केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के सुदूर नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय विचार फैलाने और स्थानीय लोगों को माओवादी विचारधारा से दूर करने के लिए एक विशेष सार्वजनिक अभियान के तहत 10,000 से अधिक रेडियो सेट वितरित किए हैं। इस क्षेत्र में हिंसक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्लूई) में कमी देखी जा रही है।

अर्धसैनिक बल ने गांवों में सैकड़ों छोटे और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने के बाद हाल ही में लगभग चार महीने की कवायद पूरी की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली में बताया कि गृह मंत्रालय ने इस वर्ष की शुरूआत में 1.62 करोड़ रुपए के बजटीय आबंटन के साथ बस्तर क्षेत्र के सात जिलों के लिए विशेष नागरिक कार्यक्रम शुरू किया था। बीजापुर जिले में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कमांडर ने बताया कि क्षेत्र के दूरस्थ और आंतरिक स्थानों पर तैनात अर्धसैनिक बल की 180 कंपनी द्वारा कुल 10,800 रेडियो सेट वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य लगभग 54,000 व्यक्तियों को जोड़ना है, जिसमें प्रत्येक परिवार को पांच सदस्यों वाली इकाई माना जाएगा।

देश की मुख्य धारा में बने रहने के लिए सरकार ने उठाया कदम

एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि इस विशाल रेडियो वितरण अभियान का उद्देश्य स्थानीय लोगों, आदिवासियों और ग्रामीणों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना है। जब बल मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने के केंद्र सरकार के घोषित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है, ये उपाय स्थानीय समुदाय को माओवादी विचारधारा से दूर करने के लिए उनके साथ जुड़ने का एक हिस्सा हैं ताकि सशस्त्र अभियानों से प्राप्त लाभ जागरूकता और कल्याणकारी पहलों से जुड़ें। उन्होंने बताया कि बल ने स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री के मासिक ‘मन की बात’ संबोधन के अलावा, रेडियो पर प्रसारित होने वाले विभिन्न सरकारी और मनोरंजन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी है। दूसरे अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने बल से दूरदराज के इलाकों में और अधिक रेडियो टावर लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराने को भी कहा है ताकि इन इलाकों के निवासी राज्य और देश में हो रही गतिविधियों को सुन सकें।

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सीआरपीएफ की निर्धारित 180 कंपनियों में से प्रत्येक को वितरण के लिए 60 रेडियो दिए गए। अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान के लिए सीआरपीएफ को इसलिए चुना गया क्योंकि यह वह प्रमुख बल है जिसने छत्तीसगढ़ में विशिष्ट नक्सल-रोधी अभियानों के संचालन के लिए अग्रिम परिचालन अड्डे बनाए हैं और सबसे अधिक नक्सल-हिंसक क्षेत्रों में तैनात है।

विशेष अभियान के लिए खरीदे गए इन रेडियो सेट को सूखी बैटरियों का उपयोग करके या सीधे बिजली बोर्ड कनेक्शन के माध्यम से संचालित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक रेडियो सेट की कीमत लगभग 1,500 रुपए है और यह एफएम, एमडब्लू और एसडब्लू चैनल का प्रसारण करता है।