पेरिस से लौटने के बाद जब पहलवान विनेश फोगाट दिल्ली पहुंचीं तो यहां उनका स्वागत रोहतक से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किया। एयरपोर्ट से हरियाणा के लिए विनेश के स्वागत में निकाले गए विशाल रोड शो में दीपेंद्र हुड्डा फ्रंट फुट पर दिखाई दिए। कांग्रेस का यह कदम हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने की रणनीति का हिस्सा है।
हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के लोग बड़ी बेसब्री से 1 अक्टूबर का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे बीजेपी की नाकारा सरकार को एक दिन के लिए भी बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं।
हुड्डा ने नारा दिया है- अक्टूबर 4, बीजेपी हरियाणा से बाहर।

एयरपोर्ट से निकाले गए रोड शो में विनेश फोगाट के साथ ही पहलवान साक्षी मलिक, अंशु मलिक और बजरंग पूनिया भी थे। यह सभी पहलवान बीजेपी के पूर्व सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के विरोध में किए गए प्रदर्शन का मुख्य चेहरा थे।
एकजुट होंगे कांग्रेस के दिग्गज?
ऐसा लगता है कि विनेश फोगाट ने कांग्रेस में दिग्गज नेताओं के खेमों को एकजुट होने के लिए एक मुद्दा दे दिया है क्योंकि हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा सांसद रणजीत सिंह सुरजेवाला और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा जैसे बड़े नेताओं ने पहलवानों के आंदोलन के दौरान खुलकर उनका समर्थन किया था।

कांग्रेस के इन सभी नेताओं ने इस बात की खुलकर मांग की थी कि विनेश फोगाट को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जैसा सम्मान दिया जाए। हुड्डा तो इससे काफी आगे निकल गए थे और कहा था कि अगर उनके पास विधानसभा में संख्या बल होता तो वह विनेश फोगाट को हरियाणा से राज्यसभा भेज देते।
हरियाणा में भाजपा की अगुवाई वाली नायब सिंह सैनी सरकार ने घोषणा की थी कि विनेश फोगाट को वही सुविधाएं दी जाएंगी जो रजत पदक विजेता को दी जाती हैं। लेकिन चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है इसलिए सीएम सैनी के ऐलान से विनेश को मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लग सकती है।
लोकसभा चुनाव में वोट शेयर बढ़ने के बाद से ही कांग्रेस ने आक्रामक रूख अपनाया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले पार्टी का वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है और पार्टी ने अपनी सीटों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है।
हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
लोकसभा चुनाव के नतीजे के मुताबिक 90 सीटों वाली हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी 44 सीटों पर आगे रही है जबकि कांग्रेस भी बहुत पीछे नहीं रही है और उसने 42 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी चार सीटों पर आगे रही है।
एमएसपी को कानूनी गांरटी देने का मुद्दा उठा रही कांग्रेस
हरियाणा में कांग्रेस के पास एक और मुद्दा है जिस पर वह बीजेपी को आने वाले दिनों में घेर सकती है। यह मुद्दा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का है। हाल ही में नायब सिंह सैनी सरकार ने ऐलान किया था कि उनकी सरकार राज्य की सभी 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी लेकिन ऐसा दिख रहा है कि उनके इस ऐलान का किसानों पर बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है और उन्होंने इसे एक राजनीतिक स्टंट करार दिया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और पांच अन्य राज्यों के किसान नेताओं से पिछले महीने मुलाकात कर उनकी बातों को सुना था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी किसानों की एमएसपी की मांग का समर्थन किया है।

सैनी सरकार सतर्क, उठाए किसानों के लिए कदम
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा था लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी अब किसानों के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रही है। पिछले हफ्ते नायब सिंह सैनी सरकार ने लगभग 5.2 लाख किसानों के खाते में 525 करोड़ रुपए बोनस की पहली किस्त भेजी थी।
सैनी सरकार की ओर से इस साल मानसून में बारिश कम होने के बाद खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ की सहायता की घोषणा की गई थी। बीजेपी सरकार ने एंटी इनकंबेंसी से निपटने की कोशिश में कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी ऐलान किया है। इसके तहत सरपंचों को और ज्यादा वित्तीय ताकत देना, सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने की प्रक्रिया में सुधार करना और किसानों के लिए एमएसपी का ऐलान प्रमुख है।

अग्निवीर योजना का होगा चुनाव में असर?
कांग्रेस ने हरियाणा में अग्निपथ योजना की भी जोरदार मुखालफत की है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कई बार इस बात का वादा किया कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि अग्निपथ योजना की वजह से हरियाणा के युवा सेना में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। हरियाणा से पहले 5500 युवा सेना में भर्ती होते थे लेकिन अग्निपथ की वजह से यह संख्या गिरकर सिर्फ 900 रह गई है और इसमें से भी सिर्फ 200 युवा ही 4 साल के बाद सेवा में स्थाई रूप से रह पाएंगे।
हुड्डा सवाल उठाते हैं कि बाकी बचे हुए जवान कहां जाएंगे और उनकी गिनती भी हजारों बेरोजगार युवाओं में होगी।
हरियाणा में अग्निपथ योजना को लेकर बढ़ते विरोध के बाद नायब सिंह सैनी सरकार ने पिछले महीने ऐलान किया था कि वह अग्निवीरों को राज्य सरकार की नौकरियों में 10% का क्षैतिज आरक्षण देगी।
बेरोजगारी भी बनेगी चुनावी मुद्दा?
लोकसभा चुनावों की तरह ही विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में भी बेरोजगारी के मुद्दे के हावी रहने की संभावना है। राज्य सरकार ने हाल ही में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से ‘रोज़गार गारंटी’ सहित कई भर्ती अभियान चलाए हैं लेकिन आदर्श आचार संहिता के कारण इन पर रोक लग सकती है।