उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ सीट से मौजूदा भाजपा सांसद और उम्मीदवार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने 2022 के उपचुनाव में सांसद बनने के बाद से अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई फिल्मों की शूटिंग की है। उन्होंने स्थानीय क्षेत्र में फिल्म उद्योग और पर्यटन को काफी बढ़ावा दिया है। भोजपुरी अभिनेता ने पूर्वी यूपी जिले में शूट की गई लगभग दो दर्जन फिल्मों में कई स्थानीय निवासियों को भी कास्ट किया है।

इन फिल्मों में मंडप, जुगल मास्टर और संकल्प शामिल हैं। हाल ही में, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज़मगढ़ का दौरा किया, तो उन्होंने मजाक में कहा कि यादव को बहुत सारे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को फिल्मों में शामिल नहीं करना चाहिए। उनकी इस हल्की-फुल्की अपील की वजह यह थी कि अगर बहुत सारे बीजेपी कार्यकर्ता फिल्मों में अभिनय करने लगेंगे तो जिले में पार्टी का काम कैसे चलेगा।

भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ संसद में भी काफी एक्टिव हैं। PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि संसद में सेलिब्रिटी सांसदों की उपस्थिति औसतन 56.7% थी। यह सभी सांसदों के औसत (79%) से कम है। 19 सेलिब्रिटी सांसदों में से केवल चार (सभी भाजपा से) की उपस्थिति प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ऊपर थी। जिनमें भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव “निरहुआ” की उपस्थिति सबसे ज्यादा 90% थी।

निरहुआ का रिपोर्ट कार्ड

17वीं लोकसभा में हुई डिबेट की बात की जाये तो निरहुआ ने मात्र 3 डिबेट में हिस्सा लिया। वहीं, लोकसभा में सवाल पूछने की बारी आई तो उन्होंने कुल 36 सवाल सदन में पूछे।

बीजेपी ने इस बार भी निरहुआ पर भरोसा जताया है ऐसे में उनका कहना है कि मेरे लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा यह है कि आज़मगढ़ ने लंबे समय तक समाजवादी पार्टी को जीत दिलाई है और पार्टी ने आज़मगढ़ को कुछ नहीं दिया।

निरहुआ कहते हैं, “हर बार जब वे सीट जीतते थे तो भाग जाते थे। उसके बाद आज़मगढ़ ने हमें डेढ़ साल (2022 उपचुनाव के बाद) मौका दिया और हमने इस अवधि में वह किया जो यहां 50 सालों में नहीं किया गया था। हमने यहां यूनिवर्सिटी बनाई, अटल जी के नाम पर आवासीय विद्यालय बनाया, रिंग रोड बनाई। हमने यहां से फ्लाइट्स भी सुनिश्चित कीं। हमने यहां सड़कें बनाईं जो 40-50 साल से खराब हालत में थीं। यहां सपा के 10 विधायक हैं। मैंने उनके गांवों तक सड़कें बनवाई हैं।”

फिल्में स्थगित कर चुनाव लड़ने आयीं कंगना

वहीं, मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने लोकसभा चुनाव के बीच अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को स्थगित कर दिया। एक साक्षात्कार में, कंगना ने अपनी आगामी परियोजनाओं के बारे में बात की और कहा कि वह इन फिल्मों के लिए प्रतिबद्ध हैं। कंगना ने अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरे पास कई फिल्में हैं, जिनमें ‘इमरजेंसी’, ‘सीता: द इनकारनेशन’, ‘नोटी बिनोदिनी’ और माधवन के साथ एक थ्रिलर शामिल है। मैं इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

चुनाव जीतीं तो फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगी कंगना

कंगना रनौत ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने भविष्य को लेकर एक अहम घोषणा की है। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि अगर वह मंडी निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव जीतती हैं तो वह बॉलीवुड से दूर हो जाएंगी। कंगना रनौत ने कहा कि वह अपनी वर्तमान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के बाद बॉलीवुड को अलविदा कह देंगी। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक ही काम करना चाहूंगी।

बॉलीवुड एक्ट्रेस ने फ़िल्मी दुनिया और पब्लिक सर्विस के बीच असमानता के मुद्दे को उठाया। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “फिल्मी दुनिया झूठी है, वहां सब कुछ नकली है। वे एक बहुत ही अलग वातावरण बनाते हैं, यह एक चमकदार दुनिया है। नकली सेट, फेक बबल जहां दर्शकों तक पहुंचना है। वहीं, यह हकीकत है और मुझे लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना है। अंत में मुझे यह नहीं लगना चाहिए कि कोई और इसे मुझसे बेहतर कर सकता था। बहुत सारी उम्मीदें हैं और मैं पब्लिक सर्विस में नई हूं इसलिए मुझे बहुत कुछ सीखना और करना है। जैसा कि मैं काम पर सीखती हूं, यहां बहुत कुछ दांव पर लगा होता है।”

अरुण गोविल को भी बीजेपी ने दिया टिकट

रामानंद सागर द्वारा बनाई रामायण धारावाहिक में राम का किरदार निभा चुके अरुण गोविल को भाजपा ने मेरठ से अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान राम की तस्वीर लेकर घूमते देखा जा चुका है। इसके अलावा वह वोट मांगते हुए खुद की तुलना राम से कर चुके हैं। वह मतदाताओं को चेतावनी दे रहे हैं कि उनकी हार राम की हार होगी।

