मोदी सरकार ने 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के लिए 20 अरब डॉलर के पैकेज का ऐलान किया था। सरकार ने यह फैसला अर्थव्यवस्था की लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए लिया था। आजादी के बाद से भारत में कॉरपोरेट टैक्स कभी भी इतने निचले स्तर तक नहीं पहुंचा था।
लेकिन सीबीडीटी की ओर से मिले वित्तीय वर्ष 2020 से 2024 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि कॉरपोरेट टैक्स कम किए जाने के बाद भी डायरेक्ट टैक्स यानी प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी लगातार कम होती जा रही है जबकि पर्सनल टैक्स की हिस्सेदारी बढ़ी है। देखिए टेबल
| डायरेक्ट टैक्स में हिस्सेदारी | कॉरपोरेट टैक्स (प्रतिशत में) | पर्सनल टैक्स (प्रतिशत में) |
| साल 2020 | 53.0 | 46.5 |
| साल 2024 | 46.9 | 53.3 |
सीबीडीटी की ओर से ही मिले आंकड़ों को देखें तो यह भी पता चलता है कि नॉमिनल जीडीपी में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी .32% बढ़ी है। जबकि पर्सनल टैक्स की हिस्सेदारी 1.1% बढ़ी है।
यह साफ है कि नॉमिनल जीडीपी में कॉरपोरेट टैक्स और पर्सनल टैक्स दोनों की ही हिस्सेदारी बढ़ी है लेकिन पर्सनल टैक्स की हिस्सेदारी ज्यादा बढ़ी है। देखिए टेबल
| नॉमिनल जीडीपी में हिस्सेदारी | कॉरपोरेट टैक्स (प्रतिशत में) | पर्सनल टैक्स (प्रतिशत में) |
| साल 2020 | 2.77 | 2.45 |
| साल 2024 | 3.09 | 3.55 |
Direct Tax: डायरेक्ट टैक्स क्या है?
डायरेक्ट टैक्स टैक्सपेयर की आय पर लगने वाला वह टैक्स है जो वह सरकार को देता है और इसके अलावा और किसी को नहीं दे सकता। भारत में इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) डायरेक्ट टैक्स के अंदर आते हैं।
Corporate Tax: कॉरपोरेट टैक्स क्या है?
कॉरपोरेट टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगता है जो या तो भारत से अपना काम कर रही हैं या भारत में अपना किसी तरह का ऑपरेशन चला रही हैं। उन्हें सरकार को जो टैक्स देना पड़ता है उसे कॉरपोरेट टैक्स कहा जाता है। यह उन्हें अपने बिजनेस से होने वाले मुनाफे पर देना होता है।
इनडायरेक्ट टैक्स किसी व्यक्ति या किसी इकाई पर लगाए जाने वाला टैक्स है जिसका भुगतान किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किया जाता है। जो भी संस्था इस टैक्स को इकट्ठा करती है, वह इसे सरकार को भेज देती है।
पर्सनल इनकम टैक्स कर की ऐसी व्यवस्था है जिसे सरकार लोगों के द्वारा अर्जित की गई इनकम पर लगाती है। कानून के मुताबिक, टैक्स देने वाले लोगों को सालाना आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। यहां से जो राजस्व सरकार को मिलता है, वह सरकार की आय का एक अहम हिस्सा होता है।
2023-24 में डायरेक्ट टैक्स 17.7% बढ़ा
भारत में नेट डायरेक्ट टैक्स 2023-24 में 17.7% बढ़कर 19.58 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। यह इस साल के लिए लगाए गए अनुमान से थोड़ा ज्यादा है। इस वित्तीय वर्ष में पर्सनल इनकम टैक्स की हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में 50.06% से बढ़कर 53.3% हो गई जबकि कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 49.6% से गिरकर 46.5% पर आ गई है।
Congress Manifesto 2024: आर्थिक समानता का मुद्दा
अब आते हैं लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे आर्थिक समानता के मुद्दे पर। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आर्थिक समानता की बात कही है। कांग्रेस ने कहा है कि आर्थिक न्याय उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि राजनीतिक और सामाजिक न्याय।
अपनी चुनावी रैलियों के दौरान राहुल गांधी मोदी सरकार को अमीरों की, उद्योगपतियों की और कारपोरेट्स की सरकार बताते हैं और आरोप लगाते हैं कि मोदी सरकार अमीरों का कर्ज माफ कर रही है।

राहुल गांधी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को जारी करते हुए कहा था, “हम देश का X-Ray कर देंगे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पिछड़े वर्ग को, दलितों को, आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट के लोगों को, माइनॉरिटीज को पता चल जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे करेंगे। ये पता लगाएंगे हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है, कौन से वर्ग के हाथ में है। इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। जो आपका हक बनता है, आपके लिए आपको देने का काम करेंगे।”

लेकिन बीजेपी ने इसका खुलकर विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो वह संपत्ति उन लोगों को दे देगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को घुसपैठिया भी कहा कि और आरोप लगाया कि यूपीए के शासन के दौरान कांग्रेस के नेता और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। हालांकि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की बातों को सिरे से खारिज कर दिया था।
