लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में घोटालों और यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर जबरदस्त सियासी शोर देखने को मिला। इन मामलों में दिल्ली का कथित आबकारी घोटाला, उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के द्वारा टीएमसी नेता पर लगाए गए यौन शोषण के आरोप और कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कई आपत्तिजनक वीडियो चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा के केंद्र में रहे।

लेकिन क्या इन चारों मुद्दों का चुनाव पर कोई असर हो सकता है?

Delhi Liquor Scam: दिल्ली, पंजाब में प्रचार करेंगे केजरीवाल

सबसे पहले बात करते हैं कथित आबकारी घोटाले की। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को इस मामले में इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह तिहाड़ जेल में रहे और 10 मई को जमानत पर बाहर आ गए।

केजरीवाल आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर चुकी है। पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को प्रचंड जीत मिली थी। उस दौरान भी पार्टी के मुख्य चेहरे केजरीवाल ही थे।

Sunita kejriwal
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल चुनाव प्रचार कर रही हैं। (Source- AAPkaArvind/FB)

केजरीवाल के जेल में होने की वजह से चुनाव प्रचार में पार्टी को उनकी जबरदस्त कमी खल रही थी। लेकिन अब जब केजरीवाल जमानत पर बाहर आ गए हैं और वह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं तो निश्चित रूप से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ ही कांग्रेस को भी इसका फायदा मिल सकता है। क्योंकि दिल्ली में दोनों दलों का गठबंधन है।

इसके साथ ही पंजाब में भी आम आदमी पार्टी को केजरीवाल के प्रचार करने का फायदा मिलेगा क्योंकि पार्टी ने यह बताने की कोशिश की है कि बीजेपी ने केजरीवाल को एजेंसियों का इस्तेमाल करके फंसाया है।

K. Kavitha Delhi excise policy: केसीआर की बेटी भी हैं जेल में

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी के. कविता भी इस कथित आबकारी घोटाले को लेकर जेल में हैं। उन्हें इस साल मार्च में ईडी ने गिरफ्तार किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 मई को ईडी से के. कविता की जमानत याचिका के मामले में जवाब मांगा है। के. कविता को भी तिहाड़ जेल में रखा गया है।

चूंकि बीआरएस ने 10 साल तक तेलंगाना में सरकार चलाई है इसलिए बीजेपी इस मामले में तेलंगाना में बीआरएस पर लगातार हमलावर है। बीआरएस बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा चुकी है।

ऐसे में के. कविता के जेल में जाने की वजह से उसे सियासी नुकसान हो सकता है। बीआरएस को अगर नुकसान होता है तो इसका फायदा कांग्रेस और बीजेपी को मिल सकता है।

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कैसरगंज सीट से बृजभूषण शरण के बेटे करण भूषण सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं (Source- Express)

Brij Bhushan Sharan Singh: बीजेपी ने काट दिया टिकट

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने यौन शोषण के मामले में आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में 6 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बीते साल देश भर में जबरदस्त हंगामा हुआ था। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने मांग की थी कि बृजभूषण शरण सिंह को पार्टी से बाहर किया जाए। बीजेपी ने इस वजह से इस बार बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया और उनके बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।

बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय होने के बाद यह मुद्दा फिर से गरम हो गया है। कांग्रेस ने मांग की है कि बीजेपी को बृजभूषण को पार्टी से बाहर करना चाहिए और उनके बेटे से टिकट वापस ले लेना चाहिए। विपक्षी दलों को एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिला है। चूंकि यह मामला नामी महिला पहलवानों से जुड़ा है और महिला सुरक्षा जैसा संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए बीजेपी इस मुद्दे पर घिरती हुई दिखाई दी है।

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उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद में चुनावी सभा को संबोधित करतीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी। (PTI Photo)

Sandeshkhali Case: बीजेपी-टीएमसी के बीच जुबानी जंग

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तीन महिलाओं ने जब टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तो बीजेपी ने इसे पश्चिम बंगाल और इसके बाहर भी बड़ा मुद्दा बनाया था। लेकिन तीन में से एक महिला ने हाल ही में दुष्कर्म के आरोपों को वापस ले लिया है और कहा है कि भाजपा ने उन्हें इस बात के लिए मजबूर किया कि वह सादे कागजों पर दस्तखत करें और बाद में इन कागजों का इस्तेमाल यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए किया गया।