बीजेपी ने सनी देओल को भी बनाया था सांसद, पर बेहद खराब रहा उनका र‍िपोर्ट कार्ड

वहीं, राजनीति में प्रवेश करने के सिर्फ 20 दिन बाद 2019 में गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदा सांसद और अनुभवी राजनेता सुनील जाखड़ को हराने वाले लोकप्रिय अभिनेता सनी देओल ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान बिताए समय से भी कम समय बिताया है। सनी इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं।

पहले कुछ सालों में सनी देओल ने गुरदासपुर के लोगों की मांगों के संबंध में केंद्रीय मंत्रियों को कुछ अभ्यावेदन दिए। हालांकि, वह निर्वाचन क्षेत्र के लिए कोई बड़ी परियोजना नहीं ला सके। अगस्त 2023 में जब इलाके के लोग बाढ़ से जूझ रहे थे तब भी वह वापस नहीं लौटे। संसद में उनकी उपस्थिति केवल 17 प्रतिशत रही। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लगातार पिछले तीन सत्रों सहित छह संसद सत्रों में भाग नहीं लिया।

सनी देओल ने लोकसभा में पूछे बस चार सवाल

सनी देओल ने कोई निजी विधेयक पेश नहीं किया। उन्होंने लोकसभा में चार सवाल पूछे और उनमें से केवल एक गुरदासपुर से जुड़ा था। उन्होंने किसी भी बहस में हिस्सा नहीं लिया। सनी पांच साल में अपने सांसद विकास निधि से केवल 7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर सके जबकि उन्हें सालाना 5 करोड़ रुपये मिलते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के आखिरी दो सालों में किसी भी फंड के लिए कोई अनुरोध नहीं किया और उपलब्ध फंड से अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई पैसा खर्च नहीं किया। 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार में भी सनी अनुपस्थित रहे जबकि वह भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों में से थे। इस बीच, देओल अपने संसदीय क्षेत्र से सटे अमृतसर में अपनी फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचे लेकिन वह गुरदासपुर नहीं गये।

17वीं लोकसभा में 50% उपस्थित रहीं हेमा मालिनी

इसी तरह एक और फिल्म स्टार और सांसद हेमा मालिनी की बात की जाये तो 17वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिति 50% रही। उन्होंने 20 डिबेट में हिस्सा लिया और संसद में 105 सवाल पूछे। हेमा तीसरी बार यूपी की मथुरा लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। द प्रिंट के विश्लेषण के मुताबिक, हेमा मालिनी के लगभग 90 फीसदी सवाल सामान्य थे। भले ही उनके रिकमेंड किए गए कामों में से 75 प्रतिशत में सड़कों, ड्रेनेज का निर्माण शामिल है, उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से कोई प्रश्न नहीं पूछा। वह एमपीएलएडी फंड से आवंटित बजट का आधे से अधिक खर्च कर चुकी हैं जबकि उन्हें आवंटित काम का केवल 16.6 प्रतिशत ही पूरा हुआ है।

ये सेलिब्रिटी सांसद सबसे ज्यादा लोकसभा में रहे उपस्थित

19 सेलिब्रिटी सांसदों की सदन में उपस्थिति, पूछे गए सवालों आदि का विश्लेषण किया गया। PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि संसद में सेलिब्रिटी सांसदों की उपस्थिति औसतन 56.7% थी। यह सभी सांसदों के औसत (79%) से कम है। 19 सेलिब्रिटी सांसदों में से केवल चार (सभी भाजपा से) की उपस्थिति प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ऊपर थी। निवर्तमान लोकसभा में, 10 सेलिब्रिटी सांसद भाजपा के थे, उसके बाद अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के पांच सांसद थे। निरहुआ की उपस्थिति 90% , बंगाली अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी की 88%, भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी की 85% और निशानेबाजी में ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन राठौड़ की संसद में 80% उपस्थिति थी।

वहीं, कम उपस्थिति वाली सूची में अभिनेता ​​सनी देओल (17%), बंगाली अभिनेत्री और गायिका मिमी चक्रवर्ती (21%), बंगाली अभिनेत्री नुसरत जहां (39%), गायक हंस राज हंस (39%), अभिनेत्री किरण खेर (47%) और अभिनेत्री हेमा मालिनी (50%) हैं।

सेलिब्रिटी सांसदों का बहस और चर्चाओं में हिस्सा

सेलिब्रिटी सांसदों में उड़िया अभिनेता अनुभव मोहंती (82) ने सबसे अधिक बहस में भाग लिया, उसके बाद भोजपुरी अभिनेता-गायक रवि किशन (81) ने भाग लिया। अभिनेता सनी देओल और शत्रुघ्न सिन्हा ने किसी भी बहस में हिस्सा नहीं लिया।

सदन में सवाल भी नहीं पूछते सेलिब्रिटी सांसद

17वीं लोकसभा में प्रत्येक सांसद ने औसतन 210 प्रश्न पूछे। 19 सेलिब्रिटी सांसदों में से केवल चार ने राष्ट्रीय औसत से अधिक या उससे अधिक प्रश्न पूछे, जिनमें रवि किशन (480), मनोज तिवारी (395) और लॉकेट चटर्जी (295) शामिल हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने कोई प्रश्न नहीं पूछा, बंगाली अभिनेत्री-निर्देशक सताब्दी रॉय बनर्जी ने एक सवाल पूछा, वहीं सनी देओल ने चार सवाल पूछे।