दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में आम आदमी पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा सीबीआई ने सोमवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में अपनी चार्जशीट में आप विधायक दुर्गेश पाठक और चार अन्य का नाम भी शामिल किया है।
इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्रारंभिक FIR में पाठक का नाम नहीं था, हालांकि ईडी ने उनसे दो बार पूछताछ की थी। सीबीआई ने पहले मामले में एक मुख्य चार्जशीट और चार सप्प्लिमेंट्री दायर की थी जिसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तेलंगाना एमएलसी के कविता और 15 अन्य को भी आरोपित किया गया है।
ताजा आरोप पत्र में सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक, अरबिंदो फार्मा के गैर-कार्यकारी निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, हवाला ऑपरेटर विनोद चौहान और बिजनेसमैन आशीष माथुर को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने 29 जुलाई को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में अपने अंतिम आरोप पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित पांच अन्य को नामित किया था।
केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ायी गयी
यह घटनाक्रम दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ाए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। अदालत ने शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी है।
गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया पैसा
इससे पहले मार्च 2024 में दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में ईडी द्वारा दायर एक रिमांड आवेदन में आरोप लगाया गया था कि साउथ ग्रुप (जिसमें दक्षिण भारत के नेता, बिजनेसमैन और बिचौलिए शामिल हैं) ने अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी। आप पर आरोप है कि उसने 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव से पहले अपने अभियान के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि पैसा हवाला नेटवर्क के माध्यम से गोवा पहुंचा था।
दुर्गेश पाठक 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के गोवा प्रभारी थे। इस साल अप्रैल में, केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के साथ पाठक से ईडी ने पीएमएलए मामले में पूछताछ की थी। उनसे पहली बार सितंबर 2022 में पूछताछ की गई थी।
क्या था मामला?
सीबीआई ने अपनी जांच के बाद कहा था कि शराब निर्माताओं द्वारा AAP को लगभग 90 करोड़ से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी जिसका इस्तेमाल पार्टी के चुनाव अभियान में किया गया था। एजेंसी का कहना है कि L-1 लाइसेंस रखने वाले थोक विक्रेताओं के प्रॉफ़िट मार्जिन से उन्हें रिश्वत अलग-अलग तरीकों से लौटाई गई, जैसे अतिरिक्त क्रेडिट नोट जारी करना, बैंक ट्रांसफर और दक्षिण लॉबी के कुछ कॉन्सस्पीरेटर्स की कंपनियों के खातों में छोड़ी गई बकाया राशि। .
इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि उत्पाद शुल्क नीति के प्रावधानों का उल्लंघन करके शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के बीच एक कार्टेल बनाया गया था, जिसे बाद में राज्य सरकार ने खत्म कर दिया था और सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ।
अरविंद केजरीवाल को बताया घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता
मार्च 2024 में गिरफ्तार किए गए आप संयोजक केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति घोटाले का प्रमुख साजिशकर्ता करार देते हुए सीबीआई ने कहा था कि शराब व्यापारी मगुंटा श्रीनिवासलु रेड्डी ने 16 मार्च, 2021 को दिल्ली सचिवालय में केजरीवाल से मुलाकात की और अपने लिए शराब कारोबार में समर्थन का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इसका आश्वासन दिया और मामले में सह-अभियुक्त के कविता से संपर्क करने का निर्देश दिया। अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोप पत्र में “किंगपिन” कहा गया था।
सीबीआई ने घोटाले में सीएम की प्रत्यक्ष संलिप्तता का आरोप लगाया है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपने आवास पर ड्राफ्ट GoM (मंत्रियों का समूह) नीति रिपोर्ट DANICS अधिकारी सी अरविन्द को सौंपी थी। आईएएस अधिकारी, जिन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम सिसौदिया के सचिव के रूप में भी काम किया है ने अपने बयान में कहा है कि रिपोर्ट उन्हें मार्च 2021 में दी गई थी जब सिसोदिया ने उन्हें सीएम आवास पर बुलाया था।
अंतिम आरोप पत्र में कई नए सबूत
जीओएम रिपोर्ट का ड्राफ्ट नई आबकारी नीति थी जिसमें कथित तौर पर शराब कार्टेल को लाभ पहुंचाने के लिए हेरफेर किया गया था। DANICS अधिकारी ने यह भी गवाही दी थी कि AAP के संचार प्रभारी, विजय नायर, कंप्यूटर में फीड करने के लिए उत्पाद शुल्क नीति की एक कॉपी लाए थे जब केजरीवाल वहां मौजूद थे।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी आबकारी घोटाले को लेकर बुरी तरह फंसी हुई है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह इसी घोटाले को लेकर 6 महीने जेल की सजा काट चुके हैं।
दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में फंसी आप
इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड में हुए घोटाले को लेकर भी ईडी लगातार छापेमारी कर रही है। इस मामले में दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने आरोप लगाया है कि राजधानी में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अपग्रेडेशन को लेकर 1943 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। ईडी ने अप्रैल 2024 में कहा था कि दिल्ली जल बोर्ड के घोटाले में जो रिश्वत ली गई है उसका पैसा AAP के चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने रिश्वत के रूप में लिए गए दो करोड़ रुपए बोर्ड में काम करने वाले अपने सहयोगियों और आप को चुनाव फंड के रूप में दिए थे।
साथ छोड़ रहे कार्यकर्ता
आप संयोजक जहां जेल में बंद हैं वहीं, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी अब साथ छोड़ रहे हैं। हाल ही में आप के छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर चार अन्य पार्टी नेताओं के साथ हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए थे। करतार के साथ छतरपुर वार्ड पार्षद उमेश सिंह फोगाट, आप कार्यकर्ता रत्नेश गुप्ता और सचिन राय और पटेल नगर की पूर्व विधायक वीणा आनंद भी भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद जो अप्रैल में आप छोड़कर बसपा में शामिल हो गए थे, वह भी हाल में भाजपा में शामिल हो गए।
