जब कोई आरोपी देश की भौगोलिक सीमा पार करता है, तो उसकी चुनौती खत्म नहीं होती, बल्कि जांच का दायरा अंतरराष्ट्रीय हो जाता है। इंटरपोल के रेड, ब्लू, येलो से लेकर हाल के सिल्वर नोटिस तक की बहुस्तरीय व्यवस्था ने बीते पांच वर्षों में भारत को भगोड़ों, संगठित अपराध नेटवर्क और उनकी अरबों की अवैध संपत्तियों पर वैश्विक निगरानी और कार्रवाई का प्रभावी औजार दिया है।

रेड नोटिस

अभियोजन के लिए वांछित या सजा काटने के लिए वांछित व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जारी किया गया नोटिस।

येलो नोटिस

लापता व्यक्तियों, अक्सर नाबालिगों, का पता लगाने में मदद करने के लिए, या उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद करने के लिए जो स्वयं की पहचान करने में असमर्थ हैं।

ब्लू नोटिस

किसी आपराधिक जांच के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करने के लिए।

ब्लैक नोटिस

अज्ञात शवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए।

ग्रीन नोटिस

किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देने के लिए, जहां उस व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना जाता है।

आरेंज नोटिस

किसी ऐसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया के बारे में चेतावनी देने के लिए जारी किया जाता है जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर और तत्काल खतरा पैदा करती है।

पर्पल नोटिस

अपराधियों द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों, वस्तुओं, उपकरणों और छिपाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करना या प्रदान करना।

सिल्वर नोटिस (पायलट चरण)

आपराधिक संपत्तियों की पहचान और पता लगाने के लिए।

बारह अरब डालर की संपत्ति जब्त करने का सरकार का दावा

केंद्र सरकार ने धनशोधन कानून को सख्त कर दिया है। पिछले चार वर्षों में दो अरब डालर बरामद किए हैं। धनशोधन कानून को सख्त करने के कारण भारत सरकार 2014-23 के बीच कई भगोड़ों की 12 अरब डालर की संपत्ति जब्त करने में सक्षम हुई। सीबीआइ ने साल 2024 में फरार आरोपियों के खिलाफ कम से कम 52 रेड नोटिस और 44 ब्लू नोटिस जारी किए।

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साल 2025 के पहले नौ महीनों में 189 नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें 89 लाल नोटिस और 110 नीले नोटिस शामिल हैं। इंटरपोल ने भारतीय भगोड़ों के खिलाफ 957 रेड नोटिस जारी किए हैं, जिनमें से 231 मामले सीबीआइ से, 130 एनआइए से, 21 ईडी से, 12 एनसीबी से जुड़े हैं और बाकी राज्य पुलिस बलों से संबंधित हैं।

इंटरपोल को जारी किए गए कुल नोटिस में से 189 रेड नोटिस आर्थिक अपराध से संबंधित हैं, उसके बाद 254 उग्रवाद से संबंधित, 21 नोटिस जबरन वसूली से संबंधित, 55 मादक पदार्थों से संबंधित और बाकी बलात्कार, जबरन वसूली आदि जैसे अन्य अपराधों से जुड़े हैं।

इस साल अब तक कुल 35 भगोड़ों को भारत प्रत्यर्पित किया जा चुका है और साथ ही कहा, अन्य देशों के पास कुल 338 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं। साल 2024 में 30 अपराधियों का प्रत्यर्पण किया गया और साल 2023 में 29 अपराधियों का प्रत्यर्पण किया गया था।

वैसे इन मामलों में देरी की आशंका बनी हुई है, और भगोड़े अक्सर इन देशों से अपने प्रत्यर्पण के प्रयासों में बाधा डालने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लेते हैं। ऐसे उदाहरण भी हैं जहां संगठित आपराधिक गिरोहों से जुड़े कई अपराधी भारत से भाग गए हैं और विदेशों में रहकर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं।

किसका कितना है बाकी

सरकार के अनुसार, विजय माल्या और उनकी कंपनियों, जिनमें किंगफिशर एअरलाइंस लिमिटेड और अन्य संस्थाएं शामिल हैं, से संबंधित विभिन्न बैंकों में कुल वित्तीय नुकसान का मूल्य लगभग 27,073.41 करोड़ रुपए है।

31 अक्तूबर तक माल्या और उससे संबंधित संस्थाओं से कुल मिलाकर लगभग 15,094.93 करोड़ रुपए वसूल किए गए हैं। इनमें से अकेले स्टेट बैंक आफ इंडिया के माध्यम से 10,814.54 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।

नीरव मोदी और उनकी कंपनियों, जिनमें फायरस्टार ग्रुप, फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड, फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल हैं, को विभिन्न बैंकों में कुल मिलाकर लगभग 9,664.50 करोड़ रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ है।

नीरव मोदी और उससे संबंधित संस्थाओं से 31 अक्तूबर तक कुल लगभग 671.63 करोड़ रुपए वसूल किए गए हैं। गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक में दर्ज गैर-ऋण धोखाधड़ी के मामलों में 93.21 करोड़ रुपए की वसूली हुई है। गैर-ऋण धोखाधड़ी के मामलों से तात्पर्य बैंक के आंतरिक संचालन से संबंधित किसी धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन या गतिविधि से है, ना कि ऋण देने की प्रक्रिया से।

नीरव मोदी ब्रिटेन में गिरफ्तार किया जा चुका है और अपने प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है। जुलाई 2025 में, नीरव मोदी के भाई, नेहल को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। सुदर्शन वेंकटरमन, रामानुजम शेषरथिनम और उनकी चेन्नई स्थित प्रौद्योगिकी कंपनी जाइलाग सिस्टम्स लिमिटेड के मामले में, विभिन्न बैंक लेनदेनों में कुल कथित वित्तीय हानि लगभग 2,145.93 करोड़ रुपए है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन सभी लेनदेनों से कुल वसूली 4.45 करोड़ रुपए है।

पुष्पेश कुमार बैद, जिसे कोलकाता की एक विशेष अदालत ने कथित तौर पर बड़े पैमाने पर बैंक ऋण धोखाधड़ी का मुख्य साजिशकर्ता घोषित किया है, बैंकों के लगभग 181.71 करोड़ रुपए के नुकसान के लिए जिम्मेदार है। सरकार के अनुसार, उससे कुल 2.06 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।

भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी 8,515 करोड़ रुपए के कुल बकाया के साथ वांछित है। उसने एंटीगा और बारबुडा की नागरिकता ले ली है और उसके प्रत्यर्पण के प्रयास जारी हैं। विंसम डायमंड्स से जुड़े जतिन मेहता पर लगभग 6,800 करोड़ का बकाया है, जो ब्याज और जुर्माने को मिलाकर लगभग 7,000 करोड़ हो गया है। इस मामले में वसूली गई राशि सार्वजनिक नहीं की गई है। मेहता वर्तमान में सेंट किट्स और नेविस का नागरिक है। उसके खिलाफ जांच जारी है।