Gujarat Elections 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार ने मछुआरों के लिए डीजल और मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले की वजह साफ है कि भाजपा को कम से कम नौ विधानसभा सीटों पर इस समुदाय के प्रभाव का अंदाजा है और पार्टी चुनाव से पहले इस समुदाय का समर्थन गंवाना नहीं चाहती है। आखिर क्यों है यह समुदाय इतना प्रभावशाली, आइए समझते हैं।
मछली उत्पादन में अकेले गुजरात का योगदान 20 प्रतिशत
गुजरात देश का एक सीमावर्ती समुद्री राज्य है और यहां प्रति वर्ष औसतन 8.35 लाख टन मछली का उत्पादन होता है, भारत के मछली उत्पादन में अकेले गुजरात का योगदान 20 प्रतिशत है, 1,600 किलोमीटर लंबे तट के साथ गुजरात भारत का प्रमुख समुद्री मछली उत्पादक राज्य है जो 2019-20 तक राष्ट्रीय उत्पादन का 7.01% योगदान देता रहा है। राज्य में लगभग 29,000 पंजीकृत मछली पकड़ने वाली नावें हैं, जिनमें से लगभग 20,000 सक्रिय हैं। मत्स्य उद्योग से लगभग 1.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। इन आंकड़ों के जरिए हम राज्य में इस समुदाय के प्रभाव का अंदाजा लगा सकते हैं।
मछुआरा समुदाय के नेता और भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद चुन्नी गोहेल इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में सरकार की घोषणा का समर्थन करते हुए कहते हैं कि मछुआरे लंबे समय से इन अधूरी मांगों के कारण भाजपा से दूर जाने लगे थे और सोचने लगे थे कि उन्हें पार्टी से उनका हक कभी नहीं मिलेगा,इस कदम का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाना चाहिए, जो हमेशा गुजरात के मछुआरों के मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहे हैं। उनके इस बयान से यह अंदाजा लगाना आसान है कि राज्य के आने वाले चुनाव में इस समुदाय का कितना प्रभाव है।
राज्य की राजनीति में क्या है मछुआरा समुदाय का प्रभाव ?
मछुआरा समुदाय राज्य के कम से कम नौ निर्वाचन क्षेत्रों में प्रमुख उपस्थिति रखता है। अखिल भारतीय मछुआरा संघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता वेलजी मसानी के मुताबिक इस समुदाय के अंतर्गत खारवा मोहिला कोली, मछियारा मुस्लिम, भील, टंडेल, माछी, कहार, वाघेर और सेलर सहित 18 जाति समूह पारंपरिक मछुआरे आते हैं और यह पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक है। सोमनाथ सीट पर परिणाम बदलने में इनकी अहम भूमिका होती है। चुन्नी गोहेल 1998 से 2014 तक सांसद और विधानसभा में मछुआरा समुदाय से राज्य लिए चुने जाने वाले एकमात्र व्यक्ति रहे हैं। कई अन्य विधानसभा सीटों पर मछुआरे मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं।
कांग्रेस और आप ने भी किया है मछुआरा समुदाय को लुभाने का प्रयास
जहां भाजपा सरकार ने समुदाय की विभिन्न मांगों को मानते हुए कई घोषणाएं की हैं वहीं कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने सितंबर के महीने में एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान यह घोषणा की थी कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो पाकिस्तानी एजेंसी द्वारा पकड़ी जा रही नौकाओं के लिए 50 लाख रुपये का पैकेज दिया जाएगा, नौकाओं को सालाना 36,000 लीटर डीजल दिया जाएगा जोकि टैक्स फ्री होगा, साथ ही कांग्रेस ने छोटी फाइबर वाली नावों को पेट्रोल और सालाना 4000 लीटर पेट्रोल का उपयोग बिक्री कर के ऊपर छूट का वादा भी किया है।
दूसरी तरफ हाल ही में कांग्रेस से आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए और पोरबंदर से चुनाव लड़ रहे जीवन जंगी ने कहा है कि किसी भी पेट्रोल पंप से डीजल खरीदने की अनुमति देने का निर्णय वास्तव में उल्टा पड़ेगा क्योंकि यह मछुआरों द्वारा संचालित सहकारी समितियों के लिए कयामत साबित होगा। जंगी ने कहा है, “यह नीति सहकारी समितियों द्वारा चलाए जा रहे पेट्रोल पंपों को बंद करने और मछुआरा संगठनों को नष्ट करने के लिए मजबूर करेगी, आम आदमी पार्टी जल्द ही मछुआरा समुदाय के लिए चुनावी वादे लेकर आएगी जिसमें आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित गारंटी कार्ड योजना भी शामिल है।