आरोप वापस लेने वाली महिला ने यह भी कहा है कि टीएमसी के दफ्तर के अंदर उनका किसी तरह का यौन उत्पीड़न नहीं हुआ।

बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित तमाम नेताओं ने संदेशखाली के मुद्दे को चुनावी जनसभाओं में जोर-शोर से उठाया है।

हाल ही में सोशल मीडिया पर टीएमसी की ओर से कई ऐसे वीडियो शेयर किए गए हैं जिसमें दावा किया गया है कि एक महिला ने राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के कहने पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया। इन वीडियो के सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बीजेपी ने संदेशखाली के मामले में सिर्फ झूठ बोला और कुछ लोगों को झूठ बोलने के लिए पैसा दिया।

संदेशखाली मामले में नए वीडियो के आने के बाद बीजेपी और टीएमसी के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है। बताना होगा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त चुनावी टक्कर है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 18 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि 2014 में उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी।

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सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कई कथित ‘अश्लील वीडियो’ सामने आए हैं। (PC- FB)

Prajwal Revanna videos: रेवन्ना के वीडियो पर हंगामा

जेडीएस के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है क्योंकि कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस का चुनावी गठबंधन है। इस मामले में कर्नाटक पुलिस ने शुक्रवार को बीजेपी के नेता और एडवोकेट जी. देवराज गौड़ा को गिरफ्तार किया है।

गौड़ा ने प्रज्वल के वीडियो सामने आने के बाद दावा किया था कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व को बीते साल प्रज्वल के महिलाओं के साथ यौन शोषण करने के बारे में चेताया था। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि गौड़ा के द्वारा उन्हें इस संबंध में कोई भी पत्र भेजने की बात पूरी तरह झूठ है।

प्रज्वल का यह मामला इसलिए भी बड़े पैमाने पर सुर्खियों में आया क्योंकि वह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। उन्होंने इस बार भी बीजेपी-जेडीएस के उम्मीदवार के तौर पर हासन सीट से चुनाव लड़ा है। प्रज्वल इस मामले के सामने आने से पहले ही भारत छोड़कर विदेश चले गए थे।

Karnataka Assembly Election 2023: कांग्रेस ने हराया था बीजेपी को

कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 में से 25 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। चूंकि यह मामला बीच चुनाव के वक्त सामने आया है इसलिए कर्नाटक के चुनाव नतीजों पर इसका असर हो सकता है।

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संजय बारू का तर्क है क‍ि मोदी को 370 सीटें आ गईं तो आगे चल कर बीजेपी का वही हश्र होगा जो इंद‍िरा गांधी या राजीव गांधी को प्रचंड बहुमत म‍िलने के बाद कांग्रेस का हुआ था। (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

इन चुनावी मुद्दों पर चर्चा के दौरान कुछ ऐसे मुद्दे भी याद आते हैं जिन्हें लेकर लोकसभा चुनावों में कभी न कभी जबरदस्त हंगामा रहा।

Bofors Scandal: गिर गई थी राजीव गांधी की सरकार

साल 1989 के लोकसभा चुनाव में वीपी सिंह ने बोफोर्स तोप की खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। बोफोर्स के मुद्दे के सामने आने के बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था। वीपी सिंह ने इसे इतना बड़ा मुद्दा बना दिया था कि 1984 के लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस 1989 के लोकसभा चुनाव में 193 सीटों पर सिमट गई थी। चुनाव नतीजे आने के बाद 1989 में वीपी सिंह बीजेपी और वाम दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे।

Rafale Scandal : 2019 में राहुल गांधी ने बनाया था मुद्दा

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमान में हुई खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने इसे लेकर चौकीदार चोर है का नारा दिया था तो बीजेपी ने इसका जवाब मैं भी चौकीदार के नारे से दिया था। 2019 का लोकसभा चुनाव इस मुद्दे के आसपास ही घूमा था। लेकिन बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी।

कांग्रेस का कहना था कि मोदी सरकार में राफेल के एक विमान की कीमत यूपीए सरकार में तय की गई कीमत से बहुत ज्यादा थी। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी और फैसले को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था।

बीजेपी सांसद बृजभूषण और उनकी जगह कैसरगंज से उम्‍मीदवार बने बेटे करण भूषण (नीचे)।