लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर एक खबर के स्क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पंचायत सचिव ने सरपंचों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए मजबूर किया, जिसकी वजह से महिला सरपंच को बेटी को गोद में लेकर संबंधित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उस दौरान महिला सरपंच की बेटी को ड्रिप चढ़ रही थी।
हमने अपनी जांच में इसे भ्रामक पाया, जिसे चुनाव से पहले गुमराहपूर्ण दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल पोस्ट में जिस घटना का जिक्र किया गया है, वह अप्रैल 2016 में सामने आई मध्य प्रदेश की बेहद पुरानी घटना है, जिसे अब हालिया संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा?
सोशल मीडिया यूजर ‘प्रवीण जैन’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “पंचायत सचिव ने दी धमकी, प्रधानमंत्री मोदी का भाषण नहीं सुना तो सरपंची छीन जाएगी, ड्रिप लगी बेटी को लेकर सरपंच भाषण सुनने पहुंची..गजब तानाशाही चल रही है देश में।”
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज के WhatsApp टिपलाइन नंबर पर भी कई यूजर्स ने इसे भेजकर इसकी सच्चाई बताए जाने का अनुरोध किया है।

पड़ताल:
वायरल पोस्ट में किए गए दावे के आधार पर की-वर्ड सर्च में हमें कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। hindi.news18.कॉम की वेबसाइट पर मौजूद 26 अप्रैल 2026 की रिपोर्ट के मुताबिक, “एमपी के शिवपुरी जिले के विलुपुरा ग्राम पंचायत की दलित महिला सरपंच पर सचिव द्वारा ग्राम सभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने का दबाव बनाते हुए पद से हटाए जाने की धमकी देने का मामला सामने आया है। धमकी मिलने के बाद घबराई महिला सरपंच तपती धूप में अपनी बीमार बेटी को लेकर पीएम का भाषण सुनने के लिए पहुंची थी।”

वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर इस रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर से मिलती है। भास्कर.कॉम की वेबसाइट पर मौजूद आठ साल पुरानी रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है।
रिपोर्ट में सरपंच वासु जाटव के बयान का भी जिक्र है, जिसमें उन्होंने कहा- “सचिव ने मुझे डरा दिया था कि यदि हम ग्राम सभा में नहीं पहुंचे तो सरपंची चली जाएगी और उप-सरपंच को सरपंच बना दिया जाएगा। ऐसे में मजबूरी में हमें बेटी को बिना छुट्टी के अस्पताल से ले जाना पड़ा।”
वायरल पोस्ट को लेकर हमने हमारे सहयोगी नईदुनिया डॉटकॉम के भोपाल स्थित प्रशांत पांडेय से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह बेहद पुरानी घटना है।”
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को करीब पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, सात मई को तीसरे चरण के तहत मध्य प्रदेश की कुल आठ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है।
निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की 2016 की पुरानी घटना को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
