Donald Trump vs Kamala Harris US elections 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में 5 नवंबर को वोटिंग होनी है और इस चुनाव में सीधा मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। दोनों ही नेताओं के बीच जोरदार टक्कर है। अमेरिका दुनिया का ताकतवर मुल्क है और इसलिए इस मुल्क का नया राष्ट्रपति कौन होगा, इस पर पूरी दुनिया की निगाह लगी हुई है।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस मौजूदा वक्त में उपराष्ट्रपति हैं जबकि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में तमाम बाकी चुनावी समीकरणों के साथ ही वहां रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक, किसे वोट देंगे, इसे लेकर भी अमेरिका में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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भारतीय अमेरिकी अमेरिका की कुल आबादी के 2% से भी कम हैं लेकिन उनकी औसत वार्षिक घरेलू आय लगभग $153,000 (लगभग 1.3 करोड़ रुपये) है जो पूरे देश की औसत वार्षिक आय के दोगुने से भी ज्यादा है। इससे समझा जा सकता है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय पैसे के मामले में काफी सक्षम है।
अमेरिका में कितने भारतीय अमेरिकी वोटर हैं?
अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय की कुल आबादी 52 लाख है और यह अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समुदाय है। इससे आगे केवल मैक्सिकन अमेरिकी हैं।
कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के द्वारा प्रकाशित इंडियन अमेरिकन एटीट्यूड सर्वे (IAAS) 2024 के मुताबिक, अमेरिका के चुनाव में लगभग 26 लाख भारतीय अमेरिकी वोट दे सकते हैं। IAAS डेटा कहता है कि इस चुनाव में 96% भारतीय अमेरिकी वोट डालेंगे। इस संस्था के एक सर्वे में यह भी पता चला है कि 2020 में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की तुलना में कमला हैरिस को भारतीय मूल के लोगों के कम वोट मिल सकते हैं।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय से कमला हैरिस को कम वोट मिलने का अनुमान, क्या है वजह
एशियन एंड पैसेफिक आइलेंडर अमेरिकन वोट (APIAVote) के मुताबिक, एशियन-इंडियन समूह (जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग शामिल हैं) की आबादी चुनाव वाले सात राज्यों में 7 लाख से अधिक है। इनमें से 3.5-4.5 लाख एशियन-इंडियन वोटर चुनाव में वोट डाल सकते हैं।
इन सात राज्यों के भारतीय अमेरिकी क्या करेंगे?
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सात राज्य ऐसे हैं जो बड़ी भूमिका तय करते हैं। ये राज्य- एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवाडा, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन हैं। इन राज्यों के कई मेट्रोपॉलिटन इलाकों में भारतीय अमेरिकियों की अच्छी संख्या है। जैसे- अटलांटा, जॉर्जिया, फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया, रैले, उत्तरी कैरोलिना और डेट्रोइट, मिशिगन। इन इलाकों में रहने वाले भारतीय अमेरिकी चुनावी मुकाबले पर असर डालने की क्षमता रखते हैं।
कुछ राज्यों में तो भारतीय अमेरिकी समुदाय की आबादी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के अंतर से भी ज्यादा है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों ने ही चुनावी फंडिंग के लिए भारतीय अमेरिकियों को लुभाने की कोशिश की है।
इस चुनाव में किसका साथ देंगे भारतीय अमेरिकी?
IAAS 2024 की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में लगभग 47% लोगों ने खुद को डेमोक्रेट बताया, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 56% था। रिपब्लिकन मतदाताओं के मामले में यह आंकड़ा 15% से बढ़कर 21% हो गया है।
सर्वे से पता चला है कि 57% लोग डेमोक्रेटिक, 27% रिपब्लिकन और 14% पूरी तरह आजाद हैं। इस सर्वे के हिसाब से डेमोक्रेट्स का हिस्सा 2020 में 66% से घटकर 57% हो गया है जबकि रिपब्लिकन की भागीदारी 18% से बढ़कर 27% हो गयी है। इससे साफ है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय के बीच डेमोक्रेटिक पार्टी को लेकर समर्थन गिरता जा रहा है।
2024 IAAS का सर्वे कहता है कि 60% भारतीय अमेरिकी हैरिस को वोट देने के पक्ष में हैं जबकि 31% डोनाल्ड ट्रंप को। 2020 के चुनाव में 68% भारतीय अमेरिकियों ने कहा था कि वे जो बाइडेन को वोट देना चाहते हैं जबकि 22% ने कहा था कि वे ट्रंप को वोट देंगे।