हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में अपने चुनावी भाषण के दौरान मुस्लिम विरोधी बयान दिया, जिसके लिए उनकी आलोचना की जा रही है। विवाद के बीच लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का एक वीडियो मिला। वीडियो में कमलनाथ एक सभा में मुसलमानों से मस्जिद और अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा करते नजर आ रहे हैं। हमारी जांच में हमने पाया कि ये वीडियो के साछ छेड़छाड़ की गई है। असली वीडियो पर डीपफेक ऑडियो लगाया गया है।

क्या है दावा?

X यूजर @pradeepthakur_4 ने वीडियो को अपनी प्रोफाइल पर शेयर किया है।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखे।

अन्य यूजर्स भी यही दावा शेयर कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़ताल?

हमने अपनी जांच की शुरुआत ‘Kamal Nath meet with Muslims’ इन शब्दों को गूगल पर सर्च करके की।

इस दौरान हमें InKhabar Official के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।

वीडियो जिसका टाइटल है, ‘Congress Leader Kamal Nath in Close Door Meeting With Muslims Against RSS’ को पांच साल पहले अपलोड किया गया.

कमल नाथ इस वीडियो में कहते दिख रहे है, “मैं तो छिंदवाड़ा की बात करूं, मुझे तो लोग आ के बता देते हैं। उनके आरएसएस, क्योंकि नागपुर से जुड़ा हुआ है। वहां तो उनके लिए सुबह आओ, रात को चले जाओ और बड़ा ही आसान है। वो उनका एक ही स्लोगन है। अगर हिंदू को वोट देना है तो हिंदू शेर मोदी को वोट दो। अगर मुस्लिम को वोट देना है तो कांग्रेस को वोट दो। केवल दो लाइन, और कोई पाठ पढ़ाने नहीं जाते। ये इनकी रणनीति है और इसमें आप सबको बड़ा सतर्क रहना पड़ेगा। आपको उलझाने की कोशिश करेंगे। हम निपट लेंगे इनसे बाद में पर मतदान के दिन तक आपको सबकुछ सहना पड़ेगा।”

हमें 2018 की कई खबरे भी मिलीं जब यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ था।

जांच के अगले चरण में हमने वीडियो से निकाले गए ऑडियो को itisaar.ai पर अपलोड किया, जो एक एआई टूल है जिसे आईआईटी जोधपुर के सहयोग से विकसित किया गया है। ऑडियो के विश्लेषण से पता चला कि वीडियो में डीपफेक ऑडियो का इस्तेमाल हुआ है। मूल वीडियो पर डीपफेक ऑडियो लगाया गया है।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो जिसमें कांग्रेस नेता कमलनाथ मस्जिद की जमीन और अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा करते नजर आ रहे हैं, वो फर्जी है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने ऐसा कोई वादा नहीं किया। असली वीडियो 2018 का है, जब उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ एक बैठक कर उनसे कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। मूल वीडियो पर AI ऑडियो लगाया गया है। वायरल वीडियो फर्जी है।