बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर कई भ्रामक पोस्ट शेयर की जा रही हैं। लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक ऐसी ही पोस्ट मिली, जिसमें एक वीडियो में दिख रहा है कि महिला के हाथ-पैर बंधे हुए हैं और राहगीर उसे घूर रहे हैं। उसके मुंह पर टेप भी चिपका हुआ है। हमने वीडियो में एक व्यक्ति को वीडियो कैमरा लिए हुए भी देखा।
पोस्ट के साथ दावा किया गया था कि वीडियो में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेशी हिंदुओं की दुर्दशा हो रही है। जांच के दौरान हमने पाया कि यह दावा भ्रामक है। यह वीडियो एक नुक्कड़ नाटक का हिस्सा था और हाल ही का नहीं है।
क्या है दावा?
X यूजर Jitendra Pratap Singh ने वायरल वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया।
अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।
हमें यह वीडियो करीब 20 दिन पहले फेसबुक पर अपलोड किया हुआ मिला।
वीडियो के शीर्षक से पता चला कि यह जगन्नाथ विश्वविद्यालय का है।
हमें यह वीडियो ‘JnU शॉर्ट स्टोरीज‘ नामक फेसबुक पेज पर भी अपलोड किया हुआ मिला।

विवरण में कहा गया है (अनुवाद): आपकी अफ़वाहों के कारण आज लड़की सदमे से गुज़र रही है। लड़की शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में जगन्नाथ विश्वविद्यालय की नियमित छात्रा है। यह वीडियो कुछ दिन पहले अबंतिका की आत्महत्या के विरोध में नुक्कड़ नाटक का दृश्य है! लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो को फ़ेसबुक पर शेयर किया, जिसमें लड़की को छात्र लीग की नेता के रूप में पेश किया गया और मौजूदा आंदोलन काल का हवाला दिया गया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।
लड़की यह सब देखकर सदमे से गुज़र रही है। आज अगर लड़की अबंतिका की तरह आत्महत्या कर ले, तो उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? सभी लोग लड़की के साथ खड़े हैं, जहाँ भी आप यह वीडियो देखें, कमेंट में विरोध के साथ इसे रिपोर्ट करें। कृपया इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करके इस अफ़वाह को रोकें।
कैप्शन से पता चलता है कि यह वीडियो बांग्लादेश में भी पहले भ्रामक दावों के साथ वायरल हो चुका है।
हमें जगन्नाथ विश्वविद्यालय की छात्रा की आत्महत्या के बारे में कुछ रिपोर्ट भी मिलीं।

इसके बाद हमने बांग्लादेश के वरिष्ठ फैक्ट चेकर तनवीर महताब अबीर से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया, “यह पिछले मार्च में जगन्नाथ विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की एक छात्रा द्वारा किए गए मौन विरोध प्रदर्शन का दृश्य है।”
निष्कर्ष: बांग्लादेश के जगन्नाथ विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा मौन विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं की हाल की दुर्दशा को दर्शाता है। वायरल दावा भ्रामक है।