साल 1982, केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार थी। मध्यप्रदेश में अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे। एक रोज सीएम सिंह भिंड के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र चतुर्वेदी के साथ इंदिरा से मिलने पहुंचते हैं। सिंह पहले ही राजीव गांधी से फोन पर बातचीत कर एक खुशखबरी की जानकारी दे चुके थे। सफदरजंग रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचते ही राजीव अर्जुन सिंह और राजेंद्र चतुर्वेदी को लेकर इंदिरा के पास जाते हैं।
मैडम प्राइम मिनिस्टर को देखते हुए चतुर्वेदी सलाम करते हैं। अर्जुन सिंह प्रधानमंत्री को चतुर्वेदी का परिचय देते हुए पिछले दिनों उनके द्वारा किए साहसिक कार्य का जिक्र करते हैं। इसके बाद पीएम की तरफ पोलोराइड कैमरे से खींची गई फूलन की एक तस्वीर बढ़ाई जाती है, जिसे देखते ही वह कहती हैं, ‘शी इज नॉट वेरी गुड लुकिंग’ फिर थोड़ा रुककर कहती हैं, ‘हम आपके साथ हैं।’ इस प्रसंग की जिक्र बीबीसी की एक रिपोर्ट में राजेंद्र चतुर्वेदी के हवाले से किया गया है।
इंदिरा से यह मीटिंग उस प्लान का हिस्सा था, जिसके तहत दुनिया भर में चर्चित हो चुकीं दस्यु सुंदरी डकैत फूलन देवी को आत्मसमर्पण के लिए मनाना था। इस मीटिंग से पहले अर्जुन सिंह ने राजेंद्र चतुर्वेदी को बीहड़ में फूलन देवी से मिलने और मनाने के लिए भेजा था। इंदिरा को दिखाई गई तस्वीर चतुर्वेदी ने तभी खींची थी।
कुछ ही माह बाद 12 फरवरी 1983 को प्लान कामयाब हुआ। फूलन देवी आत्मसमर्पण के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस दिन की पूरी घटना बहुत फिल्मी है। फूलन स्टेज पर राइफल और गोलियों की बेल्ट टांगे अधिकारियों के साथ मंच पर थीं। थोड़ी ही देर में अर्जुन सिंह पहुंचें। फूलन ने उन्हें अपना राइफल सौंप दिया। अफसर ने फूलों की माला पहनाकर फूलन का स्वागत किया।
इसके बाद 22 ठाकुरों की हत्या व अन्य मामलों में फूलन 11 साल तक जेल में रहीं। 1994 में उत्तर प्रदेश की मुलायम सिंह यादव की सरकार ने उन्हें रिहा किया दिया। 1996 के लोकसभा चुनाव में फूलन को सपा ने मिर्जापुर से टिकट दिया। वह दो बार सांसद चुनी गईं। सांसद रहते हुए ही 25 जुलाई 2001 को फूलन की हत्या उनके दक्षिण दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर हुई थी।