शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भारत में कई भ्रामक दावे व्यापक रूप से शेयर किए जा रहे हैं जिनमें बांग्लादेश में अशांति के बीच हिंदुओं की खराब हालत का दावा किया गया है।

वायरल वीडियो में दो महिलाओं को एक खंभे से बंधा हुआ दिखाया गया है और उन्हें अन्य महिलाएं परेशान कर रही हैं। पोस्ट के साथ दावा किया गया है कि वीडियो में बांग्लादेश में मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिंदू महिलाओं को परेशान किया जा रहा है। जांच के दौरान हमने पाया कि यह दावा गलत है।

क्या है दावा?

X यूजर Barkha Trehan ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।

https://archive.ph/Na1p8

अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करके जांच शुरू की।

इससे हमें बांग्लादेशी मीडिया वेबसाइट m.priyo.com पर एक समाचार रिपोर्ट मिली।

रिपोर्ट का अनुवाद करने पर हमें पता चला कि यह खबर 17 जुलाई को प्रकाशित हुई थी। इसमें कहा गया था: घटना में छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को राजधानी के बेगम बदरुन्नेस्सा सरकारी महिला कॉलेज में बांधकर ले जाया गया। इस मामले में गिरफ्तारियाँ की गईं और बाद में पीड़ितों को शिक्षकों की निगरानी में परिसर से बाहर निकाला गया। यह घटना बुधवार, 17 जुलाई को दोपहर 2 बजे कॉलेज के आवासीय छात्रावास में हुई।

हमें बांग्लादेश के एक अन्य मीडिया आउटलेट jagonews24 पर भी यह समाचार रिपोर्ट मिली।

इसके बाद हमने बांग्लादेश के वरिष्ठ फैक्ट चेकर तनवीर महताब अबीर से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो कोटा आंदोलन के दौरान ढाका के बक्शीबाजार स्थित बेगम बदरुन्नेस्सा सरकारी महिला महाविद्यालय में अवामी लीग के संगठन बांग्लादेश छात्र लीग के कुछ कार्यकर्ताओं को बांधने की घटना का है। यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है।

निष्कर्ष: बांग्लादेश में मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिंदू महिलाओं की पिटाई के भ्रामक दावों के साथ पुराना वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें छात्राओं को खंभे से बांधा गया था। वायरल दावा गलत है।