सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) हंसमुख इंसान हैं। उनके चेहरे पर हमेशा हल्‍की मुस्‍कान बनी रहती है। वह मौका म‍िलते ही हंसी-मजाक करने या चुटकी लेने से भी नहीं चूकते हैं। ऐसा ही एक वाकया प‍िछले द‍िनों नजर आया। मौका था सुप्रीम कोर्ट बार एसोस‍िएशन की ओर से आयोज‍ित एक कार्यक्रम का। 13 अप्रैल, 2023 को यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट के आठ नए जजों के स्‍वागत में आयोज‍ित था।

इस कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुए जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़ ने मजाक‍िया अंदाज में कहा क‍ि आज का द‍िन हम सब की ज‍िंदगी में क‍ितना हसीन है। द‍िन की शुरुआत बढ़‍िया चॉकलेट और ऑरेंज केक से हुई। इसका इंतजाम जस्‍ट‍िस संजय कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) की ओर से क‍िया गया था। क‍िसी का जन्‍मद‍िन हो तो सवेरे शानदार केक का इंतजाम वही कराते हैं। और अब द‍िन के अंत में यह स्‍वागत समारोह हो रहा है। द‍िन का अंत इसल‍िए क्‍योंक‍ि अब मैं शाम को लौट कर चैंबर में बैठने वाला नहीं हूं।

जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़ कार्यक्रम के आयोजक सुप्रीम कोर्ट बार एसोस‍िएशन के अध्‍यक्ष व‍िकास स‍िंह पर भी चुटकी लेने से नहीं चूके। क्र‍िकेट मैच के बहाने उन्‍होंने व‍िकास स‍िंह पर चुटकी ली और कहा क‍ि मैं क्रि‍केट मैच (वकीलों और जजों के बीच) कराने का व‍िकास स‍िंह का आग्रह इसील‍िए टालता रहा था, लेक‍िन अब (आठ नए जज आने के बाद) हमारे पास द‍िग्‍गज क्र‍िकेटर्स हैं।

कौन हैं जस्टिस संजय किशन कौल?

जस्टिस संजय किशन (Justice Sanjay Kishan Kaul Biography) कौल मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के रहने वाले हैं। 26 दिसंबर 1958 को जन्में जस्टिस कौल सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर मोस्ट जज हैं। उन्होंने दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई की है। इसके बाद साल 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) में लॉ में एडमिशन ले लिया था। कानून की पढ़ाई के बाद 15 जुलाई 1982 को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराया और बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस शुरू की थी।

1987 में सुप्रीम कोर्ट में हुए थे रजिस्टर

सिविल, रिट, और कंपनी मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले जस्टिस कौल साल 1987 में सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के तौर पर रजिस्टर हुए और 1999 में सीनियर एडवोकेट बन गए। उन्होंने डीडीए के लिए एडिशनल सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल भी सेवा दी।

साल 2001 में बने थे जज

जस्टिस संजय किशन कौल 3 मई 2001 को दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त हुए और 2 साल बाद 2 मई 2003 को परमानेंट जज बन गए। जस्टिस कौल महज 3 दिनों के लिए 23 सितंबर 2012 से 25 सितंबर 2012 तक दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस भी रहे। इसके बाद एक जून 2013 को उनकी नियुक्ति बतौर चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हुई।

यहां साल भर से ज्यादा वक्त तक सेवा देने के बाद 26 जुलाई 2014 को मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। यहीं से सुप्रीम कोर्ट आए। जस्टिस संजय किशन कौल की 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्ति हुई थी।

थियेटर के शौकीन हैं जस्टिस कौल

जस्टिस संजय किशन कौल (Sanjay Kishan Kaul) की थियेटर में खासी दिलचस्पी है और अक्सर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) से लेकर तमाम थिएटर में रंगमंच का आनंद लेते देखे जा सकते है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जस्टिस कौल को संगीत और गोल्फ में भी खासी दिलचस्पी है। खाली वक्त में गोल्फ खेलना पसंद करते हैं।

कई मशहूर मामलों में सुना चुके हैं फैसला

जस्टिस कौल, इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 पर Innovative Industries v ICICI Bank (2017) केस में फैसला सुनाने वाली बेंच का हिस्सा थे। इसके अलावा वह साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की उस बेंच का भी हिस्सा थे, जिसने निजता को मूलभूत अधिकार के पक्ष में अहम फैसला सुनाया था।