Delhi Mukhyamantri Mahila Samman Yojana: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने समाज के सभी वर्गों को साधने के साथ ही महिला मतदाताओं पर विशेष रूप से फोकस करना शुरू किया है। इसी को देखते हुए आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की राशि को बढ़ाकर 1000 से 2100 रुपये करने का ऐलान किया गया लेकिन दिल्ली सरकार के फाइनेंस डिपार्टमेंट यानी वित्त विभाग ने इस योजना पर आने वाले खर्च को लेकर चिंता जताई है।
विभाग ने कहा है कि अगर इस योजना को अमल में लाया गया तो इसका बोझ दिल्ली सरकार के खजाने पर पड़ेगा।
फाइनेंस डिपार्टमेंट ने कहा है कि अगर इस योजना को लागू किया गया तो सब्सिडी पर आने वाला खर्च 15% से बढ़कर 20% हो जाएगा और ऐसे में लोन के जरिए इस योजना को लागू करना ठीक नहीं होगा।
ऐसे में सवाल यह है कि फाइनेंस डिपार्टमेंट की चिंता के बाद भी आप सरकार इस योजना पर आगे क्यों बढ़ना चाहती है?

दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासनिक विभाग का कहना है कि प्रक्रिया तो यह है कि कैबिनेट की बैठक बुलाने से पहले कम से कम 2 दिन पहले सूचना दी जानी चाहिए लेकिन आतिशी कैबिनेट ने जिस दिन सुबह 10 बजे बैठक की, उसी दिन 1:10 पर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के बाद इस योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये दिए जाने का ऐलान कर दिया।
रोडमैप तैयार होने के बाद ही लाई जाए योजना
वित्त विभाग ने दिल्ली की मौजूदा आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सरकार को सलाह दी थी कि जब तक एक ठोस योजना और रोडमैप तैयार न हो, इस योजना को न लाया जाए। लेकिन इसके जवाब में मुख्यमंत्री आतिशी ने वित्त विभाग की चिंताओं को ‘अड़चनें पैदा करने वाला रवैया’ बताया। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में इसी तरह की रुकावटों की वजह से मौजूदा योजनाएं और कामकाज बाधित हुआ है।
दिल्ली में हैं 64 लाख महिला मतदाता
मतदाता सूची के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 64 लाख महिला मतदाता हैं, जिनमें से 10 लाख महिलाएं टैक्सपेयर्स हैं और 4.5 लाख महिलाएं पहले से ही पेंशन योजनाओं का लाभ उठा रही हैं। आतिशी सरकार ने अनुमान लगाया है कि 38 लाख महिलाओं को महिला सम्मान योजना का फायदा मिल सकता है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों से हैं।
आप के एक नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “चुनाव नजदीक आ रहे हैं और महिला सम्मान योजना पार्टी के प्रमुख वादों में से एक थी। इसे बजट में प्रस्तावित किया गया था और सरकार ने वादा किया था कि इसे इस साल के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। अगर इस योजना की घोषणा समय पर नहीं की जाती, तो विपक्ष को मौका मिल जाता और पार्टी को नुकसान हो सकता था।”

बसों में मुफ्त यात्रा का चुनावी दांव
आप नेता ने कहा कि इसलिए कैबिनेट द्वारा इस योजना को मंजूरी देना और आप प्रमुख की यह घोषणा कि मासिक भत्ता बढ़ाया जाएगा, यह बड़ा कदम है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा का फायदा भी दे रही है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 100 करोड़ से ज़्यादा टिकटें बिक चुकी हैं।
बीजेपी को तीन राज्यों में मिली जीत
याद दिलाना होगा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को महिलाओं के लिए ऐसी योजनाओं का फायदा मिला था। बीते साल दिसंबर में इन राज्यों में हुए चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। हाल ही में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और महायुति की जीत में माझी लाड़की बहिन योजना का बड़ा रोल माना गया था। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार महतारी वंदन योजना जबकि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना चला रही है।
ऑटो चालकों से किए बड़े वादे
हाल ही में आम आदमी पार्टी ने ऑटो चालकों की बेटी की शादी के लिए 1 लाख रुपए दिए जाने, होली-दिवाली पर वर्दी के लिए ढाई-ढाई हजार रुपए देने, 10 लाख रुपए का लाइफ इंश्योरेंस देने, 5 लाख का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस देने और ऑटो चालकों के बच्चों की कोचिंग का पैसे देने का वादा किया था।
इसके अलावा बुजुर्गों के लिए दिल्ली सरकार मुफ्त तीर्थ यात्रा योजना चला रही है और इस योजना के तहत 84,000 से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक पूरे भारत में विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके हैं।
पिछले दो चुनाव में मिली प्रचंड जीत
दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एकतरफा लहर चली थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 67 जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2013 के विधानसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन तब यह सरकार सिर्फ 49 दिन तक ही चली थी और केजरीवाल के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की वजह से सरकार गिर गई थी।
आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन की अटकलों को खारिज कर चुकी है। पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी ने अब तक 31 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी 21 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से लोगों के नाम हटाए गए हैं। चुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा वोटर्स के नाम कटवा रही है।

सतर्क हैं केजरीवाल
इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बीजेपी से जोरदार चुनौती मिल रही है। बीजेपी अपने तमाम बड़े नेताओं को विधानसभा का चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा चुनाव में उसने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी। हाल ही में दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा और फिर महाराष्ट्र में मिली बड़ी जीत के बाद बीजेपी का अगला लक्ष्य दिल्ली से अरविंद केजरीवाल की सरकार को उखाड़ फेंकना है।
केजरीवाल जानते हैं कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा इसलिए वह समाज के बाकी तबकों के साथ ही महिला वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। आतिशी के रूप में महिला मुख्यमंत्री का चयन कर उन्होंने आप सरकार व पार्टी को महिलाओं का हितैषी दिखाने की कोशिश की है। देखना है कि उन्हें किस हद तक महिला वोटर्स का साथ मिलेगा?