केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बृहस्पतिवार (2 फरवरी) को राज्यसभा में बताया है कि उन्होंने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को उस चिट्ठी में आखिर क्या लिखा था, जिसपर काफी विवाद हुआ था। रिजिजू ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को लिखी अपनी चिट्ठी में जजों की नियुक्ति के लिए सर्च कम इवैल्यूएशन कमेटी में सरकार के प्रतिनिधि को शामिल करने का सुझाव दिया था। सर्च कम वैल्यूएशन कमेटी ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कॉलेजियम (Collegium System) को जजों की नियुक्ति में सहयोग करती है।

सरकार ने SC को चिट्ठी में क्या कहा था?

लॉ मिनिस्टर किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि 6 जनवरी 2023 को लिखी चिट्ठी में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अन्य बातों के अलावा यह सुझाव दिया था कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति से संबंधित Search-cum-Evaluation Committee में सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। न्यायालय को न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मेमोरेंडम ऑफ प्रैक्टिस (एमओपी) को अंतिम रूप देने के लिए कहा गया था।

किरण रिजिजू ने कहा कि इस कदम से जजों की नियुक्ति में और पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि जो सुझाव दिये गए थे, उसके और अन्य सुझावों को जरिए संवैधानिक कोर्ट में जजों की नियुक्ति में और ज्यादा ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी आएगी।

रिजिजू की चिट्ठी पर मचा था घमासान

आपको बता दें कि पिछले महीने जब सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को यह चिट्ठी भेजी गई, तो दावा किया गया कि सरकार, कॉलेजियम में अपने प्रतिनिधि शामिल कराना चाहती है। तमाम मीडिया रिपोर्ट में भी ऐसा दावा किया गया था। हालांकि कानून मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में इसका खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा चार और जज होते हैं। मैं किसी को कैसे कॉलेजियम में शामिल करा सकता हूं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि चैनलों पर इस खबर पर डिबेट हो गई यहां.. तक कि सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज ने अपना इंटरव्यू भी दे दिया…’।

विपक्ष ने बनाया था मुद्दा

जब यह खबर आई कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी है, तब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसको मुद्दा बना लिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)  ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और बैक डोर से एनजेएसी की वापसी का आरोप लगाया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो केंद्र सरकार के पत्र को ‘जहर की गोली’ करार दिया था। (पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)