सुप्रीम कोर्ट ने आज शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की याचिका पर कहा कि कोई राज्य हाईवे को कैसे बंद कर सकता है। सरकार का काम यातायात को नियंत्रित करना है। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद आई है जिसमें उसने एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही किसान संगठन भी एक्टिव हो गए हैं और अपनी बैठकें शुरू कर दी हैं।

अंबाला में भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने गुरुवार को कहा कि शंभू बॉर्डर खुलेगा तो एक कॉल देकर दिल्ली की तरफ चलेंगे। इससे एक बार फ‍िर क‍िसान आंदोलन के जोर पकड़ने की आशंका बढ़ गई है। तीन-चार महीने के भीतर हर‍ियाणा में व‍िधानसभा चुनाव होने हैं। तब तक मुद्दा गरम रहा तो सत्‍ताधारी पार्टी होने के नाते भाजपा के ल‍िए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में क‍िसानों ने हर‍ियाणा में जगह-जगह भाजपा उम्‍मीदवारों व नेताओं का व‍िरोध क‍िया था। लोकसभा चुनाव में हर‍ियाणा में भाजपा की सीटें भी प‍िछले दो चुनावों की तुलना में आधी (पांच) रह गई।

अंबाला के एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का ऑर्डर आया है उस पर चर्चा के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के खिलाफ फिर से आंदोलन की घोषणा की है। SKM 16, 17, 18 जुलाई को प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सांसदों को ज्ञापन और मांग पत्र सौंपेगा। इसके साथ ही एसकेएम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ समन्वय बैठक भी बुलाएगा।

वहीं, किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि रास्ता हमने नहीं रोक रखा है। अभी हम बैठकें कर रहे हैं, 16 जुलाई को शंभू बॉर्डर पर बड़ी बैठक कर आगे का फैसला करेंगे। हमारा फैसला सरकार पर निर्भर करेगा।

अखिल भारतीय आंदोलन करेंगे किसान

किसानों का कहना है कि इस बार अखिल भारतीय आंदोलन किया जाएगा। हरियाणा समेत जिन 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां किसानों के बीच गतिविधियां और बढ़ाई जाएंगी।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में किसानों का गुस्सा देखने को मिला था। पूरे राज्य में बीजेपी उम्मीदवारों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। लगभग सभी लोकसभा सीटों पर किसान भाजपा के नेताओं से तमाम सवाल पूछ रहे थे। कुछ ऐसा ही पड़ोसी राज्य पंजाब में भी बीजेपी के नेताओं और उम्मीदवारों के साथ किया गया था।

ऐसे में हरियाणा में नवंबर 2024 को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शंभू बॉर्डर खुलने और किसानों की गतिविधियां बढ़ने से सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान हो सकता है।

शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर कानूनी सलाह ले रही हरियाणा सरकार

वहीं,दूसरी ओर शंभू बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के आदेश को लेकर हरियाणा सरकार कानूनी सलाह ले रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले पर दो दिन में सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग की जाएगी। इसमें बॉर्डर खोलने या न खोलने से होने वाले असर पर भी चर्चा होगी। बैठक में मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डीजीपी और एडवोकेट जनरल के मौजूद रहने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का भी फैसला ले सकती है। राज्य सरकार कोई निर्णय लेने से पहले केंद्र से भी बात कर सकती है।

वहीं, कांग्रेस ने पार्टी की घोषणाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ नाम से नए अभियान की शुरुआत की है। पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान, चौधरी बीरेंद्र सिंह ने चंडीगढ़ में इस अभियान को लॉन्च किया। कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ 15 सवालों की चार्जशीट जारी की है।

‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान

15 जुलाई से ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान करनाल से शुरू किया जाएगा। चौधरी उदयभान ने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा से अलग-अलग मुद्दों पर 15 सवाल पूछे हैं। इनमें ये सवाल भी है कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में क्यों है? केंद्र ने हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य क्यों कहा? देश में सर्वाधिक महंगाई हरियाणा में क्यों है? जैसे कई सवाल हैं। 20 अगस्त के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी उदयभान की रथयात्रा शुरू होगी। रथयात्रा के दौरान एक दिन में दो विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।

हमने अपनी गलतियों से सबक लिया- दीपेंद्र हुड्डा

इन सबके बीच इंडियन एक्सप्रेस को दिये एक इंटरव्यू में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और रोहतक से 5 बार के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है। लोग 2019 में ही भाजपा से तंग आ चुके थे लेकिन हमारी ओर से कुछ संगठनात्मक चूकें हुईं, जिनमें यह भी है कि हम खुद आश्वस्त नहीं थे और कुछ संगठनात्मक निर्णय लेने में देर हो गई। हमारा टिकट वितरण भी सही नहीं था लेकिन हमने अपनी गलतियों से सबक लिया है।

कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी और पीसीसी के अभियान में सिर्फ हुड्डा का ही हाथ रहेगा इसलिए कुछ नेता अपने-अपने अभियान की योजना बना रहे हैं, इस सवाल के जवाब में दीपेंद्र ने कहा कि यहां 90 विधानसभा क्षेत्र हैं और चुनाव में बस कुछ ही महीने बचे हैं। आप यह दावा कैसे कर सकते हैं कि एक व्यक्ति यह (सभी) कवर करेगा? चुनाव के लिए हर नेता अब हरियाणा में है। ये सभी प्रत्याशियों के साथ प्रचार में जुटेंगे। कुछ लोग घर-घर जायेंगे, कुछ और कुछ करेंगे। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे। भाजपा और मीडिया कुछ नकारात्मक तलाश रहे हैं, लेकिन हरियाणा कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। कोई गुटबाजी नहीं है।

खुद को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखने के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि मेरा लक्ष्य हमेशा लोगों की सेवा करना रहा है। मैंने कभी किसी पद का लक्ष्य नहीं रखा। क्या कांग्रेस हरियाणा में भी कोई गारंटी लाएगी? इस पर दीपेंद्र ने कहा कि हम सबसे पहले भाजपा सरकार के खिलाफ आरोपपत्र लेकर आ रहे हैं। फिर हम अपनी गारंटी सामने लाएंगे। कांग्रेस पहले से ही अपने घोषणापत्र पर काम कर रही है। सभी वर्ग के लोगों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। यह लोगों का घोषणापत्र होने जा रहा है, जिसमें गारंटी भी शामिल है।