बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का माहौल काफी हद तक दिल्ली से मिलता है। यहां दिल्ली की तरह ही विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोटरों का रुख बदल जाता है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में पाटलिपुत्र में एनडीए उम्मीदवार की जीत हुई है, जबकि छह विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन का कब्जा है। ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। इसके उलट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में आम आदमी पार्टी के पास 62 सीटें हैं, वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 8 सीटें हैं। पाटलिपुत्र की बात करें तो वर्तमान में यहां के सांसद भाजपा के रामकृपाल यादव हैं।
राजद का दावा है कि सभी छह विधानसभा क्षेत्रों पर महागठबंधन का कब्जा है इसलिए इस चुनाव में उनकी स्थिति मजबूत है। वर्तमान में दानापुर से राजद के रीतलाल राय, मनेर से राजद के भाई वीरेंद्र, फुलवारी से सीपीआईएमएल के गोपाल रविदास, मसौढ़ी से राजद की रेखा देवी, पालीगंज से सीपीआईएमएल के संदीप सौरभ और बिक्रम से कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरभ विधायक हैं। हालांकि, एनडीए यह मानने को तैयार नहीं है।
पाटलिपुत्र से तीन बार सांसद रह चुके हैं रामकृपाल यादव
परिसीमन से पहले भी रामकृपाल यादव तीन बार सांसद रह चुके हैं। 2008 के परिसीमन से पहले, पटना लोकसभा क्षेत्र से रामकृपाल तीन बार सांसद चुने गए थे। 1993 और 1996 में वह जनता दल से और 2004 में राजद से चुनाव जीते। इस सीट से 1984 में कांग्रेस के टिकट से डॉ सीपी ठाकुर जीते थे। 1998 और 1999 में डॉ सीपी ठाकुर भाजपा से चुनाव लड़ जीते थे।
1989 में भाजपा के टिकट पर पहली बार शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने पाटलिपुत्र सीट पर जीत दर्ज की थी। 1957 में कांग्रेस के सारंगधर सिन्हा, 1962 में कांग्रेस से रामदुलारी सिन्हा, 1967 और 1971 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रामावतार शास्त्री ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।
2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम
पाटलिपुत्र सीट पर अब तक हुए तीन लोकसभा चुनावों में एनडीए उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है। 2019 के चुनाव में, रामकृपाल यादव ने लालू प्रसाद की बड़ी बेटी और राजद उम्मीदवार मीसा भारती को करीब 39 हजार वोटों से हराया था। रामकृपाल को जहां 47.28% वहीं, मीसा भारती को 43.63% वोट मिले थे। इस बार भी, भाजपा ने रामकृपाल और राजद ने मीसा भारती पर भरोसा जताया है। 2019 के आम चुनाव में रामकृपाल यादव को 5।09 लाख वोट मिले थे। वहीं राजद के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए मीसा भारती को 4.70 लाख मत मिले थे। इस सीट से बसपा ने भी अपना प्रत्याशी चुनाव में उतारा था। बसपा के मोहम्मद कलीमुल्लाह को 14,045 वोट मिले थे। इस सीट पर 25 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे।
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लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम
कभी लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी माने जाने वाले रामकृपाल 2014 के चुनाव से कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की थी। 2014 में भी पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से रामकृपाल यादव का निर्वाचन हुआ था। बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में रहे रामकृपाल को 3.83 लाख वोट मिले थे। उन्होंने मीसा भारती को 40,322 वोटों से हराया था। मीसा को 3.42 लाख वोट हासिल हुए थे।
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क्या था 2009 लोकसभा चुनाव का परिणाम?
पाटलिपुत्र सीट पर 2009 में हुए पहले चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद उम्मीदवार थे। उनके सामने जदयू के टिकट पर उनके पुराने मित्र रंजन प्रसाद यादव थे। इस चुनाव में रंजन प्रसाद यादव ने लालू प्रसाद को हरा दिया था। रंजन प्रसाद को 2.69 लाख वहीं लालू प्रसाद को 2.45 लाख वोट मिले थे।
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का इतिहास
2008 से पहले पटना और बाढ़ दो लोकसभा सीटें थीं। 2008 में परिसीमन हुआ और पटना साहिब और पाटिलपुत्र दो नई लोकसभा सीटें बनीं। परिसीमन के बाद पाटलिपुत्र में 2009 में पहला चुनाव हुआ। इस चुनाव में जदयू के टिकट पर रंजन प्रसाद यादव ने चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की थी। इनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव खुद थे लेकिन लालू यहां से चुनाव हार गए थे। वहीं, पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंदर छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें मनेर, दानापुर, मसौढ़ी, बिक्रम , पालीगंज और फुलवारी हैं। इन छह में से तीन पर राजद उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में विजयी रहे हैं।
लोकसभा चुनाव | जीते | हारे |
2019 | रामकृपाल यादव (भाजपा) | मीसा भारती (राजद) |
2014 | रामकृपाल यादव (भाजपा) | मीसा भारती (राजद) |
2009 | रंजन प्रसाद यादव (जेडीयू) | लालू प्रसाद यादव (आरजेडी) |