लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है। यहां तक ​​कि देश की क्षेत्रीय भाषाओं में भी। वीडियो के साथ दावा किया गया कि अमित शाह ने एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। जांच के दौरान हमने पाया कि वायरल वीडियो फर्जी है।

क्या हो रहा है वायरल?

X यूजर Bhaskar Rasekar ने वायरल वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया, इस दावे को मराठी में भी पाया गया।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखें।

अन्य उपयोगकर्ता भी इस वीडियो क्लिप को साझा कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़ताल

हमने अपनी जांच की शुरुआत वीडियो को InVid टूल पर अपलोड करके की। हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया।

हमें NDTV की वेबसाइट पर इन कीफ़्रेम में से एक से अमित शाह की सटीक छवि मिली।

यह वीडियो 24 अप्रैल, 2023 को अपलोड किया गया था और इसका शीर्षक था: अमित शाह ने तेलंगाना में मुस्लिम कोटा खत्म करने की कसम खाई

इसके बाद हमने शीर्षक पर गूगल सर्च किया और पाया कि यह वीडियो कई अन्य मीडिया संगठनों द्वारा भी प्रसारित किया गया था।

गूगल कीवर्ड सर्च के जरिए हमें वही वीडियो क्लिप मिली जो V6 न्यूज तेलुगु पर साझा की गयी थी।

इस वीडियो को लगभग एक साल पहले अपलोड किया गया था। यहां वीडियो में अमित शाह मुस्लिम आरक्षण पर टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं।

हमें इस पूरे भाषण का वीडियो अमित शाह के यूट्यूब चैनल पर भी मिला।

यह वीडियो एक साल से ज़्यादा पहले अपलोड किया गया था। 14 मिनट 30 सेकंड पर वह मुस्लिम आरक्षण के बारे में बोलते हुए नज़र आते हैं। वह कहते हैं कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो हम इस असंवैधानिक मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर देंगे। तेलंगाना के एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को जो अवसर मिलना चाहिए, मुस्लिम आरक्षण खत्म करके उन्हें वही दिया जाएगा।

पूरे भाषण में अमित शाह ने कहीं भी सत्ता में आने पर एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की बात नहीं कही।

ताजा घटनाक्रम में, भाजपा की ओर से इस छेड़छाड़ किए गए वीडियो पर मामला दर्ज किया गया है।

दिल्ली पुलिस ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज की।

निष्कर्ष: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का वायरल वीडियो जिसमें उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो वे एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को खत्म कर देंगे, एडिट किया गया है। वायरल दावा झूठा है। इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।