हरियाणा की 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। उनमें से एक हिसार लोकसभा सीट पर भाजपा ने रणजीत सिंह चौटाला को मैदान में उतारा है। हाल ही में हिसार के बंब नियाणा, सरद और खरड़ अलीपुर में रणजीत चौटाला को विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा नेताओं के साथ-साथ जेजेपी नेताओं का भी गांवों में विरोध हो रहा है।

खरड़ अलीपुर में किसानों ने नारेबाजी कर रणजीत चौटाला का विरोध जताया। किसान नेताओं का कहना है कि हमारे सवाल हैं कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू क्यों नहीं की गई? पंजाब के किसान शुभकरण को गोली क्यों मारी गई? किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने सड़क पर कीलें लगी लोहे की जाली रख दी ताकि रणजीत का काफिला आगे न जा सके। वहीं, नियाणा में महिलाओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रणजीत वापस लौट गए।

पानीपत में मनोहर खट्टर को किसानों ने दिखाए काले झंडे

हरियाणा के करनाल से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इसराना के 14 गांव में रोड शो किया। इस दौरान शालपुर में किसानों ने काले झंडे दिखाए। वहीं, दूसरी ओर हिसार लोकसभा की उचाना सीट पर नैना चौटाला का विरोध हुआ। इस सीट से दुष्यंत चौटाला विधायक हैं।

गुरुवार सुबह दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला प्रचार के लिए उचाना के एक गांव पहुंची थीं। जैसे ही नैना चौटाला का काफिला गांव में पहुंचा वैसे ही ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद जजपा समर्थकों और विरोध करने वाले ग्रामीणों के बीच बहस छिड़ गयी। तीन कृषि कानूनों में सरकार के साथ खड़े रहने पर जजपा का विरोध हो रहा है।

भाजपा प्रत्याशियों का विरोध

इससे पहले अंबाला लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया का भी किसानों ने विरोध किया था। 27 अप्रैल को अंबाला सिटी में प्रचार करने पहुंचीं बंतो के सामने किसानों ने सवालों की झड़ी लगा दी। किसानों ने बंतो से यह सवाल पूछा कि जब अंबाला में आपदा हुई थी तो सरकार कहां थी? किसान दिल्ली जा रहे थे तो हरियाणा सरकार ने उन पर अत्याचार क्यों किया? उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? किसानों के सवाल के आगे बंतो हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं।

बंतो से पहले रोहतक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा का भी किसानों ने विरोध किया था। टिटौली गांव में वोट मांगने गए शर्मा से किसानों ने पूछा कि वह पांच साल तक कहां थे? जिसके बाद अरविंद शर्मा के समर्थकों किसानों को कांग्रेसी कह दिया और मामला बिगड़ गया। बात हाथापाई तक पहुंच गई थी।

हर‍ियाणा में क‍िसान यात्रा न‍िकालने का ऐलान

लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त क‍िसान मोर्चा (अराजनैत‍िक) ने पूरे हर‍ियाणा में क‍िसान यात्रा न‍िकालने का ऐलान किया है। पहले से ही पूरे राज्य में जगह-जगह बीजेपी उम्मीदवारों को घेरकर क‍िसान काले झंडे द‍िखा रहे हैं और सवाल कर रहे हैं। किसान सवाल कर रहे हैं कि हर‍ियाणा सरकार ने क‍िसानों को द‍िल्ली क्यों नहीं जाने दिया? क्यों एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है और क्यों युवा क‍िसान शुभकरण को गोली मारी गई? हालांकि, प्रत्याशी इन सवालों पर कह रहे हैं क‍ि इनका जवाब नेतृत्व देगा।

संयुक्त क‍िसान मोर्चा (अराजनैत‍िक) का कहना है क‍ि अब आंदोलन को तेज क‍िया जा रहा है। 7 से 19 मई तक पूरे हर‍ियाणा में क‍िसान यात्रा न‍िकाली जाएगी, ज‍िसमें क‍िसानों को समझाया जाएगा क‍ि ज‍िन्होंने आपका नुकसान क‍िया और ज‍िन लोगों की वजह से द‍िल्ली जाने वाले रास्तों में कील-कांटे ब‍िछाए गए उन लोगों को वोट देने से पहले सोचना। किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर 22 मई को शंभू, खनौरी बॉर्डर पर लाखों किसान जमा होंगे। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इस बारे में ऐलान कर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों को तैयारियां शुरू करने की अपील की।

किसानों ने अपनाया सरकार का तरीका

सरकार से नाराज हरियाणा के किसान इस बार विरोध प्रदर्शन के लिए सरकार का ही तरीका अपना रहे हैं, जो उसने पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान अपनाए थे। एमएसपी की गारंटी के लिए दिल्ली-हरियाणा-पंजाब के कई बॉर्डर पर बैठे किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए दिल्ली से सटे तमाम बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग की गयी थी और कीलें बिछाई गईं थीं। शंभू और खनौरी बॉर्डर सहित तमाम बॉर्डर सील कर दिये गए थे ताकि किसान अंदर न घुस सकें। इस बार किसानों ने भी सेम तरीका अपनाया है और गांव में रैली निकाल रहे प्रत्याशियों की राह में कीलें बिछा कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानों की आय दोगुनी?

प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2016 में ऐलान किया था कि 2022 तक उनकी सरकार किसानों की आय दोगुनी कर देगी। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने कमेटी भी बनाई थी। सरकार की कमेटी ने अनुमान लगाया था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उनकी सालाना आय में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि करनी होगी। हालांकि, सरकार के सर्वे बताते हैं कि किसानों की आय में वार्षिक वृद्धि मात्र 2.8% रही है। किसानों की आय कैसे दोगुनी नहीं हुई, इसका पूरा गणित विस्तार से जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

हरियाणा में बीजेपी नेता भी नाराज

इससे पहले खबर आ रही थी कि हरियाणा बीजेपी के नेता कुलदीप बिश्नोई हिसार से लोकसभा टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई और उनके परिवार से मुलाकात भी की। जिसके बाद कुलदीप ने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि वह राज्य की सभी 10 सीटों पर पार्टी की जीत के लिए पूरी कोशिश करेंगे। टिकट बंटवारे के बाद नाराज चल रहे हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा को भी पूर्व सीएम मनोहर लाल ने मनाया था।

हरियाणा में कितने किसान?

2010-11 की कृषि जनगणना के अनुसार, हरियाणा में 17.55% अर्ध-मध्यम किसान, 12.04% मध्यम किसान और 2.83% बड़े किसान हैं। हरियाणा में कुल जमीन में से 67.58% सीमांत (मार्जिनल) और छोटे किसानों की है। जिनके पास 2.5 एकड़ तक जमीन है उन्हें सीमांत किसान के रूप में वर्गीकृत किया गया है और जिनके पास 2.5 एकड़ से 5 एकड़ के बीच जमीन है उन्हें छोटे किसान कहा जाता है। हरियाणा में कुल 7.78 लाख (48.11%) सीमांत किसानों के पास 3.60 लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि है और 3.15 लाख (19.47%) छोटे किसानों के पास 4.63 लाख हेक्टेयर है। कुल मिलाकर, राज्य में कुल 16.17 लाख किसान हैं जिनके पास 36.46 लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि है।

हरियाणा लोकसभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन

हरियाणा में पिछले लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी को राज्य में पड़े कुल वोटों का 58.02% हासिल हुआ था। जीत के बाद मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में पार्टी ने सरकार बनाई थी। हालांकि, बाद में खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 7 सीटें जीतीं थीं। 2 सीटें INLD और 1 सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी।