हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। तारीखों के ऐलान के साथ ही पार्टियों में टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गयी है। इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि वह अपने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देगी।

हरियाणा के लिए एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, “किसी को भी चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” बाबरिया की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव लड़ने की गहरी इच्छा व्यक्त की है।

बाबरिया ने कहा कि पार्टी चाहती है कि सांसद हरियाणा में चुनाव प्रचार पर ध्यान केंद्रित करें न कि राज्य चुनाव लड़ने पर। दीपक बाबरिया ने हरियाणा चुनाव लड़ने के लिए किसी भी सांसद से सुझाव मिलने से भी इनकार किया।

हरियाणा विधानसभा सीटों के लिए नामों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस की बैठक

अजय माकन की अध्यक्षता में पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए संभावित नामों पर चर्चा करने के लिए राजधानी दिल्ली में बैठक की। बाबरिया ने संवाददाताओं से कहा, “किसी भी सांसद ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं दिखाई है। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष और आलाकमान से अनुमति लेने की जरूरत होगी और विचार है कि किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।”

बाबरिया ने आगे कहा कि जब किसी सांसद की दावेदारी आती है तो स्क्रीनिंग कमेटी का दृष्टिकोण यह होगा कि उन्हें चुनाव लड़ने के बजाय अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

क्या विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री होंगे दीपेंद्र हुड्डा?

इस साल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की 10 में से पांच सीटें जीतीं थीं। चुने गए लोगों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुडा भी शामिल हैं। दीपेंद्र राज्यसभा सदस्य थे और कांग्रेस की राज्य इकाई के भीतर कई लोग उन्हें पार्टी के सत्ता में आने पर हुड्डा के स्वाभाविक उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं। हुड्डा ने हाल ही में कहा था कि वह न तो थके हैं और न ही सेवानिवृत्त हुए हैं लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री होंगे तो उन्होंने गेंद पार्टी आलाकमान के पाले में डाल दी थी।

राजनीतिक दलविधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीटलोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 15131 05
बीजेपी 47740105

शैलजा ने जताई विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा

दूसरी ओर, हुड्डा की धुर विरोधी मानी जाने वाली शैलजा पहले ही विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुकी हैं और अगर पार्टी जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा मजबूत कर सकती हैं। वह कहती रही हैं कि वह राज्य में काम करना चाहेंगी क्योंकि यह एक नेता को उन लोगों की सेवा करने और उनके मुद्दों को हल करने में सक्षम होने का अवसर देता है जिन्होंने आपको चुना है।

पांच बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य रहीं शैलजा ने कहा था, “लोकसभा चुनाव से पहले भी मैंने कहा था कि मेरे पास विभिन्न मंचों पर पार्टी के लिए काम करने का अनुभव है और मुझे लगता है कि मुझे हरियाणा विधानसभा में काम करने की जरूरत है। मैंने पार्टी आलाकमान के सामने अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। इसे स्वीकार या अस्वीकार करना उन पर निर्भर है। मुझे जो भी कर्तव्य सौंपा जाएगा, मैं उसे निभाऊंगी।”

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सीएलपी नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य इकाई प्रमुख उदय भान के नेतृत्व में दो खेमों में विभाजित हो गई है। प्रतिद्वंद्वी खेमे का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्य इकाई प्रमुख कुमारी शैलजा कर रही हैं जो हाल ही में सिरसा आरक्षित सीट से लोकसभा के लिए चुनी गईं हैं। पूर्व राज्य मंत्री और एआईसीसी पदाधिकारी रणदीप सुरजेवाला जो अब राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं भी इसी गुट का हिस्सा हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद, कुमारी शैलजा ने पूर्व मुख्यमंत्री के आदेश पर टिकटों के वितरण पर सवाल उठाते हुए हुड्डा पर निशाना साधा था और कहा था कि उम्मीदवारों के निष्पक्ष चयन से कांग्रेस को 10 लोकसभा सीटों में से कम से कम 8 सीटें मिल जातीं।

राज्य के नेताओं को हालांकि विधानसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक झगड़ों और विवादास्पद बयानों से बचने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने आगाह किया था लेकिन इन दिनों शैलजा और सुरजेवाला दोनों अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में मतदाताओं को एकजुट करने के लिए अलग-अलग जन संपर्क कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे।

अजय माकन से मिले दीपेंद्र हुड्डा

दीपक बाबरिया ने इस मुद्दे पर कहा, “अगर पार्टी के नेता अपने क्षेत्रों में यात्राएं निकालते हैं तो वे एक तरह से कांग्रेस को ही मजबूत कर रहे हैं। तो यह कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। हमें हरियाणा में जीत का पूरा भरोसा है लेकिन हम जोखिम लेना चाहते हैं।”

वहीं, रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को नई दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन से मुलाकात कर टिकटों के आवंटन को लेकर उन्हें अपनी राय से अवगत कराया। सांसदों को विधानसभा चुनाव नहीं लड़वाने के फैसले पर दीपेंद्र ने कहा कि हम पार्टी के निर्णय फैसले के साथ हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इस बार युवा चेहरों को ज्यादा टिकट देगी।

शैलजा को अपना सीएम कैंडीडेट बनाए कांग्रेस- बीजेपी

इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा जो मौजूदा गुटबाजी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधती रहती है ने कांग्रेस को शैलजा को अपना सीएम कैंडीडेट घोषित करने की चुनौती दी।

हरियाणा बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट किया, “भाजपा पहले ही पिछड़े वर्ग से एक मुख्यमंत्री (नायब सिंह सैनी) को नामित कर चुकी है। राहुल गांधी एससी समुदाय का पुरजोर समर्थन करने का दावा करते हैं। उन्हें शैलजा जी को हरियाणा से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने दीजिए, ताकि कोई जान सके कि वे (एससी) समुदाय के कितने शुभचिंतक हैं।”

कांग्रेस बोली- भाजपा को अपनी स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए

वहीं, दूसरी ओर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी सीएम चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ती। उन्होंने कहा, ” चुनाव जीतने के बाद पार्टी आलाकमान फैसला करेगा।”

बीजेपी द्वारा किसी ओबीसी को सीएम चेहरा घोषित करने पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने पंजाब और महाराष्ट्र में दलित समुदाय के नेताओं को मुख्यमंत्री घोषित किया था। बीजेपी को लोगों को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने एससी समुदाय से किसे सीएम बनाया है. क्या बीजेपी ने राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा? क्या उन्होंने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को सीएम फेस बनाकर चुनाव लड़ा?”

उदय भान ने आगे कहा, “इस पोस्ट के साथ ही बीजेपी ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है इसीलिए वे 1 अक्टूबर की मतदान तिथि के आसपास पड़ने वाली कई छुट्टियों का बहाना लेकर आ रहे हैं और चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग को लिख रहे हैं।”

हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टियों का सीट शेयर

Source- TCPD

कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने 25 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की

इस बीच, पार्टी के सूत्रों ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने 25 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की। समिति द्वारा अंतिम मंजूरी के लिए उम्मीदवारों की एक अस्थायी सूची आलाकमान को सौंपने से पहले स्क्रीनिंग अगले तीन दिनों तक चलने की उम्मीद है।

(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)