फ्रांस (France) को हराकर अर्जेंटीना (Argentina) 2022 का फीफा वर्ल्डकप जीत चुका है। फ्रांस और अर्जेंटीना का स्कोर 3-3 था। अंत में पेनल्टी शूटआउट के जरिए मैच का नतीजा निकला और अर्जेंटीना ने 4-2 से जीत हासिल कर ली।

बता दें कि पिछले 52 साल से विजेता टीम को जो ट्रॉफी दी जा रही है, वह 1970 से पहले नहीं दी जाती थीं। फुटबॉल वर्ल्ड कप के इतिहास में ट्रॉफी की दो अलग-अलग डिजाइन रही हैं। 1930 से 1970 तक जो ट्रॉफी (FIFA Trophy) दी जाती रही, उसे जूल्स रिमेट ट्रॉफी (The Jules Rimet Trophy) कहते हैं।

जूल्स रिमेट ट्रॉफी का इतिहास (History of FIFA World Cup Trophy)

ट्रॉफी का नाम फीफा के तीसरे प्रेसिडेंट जूल्स रिमेट के नाम पर साल 1946 में जूल्स रिमेट ट्रॉफी रखा गया था। रिमेट ने ही साल 1928 में फुटबॉल वर्ल्ड कप (Football) की योजना बनाई थी। साल 1930 में पहली बार उरुग्वे (साउथ अमेरिका का एक देश) में विश्व कप खेला गया था।

जूल्स रिमेट ट्रॉफी को एक फ्रांसीसी मूर्तिकार एबेल लाफलेउर ने डिजाइन किया था। लाफलेउर ने ट्रॉफी के डिजाइन के रूप में ग्रीक देवी नाइके को चुना। शायद इसके पीछे यह वजह थी कि ग्रीक में नाइके को जीत की देवी (Goddess Of Victory) माना जाता है। लाफलेउर ने नाइके की मूर्ति के सिर पर एक अष्टकोणीय (आठ कोणों वाला) कप बनाया और गले में माला पहना दी।

लाफलेउर के डिजाइन को Winged Victory of Samothrace से प्रेरित बताया जाता है। यह हेलेनिस्टिक युग की एक अधूरी मूर्ति है, जो आज भी पेरिस के लौवरे म्यूजियम में रखी है। 1930 में हुआ पहला फुटबॉल विश्व कप उरुग्वे ने जीता, दूसरा (1934) और तीसरा (1938) इटली ने जीता। इसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध की ही शुरुआत हो गई।

जूते के डिब्बे में छिपा में छिपाई गई ट्रॉफी

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान फीफा के तत्कालीन प्रेसिंडेंट ओटोरिनो बारासी ने ‘जूल्स रिमेट ट्रॉफी’ को रोम स्थित एक बैंक की तिजोरी से निकालकर अपने पास रख लिया। वह ट्रॉफी की सुरक्षा के लिए उसे जूतों के डिब्बे में डालकर अपने बिस्तर के नीचे रखते थे। विश्व युद्ध खत्म होने और 1950 में विश्व कप टूर्नामेंट की वापसी तक ट्रॉफी को बारसी ने बिस्तर के नीचे ही छिपा रखा।

दो बार हुई ट्रॉफी की चोरी

तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद जूल्स रिमेट ट्रॉफी दो बार चोरी हुई। पहली बार ट्रॉफी की चोरी साल 1966 में इंग्लैंड से हुई। 20 मार्च, 1966 की बात है। वेस्टमिंस्टर स्थित मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल में दुर्लभ स्टैम्पस की प्रदर्शनी चल रही थी। इस एग्जीबिशन के एक सेक्शन में ‘जूल्स रिमेट ट्रॉफी’ को भी रखा गया था। एग्जीबिशन में 30 लाख पाउंड से अधिक के दुर्लभ स्टाम्स रखे थे लेकिन चोर ने 30,000 पाउंड की जूल्स रिमेट ट्रॉफी चोरी की। जांच एजेंसियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन ट्रॉफी नहीं मिली। बाद में ट्रॉफी एक फोनबूथ के पास पायी गई।

साल 1970 के फुटबॉल विश्वकप में ब्राज़ील तीसरी बार वर्ल्ड कप विजेता बना। पहले से तय नियम के मुताबिक, तीन बार वर्ल्ड कप जीतने वाले ब्राज़ील को ट्रॉफी हमेशा के लिए दे दी गई। ट्रॉफी को ब्राज़ील के एक शहर Rio de Janeiro स्थित Brazilian Football Confederation के मुख्यालय में रख दिया गया। साल 1983 में मुख्यालय के भीतर से जूल्स रिमेट ट्रॉफी एक बार फिर चोरी हो गई। इसके बाद ओरिजिनल ट्रॉफी कभी नहीं मिली।

20 नवंबर से चल रहा था फीफा

कतर (Qatar) में FIFA World Cup 20 नवंबर से शुरू हुआ था। 18 दिसंबर को फाइनल मैच था। कतर के 8 स्टेडियमों में 32 टीमों ने ट्रॉफी के लिए मुकाबला किया।