Kon Hai Changur Baba: उत्तर प्रदेश में इन दिनों छांगुर बाबा का जिक्र सबसे ज्यादा हो रहा है, इसका असल नाम जमालुद्दीन बताया गया है। आरोप लगा है कि छांगुर लड़कियों को गुमराह कर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहा था। आरोप तो ये भी लगा है कि इसे इस्लामिक मुल्कों से काफी फंडिंग मिल रही थी। उसने कई लड़कियों को अपने झांसे में फंसाया था। हर बीतते दिन के साथ इस विवाद में नए खुलासे भी होते जा रहे हैं, ऐसे में यहां सरल शब्दों में इस पूरी कहानी को जानने की कोशिश करते हैं। 10 सवालों में आपको छांगुर का बचपन, उसके परिवार, धर्मांतरण रैकेट, फंडिंग जैसे तमाम बातों के बारे में बताते हैं-

कौन हैं छांगुर बाबा?

छांगुर बाबा का जन्म यूपी के बलरामपुर के उतरौला में हुआ था। उसका बचपन रेहरा माफी गांव में बीता। आगे चलकर उसने इसी गांव में अपने सभी काम शुरू किए।

छांगुर बाबा का बचपन कैसा था?

छांगुर बाबा को लेकर कहा जाता है कि इसका बचपन काफी गरीबी में बीता था। कई सालों तक उसने भीख मांगकर अपना पेट भरा। बाद में कुछ समय के लिए छांगुर ने साइकिल से नग और अंगूठी बेचने का काम भी किया।

छांगुर बाबा के परिवार में कौन कौन?

छांगुर के परिवार को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक छांगुर के तीन भाई है जहां वो खुद सबसे बड़ा है। उसके तीनों भाई अभी-अभी बलरामपुर के गांव में रहते हैं।

छांगुर बाबा पर क्या आरोप?

छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने कई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया था। अपनी एक कोठी में ही वो इस रैकेट को अंजाम दे रहा था।

छांगुर बाबा कैसे करता था धर्मांतरण?

छांगुर को लेकर कहा जा रहा है कि वो जाति देखकर लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर रहा था। अलग-अलग जातियों के लिए उसने अलग रेट भी फिक्स कर रखे थे। उसने अपने घर पर कलावा, धार्मिक किताबें भी रखी थीं।

छांगुर बाबा कहां चला रहा था अपना रैकेट?

नेपाल बॉर्डर से सटे बलरामपुर में ही छांगुर बाबा ने अपनी एक बड़ी कोठी बना रखी थी। आरोप है कि उसी कोठी से वो इस रैकेट को लंबे समय से चला रहा था।

छांगुर की कोठी को लेकर क्या विवाद?

छांगुर की कोठी को लेकर कई बातें सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि उसकी कोठी में सारा सामान विदेश से मंगवाया जाता था। सुरक्षा के लिए दीवारों को ऊंचा रखा गया था, वहां भी उन दीवारों के ऊपर बिजली वाली कटीली तारें लगा दी गई थीं।

बुलडोजर से क्यों गिराई गई छांगुर की कोठी?

ऐसा आरोप लगा है कि छांगुर बाबा ने इतनी बड़ी कोठी अवैध जमीन पर बना रखी थी, इसके ऊपर वहां पर उसकी तरफ से धर्मांतरण का रैकेट चल रहा था। ऐसे में प्रशासन ने उसे बुलडोजर से गिरा दिया।

छांगुर को सारी फंडिंग कहां से मिल रही थी?

जांच में सामने आया है कि कई इस्लामिक मुल्कों से छांगुर को बड़ी फंडिंग मिल रही थी। यहां भी 200 करोड़ की फंडिंग की पुष्टि हो चुकी है, माना जा रहा है कि और 300 करोड़ की फंडिंग को ट्रैक करना है। उसने कई बैंक खाते भी खुलवा रखे थे।

छांगुर के साथ अब आगे क्या होगा?

छांगुर अभी 16 जुलाई तक एटीएस की कस्टडी में है, उससे रोज घंटों की पूछताछ हो रही है। कई बड़े खुलासे भी हो रहे हैं। माना जा रहा है कि उसे आगे भी कस्टडी में रखा जा सकता है। ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उस पर शिकंजा कस रही है।