तब कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी। बीजेपी का कांग्रेस के खिलाफ जीत का औसत आंकड़ा 20% के आसपास है लेकिन गुजरात में यह 30% है।
कांग्रेस को KHAM थ्योरी से उम्मीद
राजकोट सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के बयान पर विवाद होने के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे KHAM थ्योरी से फायदा मिलेगा। यहां बताना जरूरी होगा कि कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव सिंह सोलंकी ने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय को जोड़कर KHAM फार्मूले को तैयार किया था। इसकी बदौलत ही कांग्रेस ने बीजेपी को लंबे वक्त तक सत्ता से बाहर रखा था।
पुरुषोत्तम रुपाला के बयान से नाराजगी के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि क्षत्रिय मतदाता उसकी ओर आएंगे।

BJP Congress Reservation 2024: कांग्रेस ने बनाया आरक्षण को मुद्दा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में हुई अपनी चुनावी जनसभा में संविधान की प्रति जनता को दिखाते हुए कहा कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है। कांग्रेस ने कहा है कि अगर बीजेपी 400 सीटें जीत गई तो संविधान के द्वारा मिला आरक्षण खत्म हो जाएगा। बता दें कि कांग्रेस की KHAM थ्योरी में आदिवासी और हरिजन मतदाता भी हैं।
लेकिन बीजेपी ने इसका यह कहकर जवाब दिया है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण को मुसलमानों को दे देगी।

Gujarat Congress: लगातार पार्टी छोड़ रहे नेता
गुजरात में कांग्रेस एक के बाद एक लगातार झटके खा रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के अलावा कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इस साल मार्च में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी को अलविदा कह दिया था। अर्जुन मोढवाडिया गुजरात में कांग्रेस के सबसे बड़े ओबीसी चेहरे थे और लंबे वक्त तक राज्य में बीजेपी की सरकार के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई करते रहे थे। कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे रोहन गुप्ता ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया था।
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक पटेल, ठाकोर समुदाय के नेता अल्पेश ठाकोर भी बीजेपी के साथ चले गए थे।
सवाल यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में कांग्रेस क्या इस बार अपने पिछले दो चुनावों के खराब प्रदर्शन से उबरेगी और क्या लोकसभा में खाता खोल पाएगी?